प्रस्तुत लेख में हम सावित्रीबाई फुले कोट्स, अनमोल वचन, सुविचार, आदि को पढ़कर उनके विचारों तथा व्यक्तित्व से परिचित हो सकेंगे।
स्त्री शिक्षा की प्रबल समर्थक सावित्रीबाई ज्योतिराव फूले का व्यक्तित्व अनुकरणीय था। उन्होंने अपने पति के साथ मिलकर स्त्री शिक्षा का द्वार खोला। इससे पूर्व स्त्रियों की समाज में स्थिति दयनीय थी। स्त्री को केवल उपभोग तथा गृहस्थी से जोड़कर देखा जाता था। शिक्षा का द्वार समाज के लोगों ने महिला के लिए बंद किया था, ताकि महिला शिक्षा से वंचित रह सके। वह अपने मूलभूत ज्ञान को भी अर्जित ना कर सके।
एक पुरुष शिक्षित होता है तो वह एक परिवार को शिक्षित करता है जबकि एक महिला शिक्षित होती है तो वह परिवार के साथ साथ समाज को भी शिक्षित करती है, इसलिए महिला के लिए शिक्षा अति आवश्यक हो जाता है। इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए सावित्रीबाई फुले ने आजीवन प्रयास किया और अपना सर्वस्व इसी दिशा में समर्पित कर दिया।
सावित्रीबाई फुले कोट्स
( Savitribai Phule Quotes in Hindi )
1
एक सशक्त शिक्षित स्त्री
सभ्य समाज का निर्माण कर सकती है
इसलिए तुम्हारा भी
शिक्षा का अधिकार होना चाहिए।
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2
कब तक तुम गुलामी की
बेड़ियों में जकड़ी रहोगी
उठो और अपने
अधिकारों के लिए संघर्ष करो।
3
समाज तथा देश की प्रगति
तब तक नहीं हो सकती
जब तक कि वहां कि
महिलाएं शिक्षित ना हो।
4
कोई तुम्हें कमजोर समझे इससे पहले
तुम्हें शिक्षा के महत्व को समझना होगा।
5
स्त्रियां केवल घर और खेत पर
काम करने के लिए नहीं बनी है
वह पुरुषों से बेहतर तथा
बराबरी का कार्य कर सकती है।
6
हमारे शिक्षाविदों ने स्त्री शिक्षा को लेकर
अधिक विश्वास नहीं दिखाया
जबकि हमारा इतिहास बताता है
पूर्व समय में महिलाएं भी विदुषी थी।
7
बेटी के विवाह से पूर्व उसे
शिक्षित बनाओ ताकि
वह अच्छे बुरे में फर्क कर सके।
8
दलित औरतें शिक्षा की तब और अधिकारी हो जाती है
जब कोई उनके ऊपर जुल्म करता है
इस दास्तां से निवारण का एक मात्र मार्ग है शिक्षा
यह शिक्षा ही उचित अनुचित का भेद कराता है।
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9
देश में स्त्री साक्षरता की भारी कमी है
क्योंकि यहां की स्त्रियों को
कभी बंधन मुक्त होने ही नहीं दिया गया।
कल्याणकारी सावित्रीबाई फुले कोट्स
10
आखिर कब तक तुम अपने ऊपर
हो रहे अत्याचार को सहन करोगी
देश बदल रहा है इस बदलाव में
हमें भी बदलना होगा
शिक्षा का द्वार जो पितृसत्तात्मक
विचार ने बंद किया है उसे खोलना होगा।
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11
पितृसत्तात्मक समाज यह कभी नहीं चाहेगा
कि स्त्रियां उनकी बराबरी करें।
हमें खुद को साबित करना होगा
अन्याय, दासता से ऊपर उठना होगा।
12
शिक्षा स्वर्ग का द्वार खोलता है
स्वयं को जानने का अवसर देता है।
13
हमारे जानी दुश्मन का नाम है ‘अज्ञान’
उसे धर दबोचा, मजबूत पकड़ कर
पीटो और उसे जीवन से भगा दो।
सावित्रीबाई फुले का स्पष्ट मानना था कि अज्ञानता ही महिला का सबसे बड़ा दुश्मन होता है, जिसके कारण वह आगे नहीं बढ़ पाती। अज्ञानता को दूर भगा कर अपने जीवन के सभी सुखद अनुभव को प्राप्त किया जा सकता है। इसलिए अज्ञानता को जड़ से समाप्त करना आवश्यक है।
14
तू शिक्षा के बदौलत ही,
स्वाबलंबी तथा सम्मानित हो सकेगी
इस शिक्षा को अपने लिए अपनाकर
तू संभावनाओं के सभी द्वार खोल सकती है।
15
थोपी हुई गुलामी को अब और ढोने से क्या लाभ
कुछ अपने लिए तो कर्म करो चाहे हो जग तुम्हारे खिलाफ।
सावित्रीबाई फुले का संक्षिप्त जीवन परिचय
नाम | सावित्रीबाई ज्योतिराव फुले |
जन्म | 3 जनवरी 1831 |
कार्य | भारत की प्रथम महिला शिक्षिका। 1852 में बालिका विद्यालय खोला |
पति का नाम | ज्योतिराव गोविंदराव फुले |
सावित्रीबाई फुले का निधन | 10 मार्च 1897 |
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समापन
आशा है आपको सावित्रीबाई फुले कोट्स एवं सुविचार बहुत पसंदआए होंगे। सावित्रीबाई फुले तथा उनके पति ज्योतिबा फुले ने मिलकर समाज के लिए जो कार्य किया वह अद्वितीय है। उन्होंने शिक्षा के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर किया विशेषकर स्त्री शिक्षा के लिए। सावित्रीबाई फुले ने स्वयं शिक्षा प्राप्त की तथा महिलाओं को शिक्षित करने के लिए गांव-गांव भ्रमण किया और महिलाओं को शिक्षित किया। \
इतना ही नहीं उन्होंने स्वयं प्रथम शिक्षिका बनने के साथ ही एक महिला विद्यालय भी खोला जहां उन्होंने समाज के उन महिलाओं को शिक्षित किया, जो समाज में शोषित तथा वंचित है।
शिक्षा के महत्व को उन्होंने समाज के बीच रखा और स्त्री शिक्षा का द्वार खोला। आशा है उपरोक्त लेख आपको पसंद आया हो तथा सावित्रीबाई फुले के विचारों से अवगत हो सके होंगे। अपने सुझाव या विचार कमेंट बॉक्स में लिखें।