शिवजी को आदि देव माना गया है, वह सृष्टि के निर्माण से पूर्व के देवता है। शिव जी को संघारक भी कहा गया है। यह देवों में सबसे भोले माने गए हैं जो तत्काल प्रसन्न होकर अपने भक्तों को आशीर्वाद तथा मनोवांछित फल देते हैं। यही कारण है कि असुर इनकी कठिन उपासना कर शिवजी को प्रसन्न कर मनोवांछित वर पाते हैं और स्वयं को शक्तिशाली समझते हुए महादेव की शक्तियों को चुनौती देते हैं। प्रस्तुत लेख में आप शिवजी की आरती पड़ेंगे जो परम सुखदाई है।
शिवजी की आरती जय शिव ओंकारा (Shiv Aarti)
जय शिव ओंकारा ॐ जय शिव ओंकारा ।
ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा
।।ॐ जय शिव..॥
एकानन चतुरानन पंचानन राजे
हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे
।।ॐ जय शिव..॥
दो भुज चार चतुर्भुज दस भुज अति सोहे।
त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे
॥ ॐ जय शिव..॥
अक्षमाला बनमाला रुण्डमाला धारी ।
चंदन मृगमद सोहै भाले शशिधारी
॥ ॐ जय शिव..॥
श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे ।
सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे
॥ ॐ जय शिव..॥
कर के मध्य कमंडलु चक्र त्रिशूल धर्ता ।
जगकर्ता जगभर्ता जगसंहारकर्ता
॥ ॐ जय शिव..॥
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका ।
प्रणवाक्षर मध्ये ये तीनों एका
॥ ॐ जय शिव..॥
काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रह्मचारी ।
नित उठि भोग लगावत महिमा अति भारी
॥ ॐ जय शिव..॥
त्रिगुण शिवजीकी आरती जो कोई नर गावे ।
कहत शिवानन्द स्वामी मनवांछित फल पावे
॥ ॐ जय शिव..॥
Shivratri Quotes in Hindi महाशिवरात्रि अनमोल वचन
शिवजी की आरती का महत्व
शिव जी को भोले भंडारी कहा गया है, वह अपने भक्तों पर सदैव कृपा बरसाते हैं। शिवजी इतने भोले हैं कि भक्तों के तत्काल बुलाने पर आ जाते हैं और उन्हें भक्ति का लाभ देते हैं। जो भक्त निष्ठा पूर्वक शिवजी की पूजा अर्चना करता है उनकी आरती करता है उसे वह शक्ति प्राप्त होती है जो संसार में अन्यत्र दुर्लभ है। शिव जी के भक्तों के आसपास कोई बुरी शक्ति तक नहीं भटकती। स्वयं शिवजी महाकाल है और जो महाकाल का भक्त होता है उससे काल भी दूर रहता है। शिव जी की भक्ति परम सुखदाई है, जो भक्त भोले बाबा की पूजा विधि विधान के साथ करता है उनकी आरती कर उन्हें प्रसन्न करता है उसके घर सुख समृद्धि वैभव आदि की वर्षा होती है उसका परिवार निरोगी तथा स्वस्थ होने के साथ-साथ दीर्घायु भी होता है। आरती करने के पश्चात अपनी त्रुटियों के लिए क्षमा प्रार्थना अवश्य करें।
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समापन
जैसा कि हम जानते हैं शिव जी को भोले भंडारी, नीलकंठ, महादेव, महाकाल आदि नामों से जाना जाता है। उनके प्रत्येक नाम के पीछे उनके महिमा का वर्णन देखने को मिलता है। महादेव की कृपा जिस भक्त पर हो जाती है वह फिर भयमुक्त होकर जीवन यापन करता है। उसे अन्य किसी प्रकार का भय नहीं रहता वह जीवन के तमाम हर्ष विषाद आदि से विरक्त होकर जीवन को परम आनंद में व्यतीत करता है। भोले शंकर की कृपा प्रत्येक भक्तों को बराबर मिलती है। यह अति शीघ्र अपने भक्तों पर प्रसन्न होते हैं और खुलकर अपना आशीर्वाद न्योछावर करते हैं। जो भक्त इनकी पूर्ण निष्ठा के साथ आराधना करता है उन्हें शिव शंकर जी की भक्ति का लाभ अवश्य होता है। शिव जी परम दानी भी कहा गया है, इन्होंने सोने की लंका क्षणभर में रावण को दे डाला जो को उनके दानी होने का प्रमाण है।
आप भी भोले बाबा की भक्ति का लाभ ले, आपका घर परिवार सुख, समृद्धि, धन वैभव से भरा रहे इसी उद्देश्य के साथ यह लेख लिखा गया है। आशा है उपरोक्त लेख आपको पसंद आया हो अपने सुझाव तथा विचार कमेंट बॉक्स में लिखें।