God Quotes in Hindi ( भगवान जी के कोट्स )

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भगवान जी के कोट्स, सुविचार, अनमोल वचन, शायरी, स्टेटस, पढ़ें फोटो के साथ।

ईश्वर जो सृष्टि का रचयिता है, जिसका कण-कण में वास है मूर्त – अमूर्त , जीव – निर्जीव सभी में उसका वास है। किसी भी परिस्थिति में ईश्वर सर्वत्र व्याप्त रहता है। हार – जीत , आशा-निराशा सब ईश्वर के हाथ में है ईश्वर की उपस्थिति व्यक्ति के भीतर बाहर सभी जगह है ईश्वर अपने भक्तों को कभी निराश नहीं करता।

जो व्यक्ति कर्म करता है उसे फल की अवश्य प्राप्ति होती है।

ईश्वर भी उन्ही लोगों का साथ देता है जो कर्म करता है। कभी-कभी मिली असफलता या निराशा ईश्वर की परीक्षा होती है जो और अधिक मजबूत तथा सशक्त बनाने के लिए होती है।

God Quotes in Hindi ( भगवान जी के कोट्स, सुविचार और स्टेटस )

व्यक्ति ने भगवान से पूछा

तुझे मैं किस प्रकार रिझा सकूं

ऐसी कोई वस्तु बताओ जो तुझे चढ़ा सकूं।

भगवान ने उत्तर दिया –

संसार में प्राप्त सभी वस्तु मैंने ही तुझे दी है

तेरे को मैंने जो नहीं दिया वह तेरा अहंकार है

वही मुझे तू अर्पण कर दे तेरा जीवन सफल हो जाएगा। ।

भगवान के इस दुनिया में मनुष्य को सभी कुछ प्राप्त होता है जो उसके जीवन को संपन्न , समृद्ध और वैभवशाली बना सके।  किंतु मनुष्य ने अहंकार का निर्माण कर अपने जीवन के मार्ग में बाधा उत्पन्न कर लिया है। यह बाधा उसके प्रगति में निरंतर अवरोध उत्पन्न करता रहता है।

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ईश्वर ने तो हमारे लिए स्वर्ग का निर्माण करके दिया है

नर्क का निर्माण मनुष्य अपने कर्मों से स्वयं करता है। । 

ईश्वर ने सृष्टि की रचना मनुष्य के हित को जानकर किया था , लेकिन मनुष्यों ने अपने बुरे कर्मों से स्वर्ग को भी नर्क बनाने का कार्य किया है। यहां के दुख और पीड़ा नर्क के समान है।

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आपके शब्द आपके गुलाम तब तक होते हैं

जब तक उन्हें प्रकट न किए जाएं

एक बार शब्द को प्रकट करने पर ,

वह आजाद हो जाते हैं

जिसपर स्वयं ईश्वर का भी अधिकार नहीं रह जाता

यही शब्द आपका मान बढ़ाते हैं

यही शब्द आपके हितों की क्षति पहुंचाते हैं। ।

 

मैं श्रेष्ठ हूं यह मेरा विश्वास है , किंतु

सिर्फ मैं ही श्रेष्ठ हूं यह मेरा अहंकार है

इस अहंकार को ईश्वर भी सहन नहीं करता। ।

जिस व्यक्ति में अहंकार का वास होता है उसका विनाश यथाशीघ्र हो जाता है , क्योंकि अहंकार की माफी ईश्वर भी नहीं देता। अहंकार ही  व्यक्ति को मुख्य मार्ग से भटकाता है।

जीवन देना ईश्वर का कार्य है,

जीवन का समाप्त होना

समय की बात है

जीवन को जीना

मनुष्य का कर्म है

जीवन के बाद भी लोगों के दिलों में रहना

कर्मों की पहचान है। ।

जीवन का आरंभ और अंत सब ईश्वर और समय के हाथों में है , किंतु जीवन को जीना और लोगों के दिलों में घर बना लेना यह मनुष्य के कर्मों पर निर्भर करता है।  जो जीवन के बाद भी याद किया जाता है।

व्यक्ति का प्रयास चाहे कितना भी हो

अंधेरे में छाया , बुढ़ापे में काया

तथा अंत समय में माया साथ नहीं देती

साथ देती है तो केवल ईश्वर की भक्ति। ।

जिस पर राम की कृपा होती है

उसी पर सब की कृपा होती है। ।

God Quotes in Hindi for WhatsApp status 

किस्मत के सहारे मुझे छोड़ न देना मेरे मोहन

तेरे सहारे के अलावा किसी पर यकीन नहीं होता। । 

9

जीवन में दो शब्दों का विशेष महत्व है

हरि कृपा तथा हरि इच्छा

मन के अनुकूल कार्य हो तो हरि कृपा

तथा मन के विपरीत कार्य हो तो हरी इच्छा

यही मनुष्य की मनोवृति है। ।

10 

साजिशें तो रोज अंधेरों की होती है

फिर भी उजालों की सदैव जीत होती है

जिसकी जैसी नियत होती है वैसी ही बरकत होती है

कोई परिंदों के लिए बंदूक रखता है तो कोई पानी का प्रबंध

इस उलझन में ना पड़ो कि भगवान है या नहीं

खोजो खुद के भीतर भी , खुद इंसान हो या नहीं। ।

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ईश्वर सदैव किसी का साथ नहीं देता

बस अपने प्रिय जनों को ज्ञान का भंडार देता है

वह ज्ञान उसके जीवन को खूबसूरत बना देता है। । 

ज्ञान ईश्वर का दिया हुआ एक बहुमूल्य उपहार है यह जिस व्यक्ति को मिलता है वह फिर अपने जीवन को देवतुल्य बना लेता है।

God thoughts in Hindi

12 

जीवन भर जो धन धन की रट लगाए रखते हैं

मरने के बाद उन्हें निधन ही कहा जाता है

यह जीवन का खूबसूरत सच है

इसलिए ईश्वर की भक्ति करते रहिए

ईश्वर का साथ ही

इस दुनिया से उस दुनिया में ले जाता है। ।

 

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मांगी गई खुशियों से किसका भला हुआ है

भाग्य में जितना लिखा था उतना अदा हुआ है

डर नहीं दुनिया में किसी का कितने चाहने वाले है

जो बोया था वही तो मिला है

है भरोसा उस ईश्वर पर जिसमें मेरा सर्वस्व छिपा है। ।

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संस्कार और संक्रमण दोनों समाज में तीव्र गति से फैलते हैं

संस्कार मानव समाज के कल्याण की नींव रखते हैं

संक्रमण मानव के अस्तित्व को समाप्त कर देता है

अतः संक्रमण से बचने के लिए ईश्वर की शरण हितकारी है। ।

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जिंदगी बीत गई चाबी खोजने में

जबकि दरवाजा ही नहीं था परमात्मा के घर में

भीतर शून्य , बाहर शून्य ,शून्य चारों ओर

मैं नहीं मुझ में फिर भी मैं मैं का हे शोर। ।

16 

जब विपत्ति आती है तो कष्ट की अपार अनुभूति होती है

किन्तु जब विपत्ति टल जाती है तो वह आत्मबल

तथा धैर्य जैसे मूल्यवान संपदा देकर जाती है

यही ईश्वर की परीक्षा है

जो समय समय पर अपने भक्तों से लेते रहते हैं। ।

17 

ईश्वर कहते हैं जो

व्यक्ति स्वयं के लिए जीता है

वह एक दिन अवश्य मरता है

किंतु जो समाज के लिए जीता है

वह सदैव स्मरण किया जाता है।।

18 

ईश्वर और गुरु सदैव व्यक्ति के आसपास ही होते हैं

क्योंकि वह अपने प्रिय जनों को कभी अकेला नहीं छोड़ते

कभी ढूंढना है तो आंखें बंद कर हिरदे में ढूंढ लेना। ।

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निष्कर्ष

उपरोक्त सुविचार को पढ़कर मन में अपार प्रसन्नता हुई होगी , ईश्वर के वास्तविक रूप को समझने में सहायता प्राप्त हुई होगी। ईश्वर सर्वत्र व्याप्त रहते हैं , चाहे व्यक्ति उसे देखे अथवा ना देखें , किंतु उसके सुख तथा दुख में बराबर के सहभागी रहते हैं। दुख में जहां व्यक्ति हताशा , पीड़ा से परेशान रहता है वही ईश्वर का सहारा ही उसे उस दुख के समय को दूर करने का माध्यम बनता है।

चाहे सजीव हो अथवा निर्जीव , ईश्वर का ही रूप होता है इसलिए भारत जैसे देश में एक पत्थर की भी पूजा की जाती है। यहां अतिथि को ईश्वर का रूप माना जाता है और पशु-पक्षियों को ईश्वर की संतान तथा उसके रूप माने जाते हैं। जिस व्यक्ति के भीतर ईश्वर की भक्ति जागृत होती है वह इस संसार से प्रेम करने लगता है। प्रत्येक प्राणी वस्तु में ईश्वर का रूप देखता है।

ईश्वर को प्रेम से पाया जाता है , प्रेम के वशीभूत ईश्वर भक्तों के सखा , दास आदि बन जाते हैं।

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