प्रस्तुत लेख हिंदी विभाग के नन्हे मेहमानों को समर्पित है इस लेख में आप शिक्षाप्रद मनोरंजक और आनंद से परिपूर्ण कहानियां पढ़ेंगे। यह कहानी पंचतंत्र शैली पर आधारित है जो हिंदी विभाग के नन्हे मेहमानों को काफी पसंद आती है।
Today we are writing for you hindi funny story to have a laugh. It is very interesting and funny story in hindi revolves around a naughty monkey.
Hindi funny story – haasya kahani शिक्षाप्रद हास्य कहानियाँ
इस लेख में आप हास्य कहानी का संकलन पढ़ेंगे जिसमें अधिक मात्रा में कहानियों का संग्रह किया गया है। Let’s start reading this hindi funny story.
शरारती बंदर – Funny story in hindi
This hindi funny story is divided into different scenes. So read and enjoy
मधुबन नामक वन में एक विशाल जामुन का पेड़ था। गर्मियों का मौसम था, पेड़ पर बड़े ही स्वादिष्ट जामुन आए हुए थे। बंदरों का जमावड़ा जामुन के पेड़ पर लगा रहता था। सभी बंदर उस पेड़ पर खेला-कूदा करते और जामुन तोड़कर खाते थे।एक नौजवान बंदर काफी शरारती था। वह शरारत करते-करते अपनी नाक में जामुन की गुठली अटका लेता है। काफी मशक्कत के बाद भी नाक से जामुन की गुठली नहीं निकाल पाता। एक नाक बंद करके छींकने से भी वह गुठली नहीं निकल पाई। अपने द्वारा किए गए प्रयासों से हारकर वह आदमियों के बस्ती में गया।
गांव में उसे एक हजाम दिखाई दिया। वह बंदर हजाम से गुठली निकालने के लिए कहता है, किंतु हजाम ऐसा करने से मना करता है।
हजाम – तुम्हारी नाक कट भी सकती है।
बंदर – कट जाएगी तो कट जाए, मगर यह गुठली निकालो।
हजाम उसके नाक में नरहन ( नाख़ून काटने वाला औजार ) डालकर गुठली निकालने का प्रयास करता है। किंतु अचानक उसकी नाक कट जाती है। अब वह बंदर रोने और चिल्लाने लगता है।
मेरा नाक लौटाओ नहीं तो नरहन दो।
हजाम नाक तो लौटा नहीं सकता था , उसने बंदर को नरहन दे दिया।
बंदर नरहन लेकर आगे चला , उसे एक कुम्हार दिखाई दिया जो अपने नाखून से मिट्टी खोद रहा था। बंदर ने कुम्हार के पास जाकर पूछता है
बन्दर – नाखून से मिट्टी क्यों खोद रहे हो ?
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कुम्हार – मेरे पास मिट्टी खोदने के लिए कोई औजार नहीं है, इसलिए नाख़ून से खोद रहा हु।
बंदर – अपना नरहन देते हुए उसे कहा लो इससे खोद लो।
कुम्हार – तुम्हारी नरहन टूट जाएगी तो मैं तुम्हें कहां से वापस करूंगा ?
बंदर – टूट जाएगा , तो टूट जाए। मगर तुम नरहन का प्रयोग करोगे तो मुझे अच्छा लगेगा।
कुम्हार बन्दर की नरहन लेकर मिट्टी खोदने लगा। कुछ समय बाद अचानक वह नरहन टूट जाता है।
बंदर अब उत्पात मचाने लगता है कि, मुझे नरहन दो नहीं तो घड़ा दो।
कुम्हार के पास नरहन देने के लिए नहीं था तो उसने एक घड़ा बंदर को दिया।
बंदर व घड़ा लेकर आगे चल देता है। रास्ते में एक ग्वाला दिखाई देता है। वह ग्वाला जूते में दूध दूह रहा था। बंदर ने ग्वाले के पास जाकर कारण पूछा तो ग्वाला बोला –
ग्वाला – यह गाय बहुत बदमाश है , इसने हजारों घड़े तोड़ दिए हैं। अब क्या करूं ? जूते पर लात मारेगी तो यह नहीं टूटेगा।
बंदर – ग्वाले से बोलता है लो मेरे पास एक घड़ा है। तुम इसमें दूध निकालो।
ग्वाला – इस पर भी लात मार के तोड़ देगा तो मैं तुम्हें घड़ा कहां से दूंगा ?
बंदर – मौके का फायदा उठाता है और फिर कहता है टूट जाएगा तो टूट जाए कोई बात नहीं।
ग्वाला उसके घड़े में दूध दुहने लगता है। अचानक गाय एक लात मारती है कि उसका घड़ा टूट जाता है।
बंदर अब जोर – जोर से रोने और चिल्लाने लगता है कि मेरा घड़ा दो और नहीं तो गाय की बछिया दो।
ग्वाला गरीब था , उसने गाय की बछिया उस बंदर को सौंप दिया।
गाय की बछिया को लेकर बंदर आगे चला। आगे उसे एक तेली ( तेल निकालने वाला ) दिखाई देता है , जो तेल पेरने के लिए अपनी बीवी को जानवर के स्थान पर लगाए हुए था।
बंदर तेली के पास गया और इसका कारण पूछा।
तेली – मैं बहुत गरीब हु जानवर खरीदने के लिए पैसे नहीं है , इसलिए हम दोनों मेहनत करके तेल निकलते हैं।
बंदर – कोई बात नहीं मेरे पास यह बछिया है इसका इस्तेमाल करो।
तेली – नहीं मैं इस बछिया का प्रयोग नहीं करुंगा। यह मर जाएगी तो मैं कहां से तुम्हें पैसा दूंगा ?
बंदर – कोई बात नहीं मर जाएगी , तो मर जाएगी कोई बात नहीं।
तैली उस बछिया को तेल निकालने के लिए काम पर लगाता है। काफी समय गुजर जाने के बाद वह बछिया मर जाती है , क्योंकि वह अभी इतनी ताकतवर नहीं थी। बछिया पहली बार इतना कठिन कार्य कर रही थी। उसे पाहि बार तेल पेरने के लिए काम में लगाया गया था। अब बंदर पहले की भांति जोर – जोर से रोने और चिल्लाने लगा – कि मेरी बछिया दो , नहीं तो अपनी बीवी दो।
तैली के पास और कोई उपाय नहीं था तो उसने अपनी बीवी बंदर को सौंप दी।
बंदर तेली की बीवी लेकर आगे चला। फिर उस बंदर को एक बुढ़िया दिखाई पड़ती है जो पकवान बनाने के लिए एक बिल्ली का प्रयोग कर रही थी। वह बिल्ली कड़ाही में पकवान बना रही थी , और उसको जूठा कर रही थी बनाने के साथ – साथ खा भी रही थी। यह देखकर बंदर बुढ़िया के पास पहुंचा और पूछता है –
बन्दर – बूढ़ी माई यह बिल्ली तो पकवान बना रही है और झूठा भी कर रही है ?
बुढ़िया – अब मेरे पास कोई साधन नहीं है मेरा कोई रिस्तेदार भी नहीं है , इसलिए इस बिल्ली को काम पर लगाया है। अब चाहे झूठा करें या साफ रहने दे क्या कर सकते हैं ?
बंदर – बूढी माई मेरे पास एक महिला है उसका प्रयोग कर लो यह पकवान बना देगी।
बुढ़िया – नहीं मैं इसको काम पर नहीं लगा सकती जल जाएगी या मर जाएगी तो कोण जिम्मेवार होगा ?
बन्दर -बंदर कहता है जल जाएगी तो जल जाएगी कोई बात नहीं।
बुढ़िया बन्दर के झांसे में आ जाती है। बन्दर की महिला पकवान बनाने लगती है। वह महिला पकवान बनाना जानती नहीं थी तो उसने गरम कढ़ाई में जैसे ही पकवान डाला वह तेल उछलकर उसके चेहरे पर आ गिरा।
इसके कारण वह जख्मी हो गई , और मर गई।
बंदर ने वहां उत्पात मचाया और कहा कि वह महिला जीवित करके वापस करें नहीं तो पकवान दे।
बुढ़िया उस महिला को जीवित कैसे कर सकती थी ? तो उसने बंदर को एक टोकरा पकवान दिया।
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पकवान को लेकर वह बंदर आगे चल दिया। जोहि आगे चलता है उसे एक बराती की टोली दिखाई देती है। वह बहुत ही भूख और प्यास से तड़प रहे थे। उनके पास खाने के लिए कोई सामान नहीं था , जिसके कारण वह सब बेशुद्ध अवस्था में वहां बैठे हुए थे। बंदर ने उन लोगों से बात करें तो पता लगाया कि उन्हें भूख प्यास लगी है जिसके कारण वह व्याकुल है।
बंदर – बाराती से मेरे पास एक टोकरा पकवान है उसे खाकर अपनी भूख मिटा सकते हो।
बाराती – नहीं हम नहीं खा सकते। हम खा जायेंगे , तुम बाद में वह पकवान मांगने लगेगा तो हम कहां से देंगे ?
बंदर – कोई बात नहीं , यह खाने की चीज है , खत्म हो जाएगी तो कोई बात नहीं।
बारातियों ने उस बंदर का पकवान खा लिया।
कुछ देर बाद बंदर फिर पुनः उत्पात मचाने लगता है कि – वह उसका पकवान वापस लौट लौटा दे नहीं तो ढोलक दे।
बराती पकवान कहां से लाते , इसके बदले में बंदर को ढोलक दे दिया।
बंदर ढोलक लेकर वापस अपने जंगल मधुबन में जाता है और उसी जामुन के पेड़ पर पैर लटकाकर शान से बैठता है , और ढोलक गले में बांधकर जोरदार तरीके से बजाता है – ” नाक देकर नरहन लिया , नरहन देकर घड़ा लिया , घड़ा दे कर बछिया लिया , बछिया देकर महिला ली , महिला देकर पकवान लिया , पकवान देकर ढोलक लिया। यह गाते गाते वह जोर – जोर से ढोलक बजा रहा था , तभी अचानक बजाते – बजाते उसके गले से ढोलक खुलकर नीचे जमीन में गिर गया , और उसके परखच्चे उड़ गए।
बिल्ली बनी दुल्हन (Best hindi funny story)
नाहरगढ़ के राजा सिंहपाल की कोई संतान नहीं थी। राजा इस कारण चिंता में डूबे रहते थे, कि उनके बाद राजगद्दी का उत्तराधिकारी कौन होगा? उनका राज्य आगे कौन चलाएगा? क्या उनका वंश यही तक था? यह सोच कर राजा सिंहपाल और उनकी पत्नी दुखी रहा करते थे। राजा सिंहपाल ने एक बिल्ली पाली हुई थी। बिल्ली जब जवान हुई तो राजा ने सोचा क्यों ना मैं इसका विवाह कराकर पुण्य कमाऊं ? राजा ने प्रसिद्ध चित्रकार को बुलाया और एक 12 वर्ष की कन्या का सुंदर चित्र बनवाया। राजा सिंहपाल ने उस चित्र को आस-पास के राजा के यहां भिजवाया और योग्य वर ढूंढने के लिए कहा।
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विद्यार्थियों के लिए प्रेरणादायक कहानियां Motivational Story For Students
कुम्हरार देश के राजकुमार को कन्या का चित्र पसंद आया। राजकुमार ने कन्या को पसंद किया और उससे विवाह का प्रस्ताव राजा सिंहपाल के यहां भिजवा दिया। दिन मुहूर्त तय होने पर सिंहपाल ने कुम्हरार देश के राजकुमार के साथ अपनी बिल्ली का विवाह करने की घोषणा की। बिल्ली को कन्या के भेष में तैयार कराया गया। ठीक जिस प्रकार कन्या श्रृंगार करती है , साड़ी पहनती है उसी प्रकार बिल्ली को तैयार किया गया। बिल्ली को कन्या की भांति ही मंडप में बिठाया गया। बिल्ली इतनी प्रशिक्षित थी , कि वह कन्या की भांति बैठी रही और अपने हाथ – पैर को साड़ी में छिपाई रही।
विवाह के पश्चात
कुम्हरार देश के राजकुमार अपनी पत्नी को लेकर अपने देश लौट जाते हैं। उस दिन राजकुमार की माताजी को यह पता चल जाता है , यह कोई कन्या नहीं बल्कि एक बिल्ली है। इस कारण राजकुमार की माँ ने राजकुमार से अभी कन्या बानी बिल्ली से नहीं मिलवाया था। बिल्ली को राजकुमार की माता ने स्वीकार कर लिया था। बिल्ली अपने रोजमर्रा का कार्य भी नहीं कर पा रही थी पोछा लगाते समय वह अपने पुंछ में एक कपड़ा बांध लेती और पूरे घर में पोछा लगाती , उसी प्रकार झाड़ू को अपनी पूछ में बांधकर पूरे घर में सफाई करने का प्रयास करती और म्याऊं – म्याऊं कर रोती , करूँण विलाप करती और कहती ” म्याऊं – म्याऊं ना मेरे हाथ – पैर कैसे झाड़ू – पोछा करूँ म्याऊं-म्याऊं ”
एक दिन की बात है बिल्ली खाना बना रही थी और करण स्वर में रो रही थी ” ना मेरे हाथ – पैर मैं कैसे खाना बनाऊं ?” इस करुण स्वर को सुनकर पृथ्वी पर भ्रमण करने आए शंकर – पार्वती आश्चर्यचकित रह गए। आवाज सुनकर पार्वती देवी ने कहा कि ” हे देव कोई करुण स्वर में रो रहा है , और हमें बुला रहा है। हमें तत्काल उसकी सहायता के लिए चलना चाहिए ” महादेव ने समझाया देवी यह मृत्यु लोक है यहां मोह – माया लगा रहता है।
किंतु पार्वती के हठ पर महादेव को मानना पड़ा और तत्काल बिल्ली के पास जाना पड़ा।
बुद्धिमान राजकुमार की कहानी Rajkumar ki kahani
बिल्ली से उसके रोने का कारण पूछा तो बिल्ली ने पूरी घटना को विस्तार सहित बता दिया। किस प्रकार राजकुमार से मेरा विवाह हुआ , और मैं कोई कार्य नहीं कर पा रही हूं। राजकुमार को यदि मेरा वास्तविक रूप का पता चलेगा तो वह बहुत दुखी होंगे , अभी तक राजकुमार ने मेरा मुख भी नहीं देखा है। देवी पार्वती को दया आती है , उन्होंने महादेव से आग्रह किया ” महादेव आप इस बिल्ली को एक सुंदर कन्या के रूप में बदल दीजिए और इसको दीर्घायु प्रदान कीजिए ” महादेव , पार्वती के इस आग्रह को टाल नहीं पाए और उन्होंने बिल्ली को सचमुच की राजकुमारी बनाकर उसे दीर्घायु प्रदान किया।
बिल्ली अपने नए रूप को पाकर बहुत ही प्रसन्न हुई उसने शंकर पार्वती को दिल से धन्यवाद दिया। इस खुशी को अपनी सास से बांटने के लिए उनके पास गई और सासु मां के चरण दबाते हुए उसने सारा वृत्तांत सुना दिया। इस रूप को देखकर सास भी अति प्रसन्न हुई। उस दिन से दोनों ने शंकर – पार्वती की आराधना शुरू कर दी। बिल्ली को नया जीवन मिला कुछ दिन बाद राजकुमार से राजकुमारी का भेंट करवाया गया और अपने गृहस्थ जीवन को जीने के लिए उन दोनों ने एक नया जीवन प्रारंभ किया।
So this is the end of this hindi funny story.
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समापन
उपरोक्त लेख बाल पाठकों को ध्यान में रखकर साधारण शैली में लिखा गया है। हमारे नन्हे पाठक स्वयं से पढ़कर आनंद ले सकें। आशा है उपरोक्त लेख आपको पसंद आया हो। अपने सुझाव कमेंट बॉक्स में अवश्य लिखें, आपको उपरोक्त कहानियां कैसी लगी।
Nice stories. I love to read these kinds of stuffs.
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This is one of the best funny stories in hindi I read till now.
Thank you, Hindi Vibhag
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मुझे यह कहानी बहुत अच्छी लगी
बहुत अच्छी कहानियां है आपकी सभी. आपकी वेबसाइट पर मुझे हिंदी कहानियां पढ़ना बहुत अच्छा लगता है. हालांकि आपके सभी लोग बहुत अच्छे होते हैं जिन्हें पढ़कर हर बार कुछ ना कुछ नया सीखने को मिलता है.
Kataye intresting story hai sundar aap aise hi likhte rahe
This is an interesting story. Thank you for the story Hindi Vibhag
Bhaiya maja aa gya
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