7 Best Hindi motivational stories – प्रेरणादायक कहानियां

जब मनुष्य को जीवन में असफलता का सामना करना पड़ता है तब उसे प्रेरणा की सबसे ज्यादा जरूरत होती है। सफलता पाने के लिए तथा जीवन में कुछ कर दिखाने के लिए हमें कई बार प्रेरणादायक शब्दों तथा कहानियों की जरूरत पड़ती है। कई बार यह काम माता-पिता, भाई बहन अथवा समाज के लोग करते हैं। आज हम कुछ इसी प्रकार की कहानियां आपके सामने लेकर आए हैं जो हमें अपने घरों में एक दूसरे को जरूर सुनानी चाहिए ताकि हम सभी का जीवन बेहतर बन सके और हम समाज का कल्याण करने में भागीदार बने। यहां पर 7 से भी ज्यादा कहानियां आपको पढ़ने को मिलेगी इसलिए ध्यानपूर्वक पढ़िएगा और अंत में अपने विचार भी जरुर प्रकट करिएगा।

Table of Contents

1. जीवन बदलने वाली गुरु की शिक्षा ( Hindi motivational stories )

गुरु रामस्वरूप अपने शिष्यों के साथ आश्रम के लिए भिक्षाटन पर निकले थे। वह अपने गुरुकुल में भोजन की व्यवस्था भिक्षा मांग कर ही किया करते थे।जब वह एक कस्बे से दूसरे कस्बे की ओर जा रहे थे, रास्ते में खेत-बधार मिलने लगे।

किसी खेत में हरी-भरी फसल खड़ी तो कोई खेत बंजर नजर आ रहा था। ऐसे ही एक बंजर खेत पर किसान कुछ बुवाई करने के लिए खेत को जोत रहा था। वहीं पेड़ के नीचे उसने अपना सारा सामान, पोटली आदि रखा हुआ था। गुरु रामस्वरूप के शिष्यों में एक शिष्य शरारती था, वह शरारती स्वभाव के कारण किसान की रखी हुई पोटली उठा लाया।गुरु रामस्वरूप को जब ज्ञात हुआ कि उसके शिष्य ने कुछ शरारत किया है।

गुरु ने शिष्य को समझाया – ‘पुत्र इस प्रकार तुम उस गरीब किसान की पोटली चुरा कर उसे कष्ट दे रहे हो! यह कार्य तुम्हें शोभा नहीं देता। तुम उस किसान को दुखी करके अपने ईश्वर को दुखी करोगे। तुम्हें जो पैसे भिक्षा में मिले हैं उसे ले जाकर उसी स्थान पर पोटली सहित रख दो और फिर किसान का भाव देखो।’ शिष्य ने ऐसा ही किया -वह पोटली और पोटली के नीचे भिक्षा में मिले हुए पैसे रख आता है। गरीब किसान काफी दिनों से परेशान था, उसके घर में उसकी माता की तबीयत खराब थी दवाई के लिए कुछ प्रबंध नहीं हो पा रहा था।

जब किसान खेत का काम निपटा कर बैठा और उसने अपनी पोटली उठाकर देखी तो उसके नीचे कुछ पैसे थे, उसने इधर-उधर देखा किंतु कोई नजर नहीं आया। किसान पैसे लेकर बहुत खुश हुआ और ऊपर दोनों हाथ करते हुए ईश्वर को धन्यवाद करता रहा। संभवत उसके माता के लिए दवाई का प्रबंध हो गया था। वह खुशी से आंसू बहाता और दोनों हाथ से पोंछता जाता।

यह सभी दृश्य गुरु रामस्वरूप और उनके शिष्य छुप कर देख रहे थे।

कहानी से सीख – किसी भी व्यक्ति को दुखी करने के बजाए अगर खुश करने की कोशिश की जाए तो यह खुशियां दुगनी हो जाती है।

Author name : Ramadhar verma ( प्रवक्ता हिंदी )

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2. अपनी पहचान कैसे बनाएं

( Hindi motivational story for identity development )

एक प्रसिद्ध लेखक पत्रकार और राजनयिक पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ जो बेहद ही हंसमुख स्वभाव और आकर्षक व्यक्तित्व के धनी है। उनकी पत्रकारिता देश ही नहीं अपितु विदेश में भी प्रसिद्ध है। उन्होंने वैसे जगह पर भी पत्रकारिता की है जहां अन्य पत्रकारों के लिए संभव नहीं है।उनकी हसमुख प्रवृत्ति और हाजिर जवाब का कोई सानी नहीं है। एक समय की बात है पुष्पेंद्र एक सभा को संबोधित कर रहे थे , सभा में जनसैलाब उमड़ा था , लोग उन्हें सुनने के लिए दूर-दूर से आए हुए थे।

जब वह अपना भाषण समाप्त कर बाहर निकले , तब उनकी ओर एक भीड़ ऑटोग्राफ के लिए बढ़ी। पुष्पेंद्र उनसे बातें करते हुए ऑटोग्राफ दे रहे थे। तभी एक नौजवान उस भीड़ से पुष्पेंद्र के सामने आया उस नौजवान ने उनसे कहा -” मैं आपका बहुत बड़ा श्रोता और प्रशंसक हूं , मैं साहित्य प्रेमी हूं , जिसके कारण मुझे आपकी लेखनी बेहद रुचिकर लगती है। इस कारण आप मेरे सबसे प्रिय लेखक भी हैं। मैंने आपकी सभी पुस्तकें पढ़ी है और आपके व्यक्तित्व को अपने जीवन में उतारना चाहता हूं। किंतु मैं ऐसा क्या करूं जिससे मैं एक अलग पहचान बना सकूं। आपकी तरह ख्याति पा सकूं।”

ऐसा कहते हुए उस नौजवान ने अपनी पुस्तिका ऑटोग्राफ के लिए पुष्पेंद्र की ओर बढ़ाई।

पुष्पेंद्र ने उस समय कुछ नहीं कहा और उसकी पुस्तिका में कुछ शब्द लिखें और ऑटोग्राफ देकर उस नौजवान को पुस्तिका वापस कर दी।

इस पुस्तिका में यह लिखा हुआ था  –

” आप अपना समय स्वयं को पहचान दिलाने के लिए लगाएं ,

किसी दूसरे के ऑटोग्राफ से आपकी पहचान नहीं बनेगी।

जो समय आप दूसरे लोगों को लिए देते हैं

वह समय आप स्वयं के लिए दें। “

नौजवान इस जवाब को पढ़कर बेहद प्रसन्न हुआ और उसने पुष्पेंद्र को धन्यवाद कहा कि – मैं आपका यह वचन जीवन भर याद रखूंगा और अपनी एक अलग पहचान बना कर दिखाऊंगा। “

पुष्पेंद्र ने उस नौजवान को धन्यवाद दिया और सफलता के लिए ढेर सारी शुभकामनाएं भी दी।

Moral of the story

What we learn from this hindi motivational story?

  • Create your own unique personality and identity instead of following others.
  • The one who follows will always have to remain under the shadow of the topper.
  • The biggest thing in life is the respect and uniqueness for which people remember you.
  • So stop following. Start creating followers.

If you are a student from class 8 or 9 then you can also read Hindi stories for class 8  and Hindi stories for class 9 with moral values in Hindi and English.

3. कोई काम छोटा या बड़ा नहीं होता है

( Short hindi motivational story )

एक समय की बात है गुरु अपने शिष्यों के साथ कहीं दूर जा रहे थे। रास्ता काफी लंबा था चलते – चलते सभी थक से गए थे। अब उन्हें विश्राम करने की इच्छा हुई , किंतु अगर विश्राम करते तो गंतव्य स्थल पर पहुंचने में अधिक रात हो जाती। इसलिए वह लोग निरंतर चल रहे थे। रास्ते में एक नाला आया जिस को पार करने के लिए लंबी छलांग लगानी थी। सभी लोगों ने लंबी छलांग लगाकर नाले को पार किया। किंतु गुरुजी का कमंडल उस नाले में गिर गया। सभी शिष्य परेशान हुए एक शिष्य गोपाल कमंडल निकालने के लिए सफाई कर्मचारी को ढूंढने चला गया। अन्य शिष्य बैठकर चिंता करने लगे , योजना बनाए लगे आखिर यह कमंडल कैसे निकाला जाए ?

गुरु जी परेशान होने लगे क्योंकि गुरुजी ने सभी को स्वावलंबन का पाठ पढ़ाया था। उनकी सिख पर कोई भी शिष्य अमल नहीं कर रहा है। अंत तक वास्तव में कोई भी उस कार्य को करने के लिए अग्रसर नहीं हुआ , ऐसा देखकर गुरु जी काफी विचलित हुए। एक शिष्य मदन  उठा और उसने नाले में हाथ लगा कर देखा , किंतु कमंडल दिखाई नहीं दिया। क्योंकि वह नाले के तह में जा पहुंचा था तभी मदन ने अपने कपड़े संभालते हुए नाले में उतरा और तुरंत कमंडल लेकर ऊपर आ गया।

गुरु जी ने अपने शिष्य मदन  की खूब प्रशंसा की और भरपूर सराहना की उसने तुरंत कार्य को अंजाम दिया और गुरु द्वारा पढ़ाए गए पाठ पर कार्य किया। तभी शिष्य गोपाल जो सफाई कर्मचारी को ढूंढने गया था वह भी आ पहुंचा , उसे अपनी गलती का आभास हो गया था।

Moral of this hindi motivational story

कोई भी कार्य छोटा या बड़ा नहीं होता है , अपना काम स्वयं करना चाहिए।

किसी भी संकट में होने के बावजूद भी दूसरे व्यक्तियों से मदद कम से कम लेना चाहिए।

4. कोई छोटा बड़ा नहीं ( One of the Best Hindi motivational stories )

एक छोटे से कस्बे में शंभू शिल्पकार रहता था। वह पहाड़ों से बड़े-बड़े पत्थर तोड़कर लाता और उसे आकार देकर मूर्तियां बनाता। इस रोजगार में मेहनत बहुत ज्यादा थी , आमदनी कम।

दिन भर धूप पसीने में काम करते हुए शंभू पत्थर तोड़ता। यह काम उसके पूर्वज भी किया करते थे।

शंभू काम करते हुए सोचता है , यह छोटा-मोटा काम करने से क्या फायदा? ठीक से दो वक्त की रोटी भी नसीब नहीं होती।  मैं बड़ा आदमी बन जाऊं तो काम भी ज्यादा नहीं करना होगा और बैठकर आराम से ऐस मौज करूंगा। एक रोज वह ऐसे नेता को देखता है , जिसके आगे पीछे हमेशा भीड़ रहती है। उसको हाथ जोड़कर प्रणाम करने वाले सैकड़ों लोग खड़ी रहती हैं।  शंभू ने नेता बनने की ठान ली , कुछ दिनों में वह नेता बन गया। नेता बनने के बाद जब वह एक रैली कर रहा था ,  धूप काफी तीव्र थी। धूप की गर्मी वह सहन नहीं कर पाया और बेहोश होकर वहीं गिर गया।

होश आने पर उसने पाया वह बिस्तर पर लेटा हुआ है।

बिस्तर पर लेटे लेटे वह सोचने लगा कि नेता से बलवान वह सूर्य है जिसकी गर्मी कोई सहन नहीं कर पाता।  मुझे अब सूर्य बनना है।  कुछ दिनों बाद वह सूर्य भी बन गया। शंभू अब गर्व से चमकता रहता और भीषण गर्मी उत्पन्न करता। तभी उसने देखा एक मजदूर खेत में आराम से काम कर रहा है। उसने गर्मी और बढ़ाई मगर मजदूर पर कोई फर्क नहीं पड़ा। विचार किया तो उसे मालूम हुआ। ठंडी-ठंडी हवा पृथ्वी पर बह रही है , तब शभु ने विचार किया। हवा बनकर मैं और शक्तिशाली बन जाऊंगा , कुछ दिनों बाद वह हवा बन गया।

हवा बनकर वह इतराता-इठलाता इधर-उधर घूमने लगा।

अचानक उसके सामने विकराल पर्वत आ गया , जिसके पार वह नहीं जा सका। तब उसने सोचा मैं इससे भी बड़ा पर्वत बनकर रहूंगा। कुछ समय बाद वह विशालकाय पर्वत बन गया।

अब उसे अपने आकार और शक्तिशाली होने का घमंड हो गया।

कुछ दिनों बाद उसे छेनी-हथौड़ी की आवाज परेशान करने लगी।

वह काफी परेशान हो गया , उसकी आवाज इतनी कर्कश थी जो उसके शरीर को तोड़े जा रही थी।

आंख खुली तो उसने देखा एक शिल्पकार उसके पर्वत को तोड़ रहा है।

लेकिन अब वह मजदूर नहीं बनना चाहता था। वह काफी परेशान था , नींद खुली तो उसने आईने में पाया –

वह जो विशाल पर्वत को भी तोड़ने का साहस रखता है वह तो स्वयं वही है।

मोरल –

  • कोई भी छोटा या बड़ा नहीं होता है , सभी के कार्य अपने-अपने हैं।
  • किसी भी कार्य को करने में हिचकिचाना नहीं चाहिए बल्कि गर्व का अनुभव करना चाहिए।

5. धन का नशा

एक छोटा सा 5 साल का बच्चा रमेश दोस्तों के साथ खेल रहा था। खेलते – खेलते रमेश विरोधी दल पर भारी पड़ रहा था। तभी अचानक दोनों दल में कहासुनी हो गई , दूसरे दल का एक बड़ा लड़का रमेश से लड़ने लगा और काफी समय झगड़ा चलने के बाद बड़ा लड़का कहता है – ‘ नौकर है , नौकर की तरह रह। ‘ इस पर रमेश कुछ असहज और घबरा जाता है , यह बात उसके दिमाग में गूंजने  लगती है , इस शब्द को वह कभी भुला नहीं पाया।
बड़ा होकर रमेश  ने एक बड़ी कंपनी में नौकरी पाई , अब वह नौकर नहीं बल्कि मालिक था।

उसके साथ कई छोटे-बड़े कार्य करने वाले लोगों का हुजूम था।

एक दिन जब वह लिफ्ट से नीचे उतरा तो दिखता है एक पढ़ी-लिखी महिला जो अभी बड़ी गाड़ी से उतरी है , वह सुरक्षा में तैनात महिला गार्ड को अपशब्द और गाली गलौज कर रही है। महिला गार्ड अपनी सफाई देने का प्रयास कर रही है , किंतु इसका प्रभाव धन के नशे में डूबे महिला पर नहीं पड़ रहा है। तभी रमेश की आंख महिला गार्ड के साथ खड़े लड़के पर पड़ती है , जो मां के पीछे डरा सहमा खड़ा है।

उस लड़के को देखकर बचपन की याद आ जाती है जब खेल में किसी ने यह कहा था  –

‘ नौकर का लड़का है , नौकर बनकर रह।

महसूस हुआ शर्मिंदगी किसे कहते हैं।

अचानक वह सारा दृश्य  आंखों के सामने आ गया और आंखें अचानक नम हो गई।

6. भूत का भय गांव में – साहस की कहानी

( Hindi motivational stories for students )

This is one of the best interesting and entertaining motivational story in hindi. Read it till the end.

अरावली के पहाड़ों के बीच एक सुंदर गांव बसा हुआ है , वहां लोग अपने मेहनत के द्वारा ही अन्न की उपज करके अपना जीवन निर्वाह करते हैं।  पशु-पालन और कृषि उनके जीवन का अभिन्न अंग है। वह मनोरंजन के लिए ताश खेलते हैं , मुर्गियों का युद्ध कराते हैं , और महिलाएं टोकरी बनाना , जुड़ा बनाना , आदि छोटे – मोटे लघु उद्योग का कार्य करती है। गांव के बाहर एक कच्चा कुआं है , रात के अंधेरे में वहां कोई भी नहीं जाता क्योंकि उस कुएं के बारे में कई सारी कहानियां लोगों ने सुन चुकी थी।

कुछ लोग कहते हैं उस गांव के कुएं के पास बहुत सारे भूत रात को पानी पीने आते हैं।

कुछ लोग बताते हैं कि एक दिन राहगीर उस कुएं में गिरकर मर गया था और उसकी आत्मा अब वही भटकती रहती है , और कोई जाता है तो उसे मार डालती है।  न जाने कितनी ही कथाएं उस कुएं को लेकर बनाई गई थी।

किंतु कोई भी व्यक्ति शाम के बाद उस रास्ते नहीं जाता , और ना ही उस कुएं के पास।

एक दिन की बात है

गांव में लोग आपस में उस कुएं को लेकर बात कर रहे थे , उसमें एक लोहार भी शामिल था। उसने सभी की बातों को काटते हुए कहा कि भूत नहीं होता और मैं भूत को नहीं मानता हूं। लोग उसे डांटने लगे और उसे भूत होने का यकीन दिलाने लगे। किंतु लोहार डट कर उनका सामना करने लगा और कहने लगा के भूत नहीं होता मैं उस कुएं के पास जाकर सबको साबित करुंगा।

लोहार रात को उस कुएं के पास जाने के लिए तैयार हुआ , उसने अपने हाथ एक कुल्हाड़ी भी ले ली। वह कुएं की और चल पड़ा , रात बीत गई लेकिन लोहार कभी नहीं आया। सवेरे उसका मृत शरीर कुएं में मिला , इसके बाद से भूत का डर पूरे गांव में लहर की तरह दौड़ गया। गांव के बच्चे अब शाम होते ही डर के मारे अपने माता – पिता के पास पहुंच जाते। एक समय की बात है , एक फौजी अपने घर छुट्टी पर आया हुआ था। वह अपने बेटे को कहने लगा कि गांव के बाहर एक उनका मित्र रहता है उनके वहां जाकर एक टोकरी ले आओ , सुबह हमें खेती के लिए जाना है।

इस पर फौजी का बेटा अमृत डर से वहां जाने के लिए मना कर दिया।

फौजी ने उसके डर का कारण जाना तो समझ में आया कि गांव में भूतों का भय है , जिसके कारण पूरा गांव रात के अंधेरे में बाहर ही नहीं निकलता। इस डर को अपने बेटे के जेहन से दूर करने के लिए फौजी ने ठान लिया , क्योंकि वह फौजी का बेटा था , और फौजी के सामने डर नाम की कोई चीज नहीं होती। फौजी ने एक टोर्च लिया और अपने बेटे के साथ टहलने के लिए बाहर निकल गया , अमृत डरते – डरते अपने पिता के पीछे हाथ पकड़ कर चलता रहा।

फौजी अपने बेटे को लेकर उसी कुएं के पास पहुंच गया , जहां की कहानियां सभी लोग सुनाया करते थे। फौजी ने चारों तरफ टॉर्च मार कर देखा वहां पर कोई नहीं था , अमृत को उसने बोला देखो यहां कोई है ? लोग यूं ही डरते हैं , और बच्चों को भी डर आते हैं। किंतु दूसरे क्षण कुएं में से किसी के तेजी  से चढ़ने – उतरने की आवाज सुनाई दी , इस पर फौजी ने कुएं में टॉर्च मारकर देखा और अमृत को दिखाया देखो कुछ नहीं इसमें ढेर सारी पक्षियां है जो हमारे यहां मौजूद होने के कारण वह सतर्क हो रहे हैं।

अब धीरे-धीरे अमृत का भय टूटने लगा और उसने अपने पिता का हाथ छोड़ दिया।

अमृत निडर होकर वहां घूमने लगा , उस दिन के बाद अमृत निडर हो गया था।

वह रात को भी उस कुएं के पास चला जाया करता था। धीरे-धीरे उसके गांव से उस भूत के भय का भी अंत हो गया . लोगों के सामने अब भूत कि केवल कहानियां ही थी।

Best Story In Hindi With Moral Values

Hindi short stories with moral

Moral of this hindi motivational story

There is a lot to learn from above hindi motivational story which we discuss below.

  • Self-confidence and high self-esteem is extremely required for success in life.
  • You will not be able to create your unique identity in front of the crowd of this world.
  • Courage is one of the best weapons to fight your fear.
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7. बहादुर लड़की

( Short Hindi motivational story about a brave girl )

This is based on One of the great Short Motivational stories in Hindi for success. Read till last.

बिहार के पटना जिले के पालीगंज गांव में एक बहुत ही प्यारी सी कन्या का जन्म हुआ। कन्या अत्यंत सुंदर थी , उसके माता-पिता अथवा रिश्तेदारों ने जन्म पर खुशियां मनाई , घर में उत्सव जैसा माहौल था। लेकिन कुछ रिश्तेदारों ने कन्या के जन्म की बात सुनी तो आलोचना करने लग गए कन्या का नामकरण उसके रूप व सौंदर्य के आधार पर ‘ विदुषी ‘रखा गया।

विदुषी बहुत ही सुंदर और चंचल स्वभाव की

जो भी उसे देखता उससे आकर्षित हुए नहीं रह पाता , उसे गोद में लेकर प्यार करने लग जाता। उसके माता-पिता उसे बहुत स्नेह करते थे , अथवा उसे कलेजे से लगाए रखते थे। विदुषी अपने गांव – घर में किलकारियां मारती हुई खेलती – कूदती अथवा वात्सल्य रस लुटाती , तोतली बोली में अनेकों – अनेक गीत गुनगुनाती पलती – बढ़ती रही।

You can defeat every kind of fear through bravery.

समय के साथ वह बड़ी होने लगी। उसके माता-पिता ने गांव के विद्यालय में ही दाखिला करवा दिया। वह पढ़ने लिखने में अव्वल थी। जो उसे कक्षा में और बच्चों से अलग करता था। वह जब केवल 8 वर्ष की हुई तभी उसके पिता जी का स्वर्गवास हो गया। फिर वह मानसिक रूप से परेशान रहने लगी , किंतु फिर भी वह पढ़ – लिख कर आगे बढ़ती रही उसे बचपन से ही क्रिकेट , फुटबॉल , व बॉलीबॉल आदि अनेक खेल खेलने का शौक था।

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वह अभ्यास करती थी उसमे लगन था जिसके कारण वह एक राष्ट्रीय खिलाड़ी भी बन गई। विदुषी एक साधारण परिवार में जन्मी थी। धन के अभाव से उसने हार नहीं मानी , उसने कॉलेज से लॉ / वकालत  की परीक्षा भी पास कर ली । विदुषी की जिंदगी में एक मोड़ ऐसा आया कि जब वह एक परीक्षा देने के लिए ट्रेन से जा रही थी।

रास्ते में असामाजिक तत्वों ने ट्रेन पर हमला कर दिया।

विदुषी ने जब इसका पुरजोर विरोध किया तो , डाकुओं ने उसे ट्रेन से नीचे धकेल दिया। ‘

इस कृत्य से उसका एक पैर ट्रेन की चपेट में आकर कट गया।

इसके बावजूद विदुषी ने हिम्मत नहीं हारी और निरंतर आगे बढ़ती रही।

विदुषी अपने भाग्य के भरोसे न रहकर पूरे जीवन में मेहनत करती रही। उसके नेक इरादे ने एक दिन एवरेस्ट की चोटी भी लांघ दी अपने देश भारत का झंडा एवरेस्ट की चोटी पर गर्व से लहराता हुआ। विदुषी और उसके जज्बे को सलाम कर रहा था।

तात्पर्य यह है कि

जब आपने लगन व तपस्या की भावना रहती है तो आपके लिए कोई भी कार्य असंभव नहीं रहता। जै

सा कि विदुषी के साथ हुआ एक पैर ना होने पर भी।  उसने एवरेस्ट की दुर्गम में चोटी पर चढ़कर यह साबित कर दिया कि मेहनत और लगन  के आगे एवरेस्ट की चोटी भी राई के पहाड़ जैसी हो सकती है।

Moral of this motivational story

  • This Hindi motivational story in short teaches us to fight bravely in every situation.
  • Those who fight only has the chance to win appreciation and applaud.

8. स्वदेशी और आत्म सम्मान

( Motivational story in hindi for self respect )

This is the seventh motivational story of the list.

यह उन दिनों की बात है , जब पूरे भारत में अंग्रेजों के खिलाफ आंदोलन चलाया जा रहा था। महात्मा गांधी ने असहयोग आंदोलन में साथ देने के लिए जब भारतीय जनता को आवाज दी , सभी भारतीय एकमत से महात्मा गांधी के नेतृत्व में लड़ाई लड़ने को तैयार हो गए। सभी भारतीय अपने – अपने अनुसार अंग्रेजों का बहिष्कार कर रहे थे , अंग्रेजी वस्तुओं का बहिष्कार कर रहे थे। उनके द्वारा प्रायोजित हर उस चीज का बहिष्कार कर रहे थे जिससे अपनापन का आभास ना हो।

लोग जमी – जमाई सरकारी नौकरी भी छोड़ कर महात्मा गांधी के साथ खड़े थे।

उनमें से एक नाम मुंशी प्रेमचंद का भी है।

मुंशी प्रेमचंद , महात्मा गांधी के असहयोग आंदोलन में शामिल होने के एक आह्वान से अपनी सरकारी नौकरी त्याग कर असहयोग आंदोलन में शामिल हो गए। उन्होंने अपने स्तर पर जितना हो भी हो कर सके अग्रणी भूमिका निभाई , जगह – जगह आंदोलन किया , विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार किया और घूम – घूम कर लोगों को प्रेरित किया।

Premchand hindi motivational story

प्रेमचंद के इस समर्पण भाव को देखकर लोग प्रभावित हो रहे थे। स्त्री – पुरुष सभी उनके प्रभाव में असहयोग आंदोलन में शामिल हो रहे थे और महात्मा गांधी के सपने को साकार कर रहे थे। तभी महिलाओं को भी इस आंदोलन में अधिक संख्या में शामिल करने के लिए विचार किया गया। सभी ने सुझाव दिया प्रेमचंद की पत्नी इस संघर्ष में अग्रणी भूमिका निभाएं सभी महिलाएं उनके नेतृत्व में अपना समर्थन देंगी।

काफी सोच विचार के बाद प्रेमचंद की पत्नी ने असहयोग आंदोलन में गृहणी होते हुए भी अग्रणी भूमिका निभाई और अपने नेतृत्व में महिला मंडली का एक बड़ा दल खड़ा किया। आरम्भ में कुछ संकोच हुआ किंतु स्वदेशी वस्तुओं को अपनाकर लोगों में आत्मसम्मान की अनुभूति होने लगी। इसमें महिला मंडली का विशेष योगदान रहा , जिसने ना सिर्फ अपने घर परिवार के लोगों को प्रेरित किया बल्कि उनसे प्रेरित होकर पूरा भारत अंग्रेजों के विरुद्ध खड़ा हो गया , जिसने अंग्रेजों की नींव हिलाने का कार्य किया।

Moral of this story

You can learn various things from this hindi motivational story based on freedom fighters.

  • Self-respect is one of the important aspects of human life.
  • You should not let any other person or company rule you.

9. भगवान का वरदान क्यों बना अभिशाप

मोहन स्वभाव का बड़ा भोला था, वह अपने आसपास जब भी गरीबी और लोगों की तकलीफ को देखता तो बहुत दुखी होता। उसने कहानियों में तो सुना था तपस्या से प्रसन्न होकर ईश्वर वरदान देते हैं, क्यों ना मैं भगवान से कुछ वरदान प्राप्त करूं और दीन दुखियों की सेवा करूं। ऐसा विचार कर मोहन पहाड़ों पर चला गया। जहां बेहद सघन वन थे, धूप कभी कभी जमीन को छुपाती थी। ऐसी स्थिति में वह एक कंदरा में बैठ तपस्या में लीन हो गया। तपस्या करते हुए काफी समय व्यतीत हो गया। कठिन तपस्या को देख ईश्वर प्रकट हुए और उसे तपस्या से जागने को कहा।

मोहन काफी प्रसन्न था वह साक्षात अपने ईश्वर का दर्शन कर पा रहा था। यह उसके लिए सौभाग्य की बात है।

ईश्वर – मोहन मैं तुम्हारे तपस्या से प्रसन्न हूं, कहो मुझसे क्या आशा करते हो?

मोहन – प्रभु मुझे आपके दर्शन हो गए मेरा जीवन धन्य हो गया। अब मुझे किसी और चीज की आशा नहीं है।

ईश्वर – फिर भी तुम मुझसे कुछ मांगना चाहते हो तो मांगो, मैं तुम्हें अवश्य वरदान दूंगा।

मोहन – प्रभु मैं अपने आसपास लोगों की तकलीफ देखता हूं तो काफी दुखी होता हूं। कृपया उन्हें दूर करने का कोई उपाय बताइए।  ईश्वर ने एक पत्ते से भरा हुआ डाली मोहन को दिया और कहा यह पत्ते सदा हरे भरे रहेंगे और डाली से कभी कम नहीं होंगे। किसी भूखे और दरिद्र व्यक्ति को देखो तो यह पता निचोड़ कर उसके मुंह में एक बूंद डाल देना। वह बलवान हो जाएगा उसके दुख तकलीफ तत्काल दूर हो जाएंगी।

ऐसा कहते हुए ईश्वर अंतर्ध्यान हो गए।

अब मोहन जो अंततः मनुष्य ठहरा, उसके मन में नए-नए विचार उत्पन्न होने लगे। अब मैं गांव जाऊंगा और लोगों को यह सभी आश्चर्यजनक कार्य करके दिखाऊंगा तो मेरा नाम होगा। लोग मुझे गांव का सरपंच बना देंगे, इतना ही नहीं कुछ जिला का विधायक बना देंगे। ऐसी ऐसी अनेकों कल्पना उसके मन में चलने लगी। जब इस कल्पना से मोहभंग हुआ तो वह सोचे लगा, कहीं मेरी जग हंसाई ना हो। ईश्वर ने जो वरदान दिया उसे एक बार आजमा कर देख तो लूं।  अब मोहन ऐसा साधन ढूंढने लगा जिस पर उस पत्ते के करिश्मा को देखा जा सके। जंगल में चलते चलते उसे एक भूखा प्यासा दुर्बल जिसकी हड्डियां बाहर दिख रही थी, ऐसा शेर वहां बेहोशी की अवस्था में पड़ा था।

मोहन को उस पत्ते के करिश्मा को देखने का अवसर आ गया था।

झटपट पत्ते को निचोड़ा और एक बूंद शेर के मुंह में डाल दिया।

जैसे ही एक बूंद शेर के मुंह में गिरा वह बलवान होकर खड़ा हो गया और सामने मोहन को पाकर अपना भूख मिटाने की सोची। क्योंकि भूख की अवस्था से ही तो वह मूर्छित बेहोश पड़ा था। अब कुछ समय में मोहन की जीवन लीला समाप्त हो गई थी।

निष्कर्ष

महत्वकांक्षी लोग क्षणिक स्वार्थ के लिए अपने विवेक खो देते हैं। वह यह भी नहीं सोच पाते कि उनका इस कार्य से अहित हो सकता है। ऐसा ही मोहन के साथ हुआ उसने शेर को जीवित करने से पूर्व कोई सावधानी नहीं बरती। बल्कि वह अपनी महत्वाकांक्षा के मद में अंधा हो चुका था उसे यथाशीघ्र खुद को प्रसिद्ध करना था। इस कारण उसके लिए भगवान का वरदान अभिशाप में परिवर्तित हो गया।

Author name : Ramadhar verma ( प्रवक्ता हिंदी )

हिंदी कहानियां पढ़ें 

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5 Best Kahaniya In Hindi With Morals हिंदी कहानियां मोरल के साथ

10. Bonus Hindi Motivational story video

Hindi motivational story video is below based on Indian famous personality.

Final words

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समापन

उपरोक्त कहानियां शिक्षाप्रद तथा व्यक्तिगत चरित्र को आदर्श रूप में परिवर्तित करने के उद्देश्य से लिखा गया है। हमें आशा है जो पाठक इस प्रकार की कहानियां पढता अथवा सुनाता है उसका चरित्र सदैव ऊंचा रहता है। हम इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए एक आदर्श समाज का निर्माण करना चाहते हैं। पूर्व समय में दादा-दादी, नाना-नानी अपने घर के छोटे बच्चों को एकत्रित कर आदर्श तथा चरित्र को निखारने की कहानियां सुनाया करते थे। यह कहानियां पंचतंत्र आदि पर आधारित होती थी, किंतु अंतिम लक्ष्य उच्च आदर्श स्थापित करना ही होता था।

वर्तमान समय में अपने घर के बड़े बुजुर्गों की अवहेलना के कारण, उनसे दूरियों के कारण, संचार साधनों के भरमार के कारण, घर के सदस्यों के बीच दूरियां बढ़ गई है। जिसके कारण अब लोगों के पास एक-दूसरे से मिलने उन्हें समझने का अवसर ही नहीं होता। आशा है आप हमारी भावनाओं को समझ रहे होंगे, उपरोक्त कहानी आपको कैसी लगी, अपने अनुभव या विचार कमेंट बॉक्स में लिखें हमें आपके कमेंट की सदैव प्रतीक्षा रहती है।

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76 thoughts on “7 Best Hindi motivational stories – प्रेरणादायक कहानियां”

  1. Awesome stories written by the author. These are really good motivational stories. I just loved the way it is structured. Thanks man I appreciate
    Add more motivational stories in Hindi

    Reply
    • Thanks vibhuti Sharma for such an amazing appreciation. We will definitely add more and more motivational stories in future. Just remain stick with us.

      Reply
  2. Bahut achi kahaniya likhi hai sir apane. Aapke lagbhag sare post padhta hu me . Sabhi ke sabhi informational hte hain. Meri aasha hai ki aap aise hi aage bhi likhte rahenge

    Reply
    • Thanks pankaj Roy. We always aim to write Hindi articles with high quality and right information as far as possible. So you can hope from us better to best articles in future.

      Reply
      • आपकी कहानियां पड़कर मुझे बहुत अच्छा लगा यह कहानियों से हमें बहुत कुछ सिख मिलती हैं
        आप ऐसे ही प्रेरणदायक कहानियां लिख कर हमें मोटिवेट करते रहिए

        Reply
  3. What a collection of motivational stories. Just awesome.
    I would like to thank the author for such a brilliant work.
    Keep writing more piece of content like this.

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  5. बहुत बढ़िया कहानियां लिखी है सर आपने। ये सचमुच बेहद ही प्रेरणादायक कहानियां हैं।
    आपकी वेबसाइट मुझे बहुत अच्छी लगती है।
    आपका हर एक पोस्ट में पढता हूँ मुझे बहुत अच्छा लगता है।

    Reply
    • बहुत बहुत धन्यवाद भाईसाहब।
      यह हमारे लिए ख़ुशी की बात है कि आपको हमारी लिखी कहानियां इतनी पसंद आती हैं।

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  6. These are really very motivating stories. I want to thank the writers for these stories.
    Very well structured and great use of words.

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    • Thanks, Urvashi.
      This type of comment really motivates and inspires us.
      We will bring more such stories in the future.

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  7. अगर आप को जीवन में बड़ी कामयाबी हासिल करनी है, तो ज्यादा काम करना पड़ेगा।
    बड़ी कामयाबी के लिए छोटी छोटी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

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  8. यह सभी के सभी कहानियां वाकई में बहुत प्रेरणादायक है और लेखक ने किसी प्रकार की कोई गलती भी नहीं की है लिखने में।
    मुझे आप के लगभग सभी आर्टिकल बहुत पसंद आते हैं।
    खासकर यह जो आप कहानियों का संग्रह बनाकर डालते हैं वह एक बहुत अच्छी सोच है।

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    • आपका कॉमेंट हमारे लिए काफी प्रेरणादायक है। अगर आपको कहानियां पढ़ना अच्छा लगता है तो आपको हमें सूचित करना चाहते हैं कि हमारी वेबसाइट पर आपको हिंदी कहानी नाम से कैटेगरी मिलेगी जहां पर जाकर आप हमारे सभी के सभी कहानियां पढ़ सकते हैं।
      कृपया इसी प्रकार अपना स्नेह बनाए रखें और इसी प्रकार अपने विचार हम तक पहुंचाते रहे।

      Reply
  9. मुझे आपकी लिखी हुई सभी प्रेरणादायक कहानियां बहुत पसंद आई।
    कृपया ऐसे ही और कहानियां जोड़ने का प्रयास करें।
    धन्यवाद

    Reply
    • समय निकालकर अपनी राय लिखने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद।
      यहाँ पर और कहानियां जोड़ने का प्रयास हम जरूर करेंगे।

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  10. सभी कहानियां बेहतरीन है परंतु मुझे पहली वाली कहानी सबसे ज्यादा प्रेरणादायक लगी।

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  11. सभी कहानियां मुझे पढ़ने में अच्छी लगी और प्रेरणादायक भी

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  12. ये कहानियाँ खुद को प्रेरित करने के लिए प्रेरणा की महान स्रोत हैं

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  13. काफी प्रेरणादायक कहानी है और मुझे पढ़कर बहुत अच्छा लगा . खासकर पहले कहानी बहुत बढ़िया है जिसे पढ़कर अच्छा लगा और साथ ही साथ जो आपने हिंदी और अंग्रेजी में नैतिक शिक्षा दी है वह भी काफी मददगार साबित हुई है. आपका धन्यवाद

    Reply
  14. मुझे प्रेरणादायक कहानियां पढ़ना बहुत अच्छा लगता है। मुझे आपका यह लेख बहुत पसंद आया

    Reply
  15. बहुत ही अच्छी कहानियां पब्लिश की आपने ।
    I like these stories.

    Reply
  16. मुझे प्रेरणादायक कहानियां पढ़ना बहुत अच्छा लगता है। मुझे आपका यह लेख बहुत पसंद आया

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  17. आपकी ये स्टोरी बहुत अच्छी लग , सातों की सातों कहानियां बहुत अच्छी है परंतु इसमें से मेरे को दो कहानी सबसे ज्यादा अच्छी लगी पढ़ने में. काफी प्रेरणादायक कहानियां हैं जिन्हें पढ़कर सच में प्रेरणा का अनुभव होता है.

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  18. आपकी सभी कहानियां प्रेरणा से भरपूर है। मुझे बहुत अच्छा लगा इनको पढकर। आप बहुत अच्छा लिखते हैं superb

    Reply
  19. काफी प्रेरणादायक कहानियां हैं जिन्हें पढ़कर सचमुच मोटिवेशन वाली खुशी आती है. कृपया और कहानियां जोड़ने का प्रयास करें ताकि हम जैसे पाठकों को प्रेरणा की कमी ना हो.

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  20. आपकी ये मोटिवेशन कहानी काफ़ी प्रेरनादायी है. लिखने की कला भी काफ़ी सराहनीय है.

    Reply
  21. मुझे प्रेरणादायक कहानियां पढ़ना बहुत अच्छा लगता है क्योंकि शरीर में ऊर्जा का संचार होता है और जीवन को एक नई दिशा प्राप्त होती है. आपकी सभी कहानियों में यह गुण विद्यमान है.

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  22. बहुत बढ़िया कहानियां लिखी है सर आपने। ये सचमुच बेहद ही प्रेरणादायक कहानियां हैं।
    आपकी वेबसाइट मुझे बहुत अच्छी लगती है।
    आपका हर एक पोस्ट में पढता हूँ मुझे बहुत अच्छा लगता है।

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  23. These are true, good stories very helpful for learning new things as well as different lessons in day to day life, and even are quite interesting inspirational stories!!!!!! just made go MAD onto all of them…..
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  24. काफी प्रेरणादायक कहानियां हैं जिन्हें पढ़कर सचमुच मोटिवेशन वाली खुशी आती है ! Thanks For Sharing…

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  25. क्यों रुकूं छोटी मोटी मुश्किलों से मेरा इरादा तो आसमान को छूने का है।
    वास्तव में बहुत उम्दा मोटिवेशनल स्टोरी लिखते हो आप।

    Reply
  26. Apki sari kahaniya ek se badh kar ek hai.aap aisi hi motivational story hamare liye late rahiye aur logo ko motivate karte rahiye.

    Reply
  27. सभी को मुकम्मल जहां नहीं मिलता।
    कभी जमीं तो कभी आसमां नहीं मिलता।।

    Reply
  28. आप की सारी हिंदी कहानियाँ बहुत ही जबरदस्त है। ऐसी ही और भी कहानियां जरूर जोड़ें ताकि हम जैसे पाठकों को और नैतिकता से परिपूर्ण लेख पढ़ने को प्राप्त हो सके. नैतिक मूल्य वाली कहानी को पढ़कर समाज में सुधार किया जा सकता है इसलिए आप अन्य माध्यम से भी ऐसी कहानियां प्रस्तुत करें.

    Reply
  29. सर आपने बहुत ही प्रेरित करने वाली कहानियो को शेयर किया है .. धन्यवाद

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  30. Very nice motivational stories in Hindi. In our life, we face so many problems and that is why we need motivation like this.

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  31. Very nice collection of motivational stories in Hindi with moral values. Really very very amazing stories. Thanks for sharing.

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  32. Hello sir
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  33. आपकी कहानियाँ सचमुच बहुत ही प्रेरणादायक है। हम भी कहानियाँ लिखते है।

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  34. बहुत अच्छी और प्रेरणादायक कहानियां है
    सचमुच पढ़कर मन प्रेरणा से ओतप्रोत हो गया है

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  35. Best Motivational Stories in Hindi Collection. I will come here again to check new stories, so please write more.

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  36. मुझे आपकी वेबसाइट बहुत अच्छी लगी, इसमें आपने जो जो स्टोरियां डाली हुई हैं उसे पड़ने पर मुझे अपने बचपन की याद आ गई, मैं अब निरंतर आपकी इस वेबसाइट पर आया करूंगी, क्योंकि मुझे अपने बच्चों के लिए ऐसी ही मजेदार और रोचक कहानियां वाली वेबसाइट चाहिए थी, आपकी सभी उपयुक्त जानकारी के लिए बहुत-बहुत शुक्रिया।

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  37. बहुत अच्छी प्रेणादायक कहानियां है

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  38. आपकी कहानिया प्रेरणदाएक है और काफी हद तक मुझे भी अच्छी लगी इस लिए मे आपका आभारी हु

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    • इस प्रकार के सराहनीय दृष्टिकोण हमे और अच्छा लिखने के लिए मजबूर करते हैं। आपका धन्यवाद

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  39. काश ! ऐसी और भी मोटिवेशनल कहानियां मिल जाती । आपके द्वारा लिखी गई कहानी से हमें बहुत कुछ सिखने को मिला | धन्यवाद !!

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  40. आपके द्वारा लिखी हुयी कहानियों से हर बार एक नयी सीख मिलती है। आजकल की तनाव भरी जिंदगी में आप जैसे लेखक जीवन को आसान और प्रेरणा से भरा हुआ बनाने में अव्वल रहते हैं। आपके समाज को दिए गए इस सहयोग के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद्।

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  41. बहुत ही अच्छी कहानिया साझा की है। इन कहानियों को पढ़ कर बहुत अच्छा लगा।

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