जयशंकर प्रसाद राष्ट्रीय जागरण jaishankar prasad ki rashtriya chetna

जयशंकर प्रसाद छायावादी कवि थे। उन्होंने राष्ट्रीय जागरण में बढ़ चढ़कर भाग लिया था। उनकी ख्याति मुख्य रूप से नाटककार तथा कवि के रूप में हुई है। उनके ऐतिहासिक नाटकों ने जनसामान्य को नवजागरण के लिए प्रेरित किया, जिसमें उन्होंने अतीत के गौरव को जन सामान्य के समक्ष रखा।  उनके पूर्वज किस प्रकार के गौरवशाली …

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भ्रमर गीत। उद्धव का गोपियों को संदेश।

इस लेख में आप भ्रमरगीत के संदर्भ में जानकारी हासिल करेंगे। यह लेख आपको विद्यालय तथा विश्वविद्यालय की परीक्षाओं के लिए सहयोग कर सकती है। भ्रमर गीत। उद्धव का गोपियों को संदेश भ्रमर गीत उद्धव कृष्ण के सखा गुरु बृहस्पति के शिष्य थे यादवों के मंत्री थे। वह विद्वान एवं चतुर थे। भ्रमरगीत में सूरदास …

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कवीर का चरित्र चित्रण ( कबीर की कुछ चारित्रिक विशेषता )

कबीर दास भक्त परंपरा में अग्रणी संत कवि माने गए हैं। यह भक्ति कालीन कवियों में गिने जाते हैं। कबीर दास का संपूर्ण साहित्य अध्ययन करने पर स्पष्ट होता है कि वह बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे उन्होंने सामाजिक कुरीतियों पर सबसे ज्यादा व्यंगय किया। समाज सुधारक से लेकर वह ईश्वर की परम शक्ति तक …

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परशुराम की प्रतीक्षा ( रामधारी सिंह दिनकर )

रामधारी सिंह दिनकर की परशुराम की प्रतीक्षा सामाजिक विषय पर आधारित है। जिसमें उन्होंने जनता को कुछ महत्वपूर्ण संदेश दिया है। इस लेख में हम उन उद्देश्यों को समझने का प्रयास करेंगे। यह लेख आप अपने ज्ञान की वृद्धि तथा कॉलेज की परीक्षाओं के लिए पढ़ सकते हैं। प्रश्न – परशुराम की प्रतीक्षा के माध्यम …

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Sawadiya kahani in hindi | fanishwar nath renu ki kahani

संवदिया फणीश्वर नाथ रेणु की कालजई रचना है, जिसमें पारिवारिक मर्म को उकेरा गया है। संवदिया जो डाक का कार्य करता है उसके भीतर अपने गांव के प्रति किस प्रकार के विचार है। उसके भीतरी द्वंद्व आदि को इस पाठ में बारीकी से लिखा गया है। इस लेख का अध्ययन आप परीक्षा की दृष्टि से …

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रस के अंग और भेद Ras Full Notes in Hindi

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इस लेख में सभी रस का उदाहरण, परिभाषा, अंग तथा भेद आदि का विस्तार पूर्वक अध्ययन करेंगे। यह लेख रस के सभी आयामों को स्पष्ट करने में सहायक है। यहां अध्ययन के बाद आप रस को बेहद ही आसानी से समझ सकेंगे और अपने परीक्षा में पूछे गए प्रश्नों का ठीक प्रकार से उत्तर दे …

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भारत दुर्दशा की संवेदना एवं कारण ( भारतेंदु हरिश्चंद्र )

मुख्यतः  नाटक का आरंभ भारतेंदु युग से माना जाता है। भारतेंदु से पूर्व खड़ी बोली की प्रधानता थी। गद्य के विकास में कलकत्ता के फोर्ट विलियम कॉलेज की महत्वपूर्ण भूमिका रही। भारतेंदु का काल नवजागरण के नाम से भी जाना जाता है। नवजागरण की विशेषता आत्मअवलोकन तथा स्वयंमूल्यांकन की थी। नवजागरण का कारण था सामूहिक चेतना , सांस्कृतिक चेतना। नाटक सामाजिक कला है। अतः …

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ध्रुवस्वामिनी पात्र योजना dhroov swamini patr yojna

ध्रुवस्वामिनी जयशंकर प्रसाद की कालजई रचना है। यह रचना स्वाधीनता संग्राम में स्त्रियों को जागरूक करने और अपने अधिकारों के रक्षा हेतु उन्हें प्रेरित करने के उद्देश्य से लिखा गया था। जयशंकर प्रसाद द्वारा लिखे गए समस्त नाटक समस्या तथा समाधान पर आधारित है। इस लेख में आप ध्रुवस्वामिनी नाटक में पात्र योजना का विस्तृत …

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जयशंकर प्रसाद ध्रुवस्वामिनी स्त्री समस्या jayshankar prsad in hindi

ध्रुवस्वामिनी के माध्यम से जयशंकर प्रसाद ने इस तरीके संदर्भों को उठाया है। उनकी शिक्षा को उस पर हो रहे अत्याचार आदि को उजागर करते हुए उससे मुक्ति का मार्ग भी दिखाने का प्रयास किया है। तत्कालीन समाज में स्त्रियों की स्थिति कुछ ठीक नहीं थी। उन्हें भोग विलास की वस्तु समझा जाता था जिसका …

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स्त्री शिक्षा के विरोधी कुतर्को का खंडन | स्त्रियों को पढ़ाने से अनर्थ होते हैं |

Women empowerment in hindi   स्त्री शिक्षा के विरोधी कुतर्को का खंडन   बड़े शोक की बात है , आजकल भी ऐसे लोग विद्यमान है जो स्त्रियों को पढ़ाना उनके और गृह – सुख के नाश का कारण समझते हैं | ये लोग स्त्री शिक्षा को गलत समझते थे | और , लोग भी  ऐसे – वैसे …

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