Today we are presenting in front of you Best Hindi Panchatantra stories for kids with moral values. पंचतंत्र की कहानियां हिंदी में पढ़ें नैतिक शिक्षा के साथ। ये कहानियां ज्ञान वर्धक होने के साथ साथ मजेदार भी हैं।
Let’s start reading:
1. सच्चे मित्र ( हिरण , कबूतर और चूहा ) – Hindi panchatantra stories
This is the first story of this hindi panchatantra stories collection.
एक जंगल में एक कबूतर , चूहा और एक हिरण तीनों घनिष्ठ मित्र रहा करते थे। जंगल में बने सरोवर में पानी पीते फल खाते और वही सरोवर के आसपास घुमा फिरा करते थे।
एक समय की बात है
जंगल में एक शिकारी , शिकार करने आया उसने हिरण को पकड़ने के लिए जाल बिछाया।
काफी प्रयत्न और मेहनत से शिकारी ने जाल को छिपाकर लगाने सफलता पा ली। शिकारी के जाल में हिरण आसानी से फंस गया। इस पर कबूतर ने कहा घबराओ मत मित्र मैं देखता हूं शिकारी कहां है और कितनी दूर है मैं। मैं उसको रोकता हूं जब तक हमारा मित्र चूहा तुम्हारे जाल को कुतर देगा और तुम जल्दी से निकल जाओगे।
यही हुआ कबूतर ने शिकारी को ढूंढना शुरू किया।
वह दूर था कबूतर ने अपने प्राण को जोखिम में डालकर शिकारी के ऊपर वार करना शुरू कर दिया। कबूतर के प्रहार से शिकारी को कुछ समझ में नहीं आया और वह परेशान होकर बचने लगा मगर कबूतर शिकारी को ज्यादा देर तक रोक नहीं पाया।
शिकारी ने जल्दी ही कबूतर पर काबू पा लिया और वह जाल की ओर आया।
यहां चूहे ने जाल को लगभग काट दिया था अब हिरण आजाद होने वाला था , तभी शिकारी वहां पहुंचा इतने में कबूतर का एक झुंड वह जल्दी से आकर उस शिकारी के ऊपर ताबड़तोड़ आक्रमण कर दिया।
इस आक्रमण से शिकारी घबरा गया।
थोड़ा सा समय उन कबूतर पर काबू पाने में लगा। इतने मे चूहे ने निडर भाव से जाल को कुतर दिया जिससे हिरण आजाद हो गया। अब क्या था हिरण और चूहा अपने अपने रास्ते भाग चलें। कुछ दूर भागे होंगे उन्होंने पीछे मुड़कर देखा तो उनका मित्र कबूतर शिकारी के चंगुल में आ गया था।
हिरण ने सोचा उसने मेरी जान बचाने के लिए अपनी जान खतरे में डाल दी।
इस पर हिरण धीरे – धीरे लंगड़ाकर चलने लगा शिकारी को ऐसा लगा कि हिरण घायल है उसके पैर में चोट लगी है इसलिए वह धीरे धीरे चल रहा है , वह भाग नहीं सकता।
शिकारी ने झट से कबूतर को छोड़ दिया और हिरण की तरफ दौड़ा।
शिकारी को आता देख कबूतर उड़ कर आकाश में चल पड़ा हिरण जो अभी नकल कर रहा था वह भी तेज दौड़ कर भाग गया और चूहा दौड़ कर बिल में घुस गया।
इस प्रकार तीनों दोस्तों की सूझबूझ ने एक दूसरे की रक्षा की।
नैतिक शिक्षा –
आपसी सूझबुझ और समझदारी हो तो किसी भी मुसीबत का सामना किया जा सकता है।
Moral of this panchtantra stoy in english
- With mutual cordination and intelligence anyone can face difficult situations.
- It is very important to have belief and faith in your friends in difficult situations.
- The friend who help you in difficult times is a true friend.
- Always help each other in
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2. दो मित्र हाथी और खरगोश की कहानी –
( Moral based Hindi panchatantra kahani )
एक जंगल में नंदू नामक एक हाथी रहता था और चिंटू खरगोश उसका दोस्त था। दोनों घनिष्ठ मित्र थे , वह जंगल में एक साथ घूमा करते थे। उन दोनों की दोस्ती के चर्चाएं होती थी।
एक दिन की बात है
मौसम अच्छा था , सुहावना था। हरी – हरी घास में चारों तरफ लहरा रही थी।
पेड़ों पर कोमल – कोमल पत्तियां आई हुई थी।
खरगोश और हाथी ने खूब पेट भर कर के खाना खाया। जब दोना विश्राम कर रहे थे तो उन्हें खेल खेलने का मन किया। दोनों ने प्लान बनाया और खेल खेलने के लिए तैयार हो गए।
मगर पुराने खेल नहीं खेलना था , नए खेल खेलना था।
इस पर नंदू ने बोला हम ऐसा खेल खेलेंगे जो पुराने खेल से अच्छा हो।
वह खेल ऐसे होगा
पहले मैं बैठ जाऊंगा और तुम मेरे ऊपर से उछल कर दूसरी पार कूदोगे फिर तुम बैठोगे मैं तुम्हारे ऊपर से कूद कर दूसरी तरफ निकलूंगा।
मगर इस खेल में एक – दूसरे को स्पर्श नहीं होना है।
बिना स्पर्श किये दूसरी तरफ कूदना होगा।
चिंटू खरगोश डर रहा था किंतु मित्र का मन था इसलिए वह खेल खेलने को राजी हो गया।
पहले हाथी जमीन पर बैठ गया खरगोश दौड़ कर आया और हाथी के ऊपर से कूदकर दूसरी तरफ बिना स्पर्श किए कूद गया। अब हाथी की बारी थी खरगोश नीचे बैठा मगर डर के मारे यह सोच रहा था कि कहीं मेरे ऊपर कूद गया तो मेरा तो कचूमर निकल जाएगा।
मेरे तो प्राण निकल जाएंगे इस पर हाथी दौड़ता हुआ आया।
हाथी के दौड़ने से दाएं बाएं लगे नारियल के पेड़ हिलने लगे और ऊपर से नारियल टूटकर दोनों पर गिरे।
हाथी कुछ समझा नहीं वहां से भाग गया।
खरगोश ने भी अपनी जान बचाकर वहां से भाग गया।
खरगोश भागता हुआ सोच रहा था मित्र हाथी से अच्छा यह नारियल है।
अभी मित्र मेरे ऊपर गिरता तो मेरा कचूमर निकल जाता।
नैतिक शिक्षा –
सच्चा मित्र सभी को बनाना चाहिए मगर ऐसा खेल नहीं खेलना चाहिए जिससे हानि हो।
Moral of this panchtantra stories
- Do not play or get involved in those activities which will lead you to destruction.
- Make friends but always be safe while choosing games.
- Always be careful when you are away from home.
3. शरारती बंदर – Panchtantra ki kahani
This is the third story of this hindi panchatantra stories collection.
एक समय की बात है , एक जंगल में एक शरारती बंदर रहा करता था। वह बन्दर सभी को पेड़ों से फल फेक – फेक करके मारा करता था। गर्मी का मौसम था पेड़ों पर खूब ढ़ेर सारे आम लगे हुए थे।
बंदर सभी पेड़ों पर घूम-घूमकर आमो का रस चूसता और खूब मजे करता।
नीचे आने – जाने वाले जानवरों पर वह ऊपर से बैठे-बैठे आम फेंक कर मारता और खूब हंसता।
एक समय हाथी उधर से गुजर रहा था।
बंदर जो पेड़ पर बैठकर आम खा रहा था , वह अपने शरारती दिमाग से लाचार था।
बन्दर ने हाथी पर आम तोड़कर मारा।एक आम हाथी के कान पर लगी और एक आम उसके आंख पर लगी। इससे हाथी को गुस्सा आया। उसने अपना सूंढ़ ऊपर उठाकर बंदर को गुस्से में लपेट लिया और कहा कि मैं आज तुझे मार डालूंगा तू सब को परेशान करता है। इस पर बंदर ने अपने कान पकड़ लिए और माफी मांगी।
अब से मैं किसी को परेशान नहीं करूंगा और किसी को शिकायत का मौका नहीं दूंगा।
बंदर के बार बार माफी मांगने और रोने पर हाथी को दया आ गई उसने बंदर को छोड़ दिया।
कुछ समय बाद दोनों घनिष्ट मित्र हो गए।
बंदर अब अपने मित्र को फल तोड़ – तोड़ कर खिलाता और दोनों मित्र पूरे जंगल में घूमते थे।
नैतिक शिक्षा –
किसी को परेशान नहीं करना चाहिए उसका परिणाम बुरा ही होता है।
Moral of this panchtantra stories in english
- Never disturb anyone if they are not willing.
- Because these kinds of activities can lead you to more difficult situations where you will regret it.
- Never make fun of any other person.
4. सुंदरवन की कहानी ( Best Hindi panchtantra stories for kids )
This is the fourth story of this hindi panchatantra stories collection.
सुंदरवन नामक एक खूबसूरत जंगल था। वहां खूब ढ़ेर सारे जानवर , पशु – पक्षी रहा करते थे। धीरे – धीरे सुंदरवन की सुंदरता कम होती जा रही थी।
पशु-पक्षी भी वहां से कहीं दूसरे जंगल जा रहे थे।
कारण यह था कि वहां पर कुछ वर्षों से बरसात नहीं हो रही थी।
जिसके कारण जंगल में पानी की कमी निरंतर होती जा रही थी। पेड़ – पौधों की हरियाली खत्म हो रही थी , और पशु पक्षियों का मन भी वहां नहीं लग रहा था।
सभी वन को छोड़कर दूसरे वन में जा रहे थे कि गिद्धों ने ऊपर उड़ कर देखा तो उन्हें काले घने बादल जंगल की ओर आते नजर आए।
उन्होंने सभी को बताया कि जंगल की तरफ काले घने बादल आ रहे हैं , अब बारिश होगी।
इस पर सभी पशु-पक्षी वापस सुंदरबन आ गए।
देखते ही देखते कुछ देर में खूब बरसात हुई।
बरसात ईतनी हुई कि वह दो-तीन दिन तक होती रही।
सभी पशु पक्षी जब बरसात रुकने पर बाहर निकले तब उन्होंने देखा उनके तालाब और झील में खूब सारा पानी था। सारे पेड़ पौधों पर नए-नए पत्ते निकल आए थे।
इस पर सभी खुशी हुए और सभी ने उत्सव मनाया।
सभी का मन प्रसन्नता बत्तख अब झील मैं तैर रहे थे हिरण दौड़-दौड़कर खुशियां मना रहे थे और ढेर सारे पप्पीहे – दादुर मिलकर एक नए राग का अविष्कार कर रहे थे।
इस प्रकार सभी जानवर , पशु – पक्षी खुश थे अब उन्होंने दूसरे वन जाने का इरादा छोड़ दिया था और अपने घर में खुशी खुशी रहने लगे।
नैतिक शिक्षा –
धैर्य का फल मीठा होता है।
Moral of this story
- When situations are not good then wait for the right time.
- Take your time before doing any important work.
- Gather right knowledge before taking any action.
5. चिंटू का भोलू
This is the fifth story of this hindi panchatantra stories collection.
चिंटू एक छोटा सा बच्चा है। उसके पास एक भोलू नाम का सफेद रंग का कुत्ता है। चिंटू और भोलू दोनों अच्छे मित्र हैं। भोलू , चिंटू के घर में रहता है। वह चिंटू की ढेर सारी मदद करता है। चिंटू स्कूल जाने के लिए तैयार होता है तो भोलु उसकी मदद करता है। उसके जूते उसकी बोतल आदि झटपट चिंटू को दे देता है। भोलू घर में किसी दूसरे व्यक्ति को घुसने नहीं देता है।
पहले भों -भों करके पूरे घर को बता देता है कोई आदमी आया है।
गोलू अपने भोलू को प्यार से खाना खिलाता है और उसके साथ खेलता है।
चिंटू जब पार्क में खेलता है तो भोलू उसकी बोल को लाकर चिंटू को देता है।
भोलू घर में सभी का मन बहलाता है।
वह कभी चौकीदार का काम करता है , तो कभी घर के नौकर का।
चिंटू की मम्मी जब छत पर पापड़ या गेहूं , चावल सूखने के लिए बिछ आती है , तो भोलु वहां निगरानी करता है। वह किसी चिड़िया और कौवे को बैठने नहीं देता और समान को बर्बाद करने नहीं देता। चिंटू जब बाजार जाता तो भोलु भी उसके पीछे पीछे चलता और दूसरे आवारा कुत्तों आधी से चिंटू को बचाता।
नैतिक शिक्षा – मित्रता किसी से भी करें उसको निभाए भी। मित्र आपकी सहायता करता है।
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6. चिड़ियाघर की सैर – Panchtanta story in Hindi
This is the sixth story of this hindi panchatantra stories collection.
अमन अपने माता-पिता के साथ चिड़ियाघर की सैर करने जाता है। अमन क्योंकि बच्चा है और वह अपनी मम्मी के गोदी में चलता है , इसलिए चिड़ियाघर में उसके लिए टिकट नहीं लगता। मम्मी – पापा ने अपना टिकट लिया और वह तीनों मिलकर चिड़ियाघर के अंदर चले। अमन ने चिड़ियाघर के अंदर देखा एक तालाब है उसमें ढेर सारे बत्तख और बगुला तैर रहे हैं। उसे बहुत ही अच्छा लगा फिर उसने देखा एक बंदर है। वह छोटे-छोटे बंदरों को खिला रहा है , और उसके पीछे छोटे – छोटे बंदर भाग रहे हैं। वह उसके पापा होंगे। अमन ने फिर आगे एक भालू को देखा एक जिराफ को देखा और ढेर सारे शेर को भी देखा वह तेज-तेज चिल्ला रहा था , छोटे-छोटे बच्चे डर कर भाग रहे थे।
फिर चिंटू ने देखा एक हाथी का झुंड वहां पर खड़ा था और उसके छोटे – छोटे बच्चे भी वहां पर थे। वह आपस में खेल रहे थे और इस तमाशे को वहां खड़े ढेर सारे बच्चे देख रहे थे। अमन भी खड़ा हुआ और और हाथी के झुंड को दिखने लगाओ जब वहां से चले तो अमन अपनी मम्मी के गोदी में नहीं चल रहा था।
अमन ने देखा वहां छोटे-छोटे बच्चे आए हैं।
वह अपने पैर पर चल रहे थे कोई भी अपने मम्मी – पापा के गोदी में नहीं चल रहा था।
इस पर अमन भी अपने छोटे-छोटे पैरों से चलने लगा इस पर अमन के मम्मी – पापा को बहुत खुशी हुई क्योंकि अब उसका बेटा चलना सीख रहा था।
अमन चिड़ियाघर में रेलगाड़ी से भी शैर की और ऊंट की सवारी भी की।
नैतिक शिक्षा –
बच्चे अनुकरण से सीखते है , बच्चों के मन के विकास के लिए उन्हें दुनिया का रूप दिखाना चाहिए।
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7. हिरण का बच्चा – Hindi panchatantra stories
This is the seventh story of this hindi panchatantra stories collection.
एक जंगल में हिरण का परिवार रहता था। उस हिरण एक प्यारा सा सुंदर सा बच्चा था। एक दिन खरगोश से दौड़ हुई , हिरण का बच्चा खरगोश से आगे भागने लगा। वह जंगल पार कर गया , खेत पार कर गया , नदी भी पार कर गया , पर पहाड़ पार नहीं कर पाया।
चट्टान से टकराकर गिर गया और जोर – जोर से रोने लगा।
बंदर ने उसकी टांग सहलाई पर चुप नहीं हुआ।फिर भालू दादा ने गोद में उठा कर खिलाया उससे भी चुप नहीं हुआ।और सियार ने नाच किया उससे भी चुप नहीं हुआ , फिर हिरण की मां आई उसने उसे प्यार किया और कहा चलो उस पत्थर की पिटाई करते हैं। हिरण का बच्चा बोला नहीं ! वह भी रोने लगेगा।
उसके बाद मां हंसने लगी बेटा हंसने लगा , बंदर हंसने लगा , भालू हंसने लगा सब हंसने लगे।
नैतिक शिक्षा –
बालकों में संवेदना बड़ों से अधिक होती है। उसे बढ़ावा दे।
Moral of this panchtantra stories in english
Child is more powerful in terms of emotions then elders. So do not underestimate feelings and emotions of kids. They could talk more genius than others.
8. मित्र की आवश्यकता ( तीन कछुओं की कहानी )
एक तालाब में तीन कछुए थे। दो कछुए आपस में खूब लड़ाई करते थे। तीसरा कछुआ समझदार था , वह इन दोनों के लड़ाई में नहीं पड़ता था। एक दिन की बात है लड़ाई करने वाले कछुए में से एक पत्थर से गिरकर उल्टा हो गया था। कछुए का पैर आसमान की ओर था और पीठ जमीन पर लगी हुई थी। उस कछुए ने काफी प्रयत्न किया किंतु वह सीधा नहीं हो पाया। आज उसे पछतावा हो रहा था उसने जीवन में लड़ाई – झगड़े के अलावा और किया ही क्या था। उल्टा हुए उसे काफी समय हो गया कोई भी उसके पास नहीं आया।
तालाब में दोनों कछुए इंतजार कर रहे थे।
काफी समय बीत जाने के बाद भी जब वह तालाब में नहीं आया। दोनों कछुओं को संदेह हुआ। दोनों कछुए ने ढूंढने का मन बनाया और तालाब से बाहर निकलकर उस की खोज करने लगे। तालाब से कुछ दूर एक पत्थर था , उसके उस पर वह कछुआ उल्टा गिरा हुआ था। दोनों कछुए दौड़ते हुए गए और उसे सीधा करके हालचाल पूछने लगे। वह कछुआ अपने किए पर शर्मिंदा था। जोर – जोर से रोने लगा और दोनों से फिर कभी लड़ाई न करने की बात कहकर माफी मांगने लगा।
तबसे तीनों कछुए तालाब में दोस्त बनकर रहने लगे।
एक दूसरे के साथ फिर कभी लड़ाई नहीं करते थे। क्योंकि उन्हें मालूम हो गया था कि एक – दूसरे की सहायता के बिना उनका जीना मुश्किल है।
नैतिक शिक्षा
अपने आसपास के लोगों से बैर नहीं करना चाहिए , क्योंकि समय पड़ने पर वही काम आते हैं।
Moral of this Panchtantra ki kahani
We should learn to cooperate and coordinate with others to maintain friendship. Because in problems our friends are first tohelp us out.
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मुझे दूसरी वाली कहानी सबसे ज्यादा पसंद आई। मैं चाहता हूं कि आप और भी पंचतंत्र की कहानियां अपने पोस्ट में जोड़ें।
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धन्यवाद
धन्यवाद देवेश जी।
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सभी पंचतंत्र की कहानियां बहुत अच्छे तरीके से लिखी गई है जिसे पढ़कर मुझे बहुत अच्छा लगा। कृपया और इसी प्रकार की कहानी जोड़ने का प्रयत्न करें। मैंने आपके पोस्ट को शेयर भी किया है।
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बेहतरीन कहानियां पढ़ कर बहुत अच्छा लगा. पंचतंत्र की कहानियां मुझे पढ़ना बहुत अच्छा लगता है क्योंकि उसके अंदर नैतिक शिक्षा छुपी होती है और आपने नैतिक शिक्षा को बहुत ही अच्छी तरीके से प्रदर्शित किया है. कृपया हो सके तो और पंचतंत्र की कहानियां जरूर लिखें.
हमें यह जानकर खुशी हुई कि आपको यह सभी पंचतंत्र की कहानियां बहुत अच्छे लगे. हम जरूर प्रयास करेंगे कि यहां पर और भी कहानियां लिखें. आप हमसे इसी प्रकार जुड़े रहे
मुझे यह सभी पंचतंत्र की कहानियां बहुत अच्छी लगी. मैं शुरू से ही पंचतंत्र की कहानियां पढ़ने का शौक रखता हूं और आपके इस वेबसाइट पर मुझे मेरे मनपसंद की कहानियां मिली है. आपको यह सभी कहानियां लिखने के लिए मैं बहुत-बहुत धन्यवाद करना चाहता हूं.
जो भी पंचतंत्र की कहानियां आपने यहां पर लिखी है मुझे सभी के सभी पसंद आए. मेरा आपसे अनुरोध है कि आप एक संग्रह बनाएं जिसमें सभी पंचतंत्र की कहानियां सम्मिलित हो और हम एक ही जगह पर सब कुछ पढ़ सकें.
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मुझे बचपन से ही पंचतंत्र की कहानियां पढ़ना और दूसरे लोगों को सुनाना अच्छा लगता है, आपसे अनुरोध है कि आप अन्य कहानियां भी जरूर प्रकाशित करें तथा अगर हो सके तो वीडियो भी जरूर बनाएं।
हमेशा से ही ये पंचतंत्र की कहानियां मेरी पसंदीदा रही हैं, बहुत ही मजेदार कहानियाँ हैं.
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Actually am writing it in my FA book
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