जैन धर्म के 24 वे तीर्थंकर भगवान महावीर का जीवन सदैव प्रेरणादायक रहा है ,उन्होंने अपने आचरण से जो समाज को शिक्षा तथा लक्ष्य दिया है वह अद्वितीय है। सदैव मोक्ष प्राप्ति के लिए कार्य करना,समाज के हितों का सम्मान करना और प्रत्येक प्राणियों में भगवान के दर्शन करना उनके शिक्षा का मुख्य उद्देश्य था।
भगवान महावीर की जयंती पर हम कुछ सुविचार का संकलन लिख रहे हैं,जिन्हें पढ़कर आप उनके उच्च आदर्शों तथा जीवन के मूल्यों को समझ सकेंगे और भगवान महावीर के निकट आ सकेंगे।
इस लेख में आज हम पढ़ेंगे भगवान महावीर के सुविचार ( God Mahavir Quotes and Suvichar in Hindi with Images ) महावीर जयंती के शुभ अवसर पर।
भगवान महावीर के सुविचार ( God Mahavir Quotes in Hindi )
1
प्रत्येक जीव में परमात्मा का वास है
वह जीव स्वयं में सर्वज्ञ है
जिसमें सुख-दुख जैसी
सभी संभावनाएं व्याप्त है।।
2
घृणा सदैव विनाश का कारण बनती है ,अतः
प्रत्येक प्राणी के प्रति दया भाव रखिए।।
3
जो दूसरों की पीड़ा पर आनंदित होता है
वह पीड़ा उसे अपना ग्रास बना लेती है।।
4
क्रोध से बड़ा कोई शत्रु नहीं है ,जो
क्षण भर में सब कुछ नष्ट कर देता है।।
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5
जो अपने भीतर की आत्मा को
नहीं पहचानता
उससे बड़ा अज्ञानी कोई नहीं।
6
जीवन के वास्तविक उद्देश्यों को पहचानो
और कर्म से उसको सफल बनाओ।।
7
आत्मा अजर है अमर है
वह एक शरीर को छोड़ती है
दूसरे शरीर को धारण करती है
उसका कोई शत्रु,कोई हितेषी नहीं।
8
अहिंसा से बढ़कर और कोई धर्म नहीं।
9
भगवान सर्वव्यापी है जिसका कण-कण में वास है
सर्वोच्च कार्य तथा अनुकरणीय प्रदर्शन से
कोई भी देवतुल्य हो सकता है।।
10
कोई भी प्राणी स्वयं के दोष से दुखी का पात्र बनता है
उस दोष को दूर करके प्रसन्नता का भागी बना जा सकता है।
11
एक सूत्र में पिरोई हुई माला का मूल्य
जिस प्रकार बढ़ जाता है
उसी प्रकार व्यक्ति का
समाज से जुड़ने पर उसका मूल्य बढ़ता है। ।
Famous Mahavir Quotes in Hindi
12
दुख कोई भी प्राणी पसंद नहीं करता।
अतः वह कार्य नहीं करना चाहिए
जिससे किसी प्राणी को दुख की अनुभूति हो।
13
वह विज्ञान सभी विज्ञानों में श्रेष्ठ है ,जो
मनुष्य को उसके दुखों से मुक्ति दिलाता है। ।
14
सत्य अहिंसा के मार्ग पर चलकर मोक्ष की प्राप्ति संभव है। ।
15
ज्ञान के द्वारा सत्य को जाना जाता है
चंचल चित को शांत ,नियंत्रित और
आत्मा के निकट पहुंचा जाता है।
16
जो भी प्राणी सत्य को जान लेता है
वह जन्म मरण तथा सांसारिक
बंधनों से आगे बढ़ जाता है। ।
17
शांति तथा संयम भक्ति का प्रथम पड़ाव है।
18
सत्य के मार्ग पर चलते हुए
मोक्ष के द्वार तक पहुंचा जा सकता है। ।
19
विजय की प्राप्ति करनी है तो स्वयं पर करें
इसकी प्राप्ति बड़े बड़े योद्धा को भी नहीं होती। ।
20
किसी की निंदा से स्वयं की भलाई नहीं हो सकती। ।
21
एक सन्यासी किसी पर क्रोध नहीं करता
यह क्रोध उसकी प्रकृति नहीं है
क्रोध उत्पन्न करने वाला
स्वयं पाप का भागी होता है
जिसका दंड उसे चुकाना पड़ता है
22
किसी भी परिस्थिति में
अहिंसा का साथ
नहीं छोड़ना चाहिए।
Best Mahavir Quotes, suvichar and Anmol vachan in Hindi
23
अनुशासन वाणी में ही नहीं
जीवन में भी होना चाहिए। ।
24
अहिंसा प्राणियों को एक-दूसरे के समीप लाता है
वहीं हिंसा भय का संचार करती है। ।
25
धोखा देने वाला व्यक्ति
किसी पर दया नहीं करता
यह उसकी अज्ञानता का परिचय है। ।
26
किसी लोभी को संसार की
संपूर्ण संपदा भी मिल जाए
फिर भी उसकी संतुष्टि नहीं होती। ।
27
किसी की दुख,पीड़ा को देखकर
उससे मुंह फेरना जड़ता की निशानी है। ।
28
साधक किसी भी शब्द को
मूल्यों के तराजू पर तोल कर बोलता है। ।
29
सभी दया के पात्र हैं ,दया धर्म का मूल है
सभी में परमात्मा का वास है।
30
यद्यपि आत्मा सांसारिक बंधनों से
जकड़ी है ,तो बाहरी त्याग व्यर्थ है। ।
31
परिस्थितियां चाहे कैसी भी हो
सत्य पर अडिग रहने वाला ही
विजय की प्राप्ति करता है। ।
32
सत्य की राह पर चलने वाला व्यक्ति
धर्म का मार्ग कभी नहीं छोड़ता। ।
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निष्कर्ष –
उपरोक्त सुविचार भगवान महावीर से संबंधित है,जो उन्होंने अपने जीवन पर्यंत शिक्षा जन-जन तक पहुंचाने का कार्य किया था। उनके उपदेशों आदि से संकलित यह सभी विचार लिए गए हैं।भगवान महावीर क्षत्रिय कुल में जन्मे थे। उनके पिता सिद्धार्थ तथा माता त्रिशला थी, महावीर के जन्म से पूर्व ही विद्वानों ने भविष्यवाणी की थी यह बालक असाधारण है जो समाज के कल्याण तथा पृथ्वी पर विशिष्ट कार्य के लिए जन्म ले रहा है।
उन विद्वानों की भविष्यवाणी सिद्ध हुई महावीर ने अपने जीवन काल में ऐसे ऐसे उदाहरण प्रस्तुत किए जो उन्हें देवत्व प्रदान करने का कार्य करते हैं।उपरोक्त लेख में त्रुटियां संभव है ,किसी भी प्रकार के सुधार तथा सुझाव के लिए कमेंट बॉक्स में लिखें।
जैन समाज के माहावीर भगवान पुजनिय है. माहावीर भगवान का पूरा जीवन ही प्रेरणास्त्रोत है .