संत तिरुवल्लुवर की कहानी – sant tiruvalluvar story in hindi

कहानी आरंभ करने से पहले हम संत तिरुवल्लुवर के बारे में थोड़ा सा जान लेते हैं। वह एक प्रख्यात कवि हैं जो तमिल भाषा में तमिल साहित्य पर रचना करते हैं। उनके कृत्यों को काफी सराहा जाता है। उनके बहुत से नाम प्रचलित हैं. उन्हें थेवा पुलवर, वल्लुवर और पोयामोड़ी पुलवर जैसे अन्य नामों से भी जाना जाता है।

संत तिरुवल्लुवर कहानी – संस्कार बड़ा या संपत्ति

दक्षिण भारत के महान संत कवि तिरुवल्लुवर समाज कल्याण और उनके उत्थान के लिए निरंतर प्रयत्नशील । वह अपने प्रवचन और अनुभव से जन सामान्य की समस्या को दूर करने का प्रयत्न किया करते थे।

उनकी प्रसिद्धि दूर-दूर तक थी , इनके प्रवचन को सुनने के लिए दूर-सुदूर राज्यों से लोग आया करते थे।

एक समय जब तिरुवल्लुवर सभा कर उठे उन्होंने पाया एक सेठ हाथ जोड़कर उनके समक्ष खड़ा है ।

सेठ कुछ परेशान था और तिरुवल्लुवर से कुछ प्रश्न पूछना चाहता था।

सेठ से बैठकर विस्तार से वार्तालाप हुई। सेठ ने अपनी समस्या का कारण रिवाल्वर को बताया –

‘ मेरा एक पुत्र है और वह बुरे व्यसनों में फस गया है। जिस धन को मैंने कड़ी मेहनत से प्राप्त किया है , वह उसे वह बेदर्दी से लूटा रहा है।’

सेठ ने अपने पुत्र के प्रति प्रेम और दुख की कहानी विस्तार से कह सुनायी।

तिरुवल्लुवर ने मुस्कुराकर सेठ से कहा – तुम्हारे पिता ने तुम्हें कितनी संपत्ति दी थी ?

सेठ –  मेरे पिता बेहद गरीब थे , इसलिए मुझे संपत्ति नहीं दे पाए। बस मुझे संपत्ति के रूप में संस्कार प्राप्त हुए।

तिरुवल्लुवर – जब तुम्हारे पिता ने तुम्हारे लिए धन नहीं छोड़ा , तो तुम मेहनती और संस्कारी हुए। तुमने अपने पुत्र के लिए धन एकत्र किया।  संस्कार से परिचय नहीं कराया इस कारण वह तुम्हारे धन को लुटा रहा है।

अपने पुत्र को धन के साथ संस्कार भी दोगे तो वह कुसंगति में नहीं पड़ेगा।

सेठ को तिरुअलुवर की बात समझ आई। सेठ की आंखें खुल गई थी , उसने प्रण किया अब वह अपने पुत्र को संस्कार देकर उचित मार्ग दिखाएगा।

मोरल –

  1. किसी भी मनुष्य को संस्कार अवश्य रूप से मिलना चाहिए।
  2. संस्कार के बिना किसी भी प्रकार का धन व्यर्थ है।
  3. संस्कार ही व्यक्ति को महान बनाता है उचित मार्ग दिखाता है।

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आशा है आपको संत तिरुवल्लुवर जी की यह कहानी काफी पसंद आई होगी। हम आगे भी ऐसी कहानी लेकर आते रहेंगे। आप हमसे इसी प्रकार जुड़े रहें और अपने अनमोल विचार टिप्पणी द्वारा हम तक पहुंचाते रहे।

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8 thoughts on “संत तिरुवल्लुवर की कहानी – sant tiruvalluvar story in hindi”

  1. संत तिरुवल्लुवर को मैं जानना चाहता था और मुझे यह कहानी आप के वेबसाइट पर पढ़ने को मिली. जिसे पढ़कर मैं काफी खुश हूं.

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  2. संत तिरुवल्लुवर एक महान संत थे । उनके बारे में बहुत ही बेहतरीन जानकारी दी गई है। उनके द्वारा किए गए समाज कल्याण के कार्य हमेशा याद किए जाएंगे।

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