Read the Best Hartalika Teej quotes, wishes and status in Hindi with images.
हरतालिका व्रत में शंकर-पार्वती जी का प्रमुख विधान किया गया है। पार्वती जी ने कठिन तपस्या के कारण शंकर जी को पति रूप में प्राप्त किया था। सौभाग्य तथा पति की लंबी उम्र मांगने वाली पत्नी व्रता स्त्रियां इस व्रत को करती हैं।
यह पर्व विशेष रूप से उत्तर भारत में मनाया जाता है, यह बेहद कठिन पर्वों में से एक है। बिना आहार तथा जल के यह पूजा की जाती है।
आज के लेख में हम हरतालिका तीज व्रत की कथा को संक्षेप में जानेंगे तथा सुविचार कोर्ट्स को विस्तार पूर्वक पढ़ेंगे।
Hartalika teej quotes in hindi
1
सौभाग्य हो मेरा ऐसा कि, शिव जी सा पति मिल जाए
चाह हो ना कोई फिर जीवन में जब ऐसा भाग्य खुल जाए।
2
कठिन तपस्या कर गौरी ने तब शिव को पाया था
इस कठिन व्रत में गौरी ने वर्षों ध्यान लगाया था।
3
प्रबल इच्छा हो तो शिव भी मिले जाते हैं
जन्मो जन्म के भाग्य पल भर में खुल जाते हैं। ।
4
सावन की लगी हरियाली हो
जीवन में तब खुशहाली हो
शिव गौरी का प्यार हो
अमर अपना सुहाग हो। ।
5
नहीं कर पाती कठिन तपस्या
नहीं सह पाती कष्टों को
दिल से पूजा स्वीकार करो मां
उद्धार करो अब भक्तों को।
6
तुम्हारी कृपा से इस धरा पर, कोई ना हो एक पल दुखी
आए जो विपदा सुहाग पर, अगले ही पल हो जाए सुखी। ।
7
मां पार्वती का साथ हो, शंकर जी का आशीर्वाद हो
रहे खुशहाली आंगन में, जो पिया जी का साथ हो। ।
8
आया सावन का त्यौहार, संग मे लाया खुशियां अपार
आई हरियाली तीज तब, सखियां मिल गाए मंगलाचार। ।
Hartalika teej quotes and wishes
9
देखो आया तीज हरियाली का
हाथ लगी मेहंदी पिया जी का
आज करूं मैं सोलह सिंगार
पाऊं खूब साजन का प्यार
10
है विनती मां गौरी से किसी के जीवन में कोई दुख ना हो
कोई सुहागन अभागन ना बन पाए
तुम्हारी कृपा उस घर बरसती रहे जिस घर दीया बाती जलती रहे। ।
11
हरतालिका तीज का त्योहार
आपके दांपत्य जीवन को सुखमय बनाए
शिव गौरी आप दोनों पर अपनी कृपा बरसाए। ।
12
मां गौरी की संकल्प शक्ति
उनकी दृढ़ इच्छा का प्रतीक
हरतालिका व्रत आप सभी
अमर सुहागिनों को भेंट करती हूं। ।
13
सखियों ने छेड़ा तराना है, आज केवल एक ही फसाना है
हाल रहे घर आंगन अपना, शिव गौरी को आज मनाना है। ।
14
तीज का आना प्रेम की गांठ को मजबूत कर जाना है
रूठ न जाए साजन कहीं , यह संकल्प दोहराना है। ।
Best Hartalika teej quotes
15
है बड़ा कठिन व्रत यह जिसे कर
सुहागन अखंड सौभाग्य पाती है
शिव गौरी जी
कृपा उस पर दिन रात बरसाती है
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16
तीज की तपस्या से हो जाएंगे नाथ प्रसन्न
मिलेगा अखंड सौभाग्य सफल होगा जीवन। ।
17
झूम झूम कर गाता, मेरा मन हरियाली गीत
मां गौरी के आशीर्वाद से, लेंगे हम साजन को जीत। ।
18
सखी हरण का यह व्रत है, हरतालिका तीज है नाम
जो कोई इसको मन से ध्यावे, पूर्ण होंगे मनो काम। ।
19
आसमान से बरसती सुगंधित बौछार हो
साजन का जीवन में तब साथ हो
शिव – गौरी मन मंदिर में विराजमान हो
तब लगे हर दिन व्रत का पुण्य प्रताप हो। ।
20
भादो तृतीया का पुण्य दिन,
शिव गौरी को पूजे निशदिन
इनके नित्य आशीर्वाद पर
विपदा ना पड़े सुहाग पर। ।
hartalika teej wishes in hindi
21
तीज का त्योहार है उमंगों की बहार है
बागों में पड़ रही बारिश की फुहार है
दिल से भेंट करूँ तीज का त्योहार है।
22
भादो आया संग तीज का त्योहार लाया
पति पत्नी के रिश्ते को तब इसने हर्षाया।
23
जैसे मां गौरी में शिव को पाया
जैसे गौरी ने शिव को मनाया
वैसा प्यार तुम भी पाओ
आओ मिलकर तीज बनाओ।
24
मन मेरा झूम झूम कर नाचे
गाय गीत हरियाली का
आज पिया संग झूला झूलब
गायब गीत खुशहाली का।
25
आया रे आया हरतालिका तीज का त्योहार है आया
संग में खुशियां और ढेर सारा प्यार है लाया
हरतालिका तीज की हार्दिक शुभकामनाएं।
26
मां पार्वती का साथ हो
शंकर जी का आशीर्वाद हो
फिर पिया जी का
घर में निवास है।
27
आओ झूला झूले सखी एक दूजे के सहयोग से
कितने वर्षों के बाद है आया दिन शिवजी के योग से।
28
आया तीज हरियाली का
रच गई मेहंदी खुशहाली का
आओ पिया जी जल्दी आओ
लाज रखो अब लाली का।
29
आया तीज का त्योहार हो जाओ सब सखियां त्यार
हाथों में रचा लो मेहंदी और कर ले सोलह सिंगार
हरितालिका तीज की हार्दिक शुभकामनाएं
30
है विनती मां गौरी से किसी के जीवन में कोई दुख ना हो
कोई सुहागन अभागन ना बन पाए
तुम्हारी कृपा उस घर बरसती रहे
जिस घर दिया बाती जलती रहे।
हरतालिका व्रत से जुड़े महत्वपूर्ण प्रश्न
प्रश्न- हरतालिका तीज क्यों मनाया जाता है?
उत्तर- हरतालिका तीज स्त्रियों के अखंड सौभाग्य को बनाए रखने के लिए, पति की लंबी उम्र तथा परिवार की सलामती के लिए मनाया जाता है। इस दिन सौभाग्यवती स्त्रियां अपने कठिन निराहार व्रत से भगवान शंकर और मां पार्वती की विधि विधान के साथ पूजा अर्चना करती है। अपने पति के निरोगी होने, दीर्घायु होने तथा जन्म जन्म पति रूप में प्राप्ति का वरदान पाती हैं।
प्रश्न- हरतालिका व्रत नाम क्यों पड़ा?
उत्तर- धार्मिक ग्रंथों के अनुसार शिव-पार्वती के विवाह का प्रसंग पढ़ने को मिलता है। पार्वती हिमाचल की पुत्री होती है, वह शंकर जी को पति रूप में प्राप्त करना चाहती थी। उनके पिता देवर्षि नारद के निर्देश पर भगवान विष्णु के साथ विवाह कराना चाहते थे। पर्वती अपने पिता के निर्णय से दुखी थी। इस दुख को पार्वती जी की सखी ने जाना और उसका हरण कर एक घने जंगल में ले गई। जंगल में पार्वती जी ने कठोर तपस्या से शिव जी को पति रूप में प्राप्त किया।
सखी द्वारा पार्वती जी का हरण किया गया था, इसलिए इस व्रत का नाम हरतालिका व्रत पड़ा।
प्रश्न-हरतालिका व्रत में किस देवी देवता की पूजा होती है?
उत्तर- हरतालिका व्रत की कथा भगवान शंकर और मां पार्वती से जुड़ी है। मां पार्वती ने कठिन तपस्या से शिव जी को प्राप्त किया था। वर्तमान समय में स्त्रियां अपने सौभाग्य और परिवार की कुशलता के लिए शिवजी तथा पार्वती जी की पूजा करती है। इस दिन अन्न जल निषेध रहता है।
प्रश्न- हरतालिका तीज व्रत कैसे करें?
उत्तर- हिंदू पूजा पद्धति में साधक को मन-कर्म-वचन से शुद्ध रहने के लिए कहा गया है। कोई भी साधक जब पूजा और व्रत करता है तो उसका मन पवित्र होना चाहिए। व्रत के प्रति समर्पित भाव होना चाहिए। इस व्रत को करने के अनेक विधि आपको पुस्तकों में मिलेंगे किंतु सबसे सरल और सर्वमान्य विधि यही है।
आप एक दिन पूर्व रात्रि को भोजन करें जिस दिन व्रत रहना है उस दिन जल और अन्न का त्याग करें। रात्रि के समय पूरे विधि विधान के साथ पति-पत्नी पूजा करें। रात भर जागरण करें भजन कीर्तन करते हुए शिव पार्वती की महिमा का बखान करें।
अगले दिन प्रातः स्नान कर शंकर-पार्वती की बनाई हुई बालू या मिट्टी की प्रतिमा को विसर्जन करें। भोग में चढ़ाए हुए दान के वस्तु फल ब्राह्मण को श्रद्धा के साथ अर्पण करें यही मुख्य तौर पर नियम है।
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निष्कर्ष
भादो मास की तृतीया को हरतालिका व्रत मनाया जाता है। इस व्रत का नाम हरतालिका सखी द्वारा हरण किए जाने पर पड़ा। गिरिराज द्वारा अपनी पुत्री पार्वती का विवाह दूसरी जगह करने से दुखी पार्वती की सहेली उन का हरण घने जंगल में ले जाती है। जहां पार्वती कठिन तपस्या करती हैं हवा पत्ते आदि का पान करते हुए वह हजारों वर्ष जंगल में व्यतीत कर देती हैं।
उनकी तपस्या के कारण शिव जी का आसन डोलता है और पार्वती को उनके तपस्या का फल देने जंगल में उपस्थित होते हैं। पार्वती जी उनसे आशीर्वाद के रूप में उन्हें पति रूप में प्राप्त करने का वचन मांगती हैं।
आशीर्वाद स्वरुप उनका विवाह धूमधाम से मनाया जाता है।
यह तपस्या इतनी कठिन थी जो साधारण स्त्रियों के लिए सुलभ नहीं था। शिव – पार्वती उन महिलाओं को अपना आशीर्वाद प्रदान करते हैं, जो स्वच्छ मन से हरतालिका व्रत करती हैं। उन्हें अखंड सौभाग्य देती हैं, उनके सुहाग की रक्षा शिव पार्वती करते हैं।
आशा है यह लेख आपको पसंद आया हो, आप हरतालिका व्रत से संबंधित अपने जीवन के किसी क्षण या अपने विचार को लिखना चाहती हैं तो कमेंट बॉक्स में अवश्य लिखें।
शिव- गौरी आपके अखंड सौभाग्य की रक्षा करें आपका घर सदैव खुशहाल रहे आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करें शिव गौरी की जय – जयकार।