सौरव गांगुली का संपूर्ण जीवन परिचय ( जन्म, पढ़ाई, आरंभिक जीवन )

महान शख्सियत सौरव गांगुली का जीवन परिचय हम इस लेख में प्रस्तुत कर रहे हैं। आशा है आप को उनके जीवन परिचय पढ़ने के उपरांत उनसे प्रेरणा प्राप्त होगी।

बंगाल टाइगर, दादा, प्रिंस ऑफ बंगाल के नाम से प्रसिद्ध क्रिकेट जगत की महान हस्ती सौरव गांगुली जिनका सम्मान विदेश में भी होता है। उनके प्रशंसक देश-विदेश सभी जगह है। उनकी अद्भुत इच्छाशक्ति से प्रेरणा आज की युवा पीढ़ी लेना चाहती है।

 सौरव गांगुली का जीवन परिचय ( Sourav Ganguly Biography in Hindi )

नाम सौरव चंडीदास गांगुली
पिता का नाम श्री चंडीदास गांगुली
माता का नाम निरुपा गांगुली
जन्म तिथि 8 जुलाई 1972
पत्नी का नाम डोना गांगुली
बेटे का नाम NA
बेटी का नाम सना गांगुली
पढाई NA
व्यवसाय क्रिकेट क्षेत्र से जुडी, BCCI अध्यक्ष
उपनाम दादा, बंगाल टाइगर, प्रिंस ऑफ़ बंगाल
रूचि का क्षेत्र क्रिकेट, फुलट्बॉल
पुरस्कार अर्जुन पुरस्कार, स्पोर्ट्स पर्सन ऑफ द ईयर 1998, बंगा विभूषण पुरस्कार, पद्मश्री पुरस्कार।
शरीर की ऊंचाई 5 फिट 11 इंच
अनुमानित आय NA
भाई का नाम स्नेहाशीष गांगुली

आरंभिक जीवन

बंगाल के संपन्न परिवार में सौरव गांगुली का जन्म हुआ, इनका परिवार पेशे से व्यवसाई था। आर्थिक रूप से परिवार के सशक्त होने से इन्हें आरंभिक जीवन में अन्य खिलाड़ियों की तरह आर्थिक रूप से संघर्ष नहीं करना पड़ा। इन्होंने अपने विद्यालय की पढ़ाई के साथ क्रिकेट में भी हाथ आजमाया। क्रिकेट के क्षेत्र में सौरव को लाने का श्रेय उनके बड़े भाई स्नेहाशीष को दिया जाता है।

उन्हीं की प्रेरणा से गांव ली ने फुटबॉल छोड़ क्रिकेट को अपनाया था।

इन्होंने कम उम्र में राज्य स्तर पर क्रिकेट खेलना आरंभ कर दिया था। इनकी बल्लेबाजी की तकनीक लाजवाब होने के कारण इन्होंने अपने कोच तथा लोगों को प्रभावित किया। यही कारण है कि उन्हें प्रसिद्धि दिन-प्रतिदिन मिलती गई और रिकॉर्ड इन्होंने अपने नाम कर एक मिसाल पेश किया।

आरंभ में सौरव गांगुली फुटबॉल में रूचि दिया करते थे, उसे अपना कैरियर बनाना चाहते थे।

किंतु किस्मत में कुछ और ही छुपा था जो क्रिकेट के रूप में सामने आया। क्रिकेट ने उन्हें विश्व स्तर की प्रसिद्धि दिलाई।

सौरव गांगुली का क्रिकेट जगत में आगमन

आरम्भ से ही गांगुली प्रतिभाशाली व्यक्तित्व के थे। उन्होंने फुटबॉल और क्रिकेट दोनों में रुचि दिखाई। विद्यालय से ही उन्होंने क्रिकेट में अपना कैरियर बनाने का सोच लिया था जिसके उपरांत उन्होंने क्षेत्रीय स्तर पर अनेकों प्रतियोगिता में भाग लिया। धीरे-धीरे उनकी प्रतिभा ने उन्हें दिलीप ट्रॉफी, रणजी ट्रॉफी के लिए भी नामित किया। वहां उन्होंने शानदार प्रदर्शन कर राष्ट्रीय स्तर के चयनकर्ताओं का ध्यान अपनी और आकर्षित किया।

इसके लिए उन्होंने दिन रात मेहनत की।

उनकी मेहनत का ही फल था कि उन्हें भारतीय क्रिकेटर चयन बोर्ड ने इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट मैच खेलने का अवसर दिया।

इसके बाद

उनका क्रिकेट के क्षेत्र में निरंतर कद ऊंचा होता गया, क्योंकि इंग्लैंड के खिलाफ पहले ही टेस्ट में उन्होंने 131 रन की सफल पारी खेली थी। इसके बाद उन्हें टेस्ट एकदिवसीय आदि खेलों में भी अपना प्रदर्शन का अवसर मिला। उन्होंने अपने प्रदर्शन से चयनकर्ताओं की उम्मीद को कभी टूटने नहीं दिया। सौरव कई दिग्गज बल्लेबाजों के साथ साझीदारी पारी में भारत को जीत दिलाई। ऐसी जीत जो आज भी मिसाल के तौर पर याद किया जाता है।

उन्हें श्रेष्ठ प्रदर्शन के कारण सन 2000 में भारतीय क्रिकेट टीम का कप्तान भी बनाया गया।

सौरव गांगुली उल्टे हाथ की बल्लेबाजी करते हैं तथा गेंदबाजी भी करते हैं।

दोनों ही क्षेत्र में उन्होंने भारतीय क्रिकेट टीम को सफलता दिलाने में अहम योगदान दिया। अंतिम एक दिवसीय क्रिकेट खेल उन्होंने 15 नवंबर 2007 को पाकिस्तान के खिलाफ खेला था। अंतिम टेस्ट क्रिकेट मैच 6 नवंबर 2008 ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेला था।

  • 23 अक्टूबर 2019 को भारतीय क्रिकेट बोर्ड का अध्यक्ष पद इन्होंने संभाला और क्रिकेट के क्षेत्र में अभूतपूर्व बदलाव करते हुए क्रिकेट को एक नया जीवन दिया।
  • 2016 में सुप्रीम कोर्ट के द्वारा इंडियन प्रीमियर लीग IPL संचालन समिति का स्थाई सदस्य नियुक्त किया, जो इस खेल की तकनीकी कार्यवाही पर नियंत्रण रखता है।

आइए अब उनके क्रिकेट रिकॉर्ड पर कुछ नजर डालते हैं

सौरव गांगुली के क्रिकेट पारी का रिकॉर्ड/विश्लेषण

Competition  Test ODI FC LA
Matches 113 311 254 437
Runs 7212 11363 15687 15622
Batting Avrage 42.17 41.02 44.18 43.32
100/50 16/35 22/72 33/89 31/97
Top score 239 183 239 183
Balls Bowled 3117 4561 11108 8199
Wickets 32 100 167 171
Bowling Average 52.53 38.49 36.52 38.86
5 Wickets in Inning 0 2 4 2
10 Wickets in match 0 0 0 0
Best Bowling 3/28 5/16 6/46 5/16
Catch 71 100 168 131

उपरोक्त पालिका में उपलब्ध जानकारी विकिपीडिया, क्रिकेट इन्फो, तथा बी.सी.सी.आई आदि के आधार पर है। त्रुटि की संभवत संभावना हो सकती है। अगर आप तालिका में किसी त्रुटि को जानते हैं तो हमें बताएं सुधार अवश्य किया जाएगा।

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निष्कर्ष

सफलता मेहनत और कर्म के बदौलत ही मिलती है, सौरव गांगुली ने उसका एक उदाहरण पेश किया है।  उन्होंने भारतीय क्रिकेट टीम में शामिल होकर उस में जान फूंकने का काम किया था।

वह बल्लेबाज के तौर पर क्रिकेट में शामिल हुए थे किंतु उनकी गेंदबाजी भी लाजवाब थी। समय पड़ने पर वह गेंदबाजी में भी अपना हुनर दिखाते और अपनी टीम को जीत दिलाते थे। वर्तमान समय में ऐसे खिलाड़ी मिल पाना किसी भी टीम में कठिन जान पड़ता है जो सभी क्षेत्र में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर सकता हो।

आशा है आप को उपरोक्त लेख पसंद आया हो, इस लेख से आप सौरव गांगुली के जीवन और उनके कैरियर से भलीभांति परिचित हो सके होंगे।  अपने कुछ यादगार क्षणों या विचारों को लिखने के लिए कमेंट बॉक्स का प्रयोग करें, हमें आपके सुझाव आदि की सदैव प्रतीक्षा रहती है।

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