सूर का दर्शन दार्शनिक कवि सूरदास जी की सृष्टि surdas ka jivan darshan

प्रस्तुत लेख में सूरदास जी के जीवन दर्शन से परिचित होंगे उनका जीवन के प्रति ईश्वर के प्रति क्या दृष्टिकोण था। माया किस प्रकार मोक्ष के मार्ग में बाधा उत्पन्न करती है। यह जगत क्या है मिथ्या संसार आदि के विषय में सूरदास जी ने विस्तृत रूप से। इस लेख में विचार प्रस्तुत किए हैं …

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समाज एवं शिक्षा | समाजशास्त्र | समाज की परिभाषा | समाज और एक समाज में अंतर | Hindi full notes

समाज एवं शिक्षा | समाजशास्त्र  | समाज और एक समाज में अंतर | समाज एवं शिक्षा में संबंध ( Relation between society and Education ) समाज एवं शिक्षा   सामान्य रूप से दो या दो से अधिक व्यक्तियों के समूह को समाज कहते हैं। व्यक्तियों इन समूहों का अध्ययन सामाजिक विज्ञान के अंतर्गत किया जाता है। मानव …

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जयशंकर प्रसाद की प्रमुख रचनाएं jaishankar prasad ka sahityik parichay

प्रस्तुत लेख में जयशंकर प्रसाद के जीवन साहित्य और उनकी लेखनी विशेषता पर विस्तृत रूप से अध्ययन करेंगे। इस लेख के अध्ययन उपरांत आप लगभग जयशंकर प्रसाद के जीवन, साहित्य आदि को जान जाएंगे। इस लेख के अध्ययन से आप अपनी परीक्षा की तैयारी कर सकते हैं। jayshankar prsad ki mukhy rachana प्रसाद जी कीरचनाओं …

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आत्मकथ्य कविता sanchipt parichay jaishankar prasad

जयशंकर प्रसाद द्वारा लिखित आत्मकथ्य कविता उनके जीवन के उन क्षणों की स्मृति है। जिसमें उन्होंने केवल दुख को प्राप्त किया। उनके हाथों से खुशियां दिन प्रतिदिन कैसे निकलती रही। वह किस प्रकार अपने जीवन में विवश रहे अपने जीवन की आत्मकथा ना लिखकर उन्होंने प्रेमचंद के आग्रह पर आत्मकथ्य कविता लिखा। इस लेख में …

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तुलसीदास की समन्वय भावना, दोहे, रचनाये, पद और कविता। 

तुलसीदास निश्चित रूप से समन्वयवादी थे, उन्होंने राम को ईश्वर माना और उनकी आजीवन आराधना की। उनके धार्मिक गतिशीलता का कारण जीवन की वास्तविकता को समझना तथा अपने धर्म की रक्षा के लिए तत्पर रहना था। तत्कालीन सामाजिक परिस्थितियां आक्रांता ओं से प्रभावित थी। यह जबरन अपना धर्म भारतीय जनमानस पर धोप रही थी जिसके …

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तुलसी की भक्ति भावना ( नवधा भक्ति, भक्ति की परिभाषा )

tulsi ki navdha bhakti, tulshidas ki bhakti bhawna ,tulsi ki bhakti kaisi thi

तुलसीदास भक्ति कालीन संत कवि थे। इन्होंने धर्म की रक्षा के लिए अपने साहित्य का सहारा लिया। जब भारत पर क्रूर आक्रमणकारी अपने धर्म को यहां की सामान्य जनमानस पर थोप रहे थे बलात धर्म परिवर्तन करा रहे थे। तब भक्ति कालीन कवियों ने जनसामान्य तक उनके पूर्वजों उनके ईश्वर आदि के महत्व को बताया …

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कवि नागार्जुन के गांव में, मैथिली कवि विद्यापति के उत्तराधिकारी

nagarjun ke gano ki yatra

विश्वनाथ त्रिपाठी विख्यात आलोचक विश्वनाथ त्रिपाठी नागार्जुन के जन्म  शताब्दी समारोह में भाग लेने नागार्जुन के गांव तरौनी गए हुए थे । यहां वह इस यात्रा के बहाने नागार्जुन को याद कर रहे हैं। कवि नागार्जुन के गांव में। मैथिली कवि लगभग 2 महीने पूर्व जब मुझे प्रगतिशील लेखक संघ के महासचिव राजेंद्र राजन का …

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उपन्यास की संपूर्ण जानकारी ( परिभाषा, विशेषताए, तत्व, तथा भेद )

upanyas ki jankari, upanyas kise kahte hai ,upanyas ki paribhasha or bhed

उपन्यास की संपूर्ण जानकारी प्राप्त करने के लिए यह पोस्ट पूरा पढ़ें | नाटक ,कथा ,उपन्यास  आदि गद्य की विधाऐं  हैं। साहित्य जगत में गद्य का विशिष्ट महत्व रहा है। गद्य क्षेत्र के पाठक का दायरा विस्तृत है ,मुद्रण के माध्यम से गद्य विधा की प्रसिद्धि व्यापक रूप में हुई है। पद्य विधा जहां शिक्षित …

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