नमस्कार आज आप पढ़ेंगे शिव चालीसा हिंदी और अंग्रेजी भाषा में। संपूर्ण दोहा और चौपाई सहित आपको यह पढ़ने को मिलेगा। Full shiv chalisa lyrics in form of chapter, video is available in this post.
नियमित शिव चालीसा का पाठ करने से कहते हैं कि भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और अपनी कृपा बरसाते हैं। रोज सुबह उठकर नहा धोकर इसका जाप करने से लाभ होता है। निरंतर इसका जाप करने से मन को शांति मिलती है और धन वैभव और स्वास्थ्य में लाभ होता है। जितना हो सके उतना सरल बनाने का प्रयास किया गया है ताकि आपको पढ़ने में आसानी हो। आपको इस पोस्ट में शिव चालीसा का वीडियो और पीडीएफ भी देखने को मिलेगा।
Shiv chalisa lyrics with PDF in hindi
Read full lyrics of shiv chalisa in hindi and english
॥दोहा॥
( Shiv chalisa doha )
जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान।
कहत अयोध्यादास तुम, देहु अभय वरदान॥
॥चौपाई॥
जय गिरिजा पति दीन दयाला।
सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥
भाल चन्द्रमा सोहत नीके।
कानन कुण्डल नागफनी के॥
अंग गौर शिर गंग बहाये।
मुण्डमाल तन क्षार लगाए॥
वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे।
छवि को देखि नाग मन मोहे॥
मैना मातु की हवे दुलारी।
बाम अंग सोहत छवि न्यारी॥
कर त्रिशूल सोहत छवि भारी।
करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥
नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे।
सागर मध्य कमल हैं जैसे॥
कार्तिक श्याम और गणराऊ।
या छवि को कहि जात न काऊ॥
देवन जबहीं जाय पुकारा।
तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥
किया उपद्रव तारक भारी।
देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी॥
तुरत षडानन आप पठायउ।
लवनिमेष महँ मारि गिरायउ॥
आप जलंधर असुर संहारा।
सुयश तुम्हार विदित संसारा॥
त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई।
सबहिं कृपा कर लीन बचाई॥
किया तपहिं भागीरथ भारी।
पुरब प्रतिज्ञा तासु पुरारी॥
दानिन महँ तुम सम कोउ नाहीं।
सेवक स्तुति करत सदाहीं॥
वेद माहि महिमा तुम गाई।
अकथ अनादि भेद नहिं पाई॥
प्रकटी उदधि मंथन में ज्वाला।
जरत सुरासुर भए विहाला॥
कीन्ही दया तहं करी सहाई।
नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥
पूजन रामचन्द्र जब कीन्हा।
जीत के लंक विभीषण दीन्हा॥
सहस कमल में हो रहे धारी।
कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥
एक कमल प्रभु राखेउ जोई।
कमल नयन पूजन चहं सोई॥
कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर।
भए प्रसन्न दिए इच्छित वर॥
जय जय जय अनन्त अविनाशी।
करत कृपा सब के घटवासी॥
दुष्ट सकल नित मोहि सतावै।
भ्रमत रहौं मोहि चैन न आवै॥
त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो।
येहि अवसर मोहि आन उबारो॥
लै त्रिशूल शत्रुन को मारो।
संकट ते मोहि आन उबारो॥
मात-पिता भ्राता सब होई।
संकट में पूछत नहिं कोई॥
स्वामी एक है आस तुम्हारी।
आय हरहु मम संकट भारी॥
धन निर्धन को देत सदा हीं।
जो कोई जांचे सो फल पाहीं॥
अस्तुति केहि विधि करैं तुम्हारी।
क्षमहु नाथ अब चूक हमारी॥
शंकर हो संकट के नाशन।
मंगल कारण विघ्न विनाशन॥
योगी यति मुनि ध्यान लगावैं।
शारद नारद शीश नवावैं॥
नमो नमो जय नमः शिवाय।
सुर ब्रह्मादिक पार न पाय॥
जो यह पाठ करे मन लाई।
ता पर होत है शम्भु सहाई॥
ॠनियां जो कोई हो अधिकारी।
पाठ करे सो पावन हारी॥
पुत्र होन कर इच्छा जोई।
निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई॥
पण्डित त्रयोदशी को लावे।
ध्यान पूर्वक होम करावे॥
त्रयोदशी व्रत करै हमेशा।
ताके तन नहीं रहै कलेशा॥
धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे।
शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥
जन्म जन्म के पाप नसावे।
अन्त धाम शिवपुर में पावे॥
कहैं अयोध्यादास आस तुम्हारी।
जानि सकल दुःख हरहु हमारी॥
॥दोहा॥
नित्त नेम कर प्रातः ही, पाठ करौं चालीसा।
तुम मेरी मनोकामना, पूर्ण करो जगदीश॥
मगसर छठि हेमन्त ॠतु, संवत चौसठ जान।
अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण॥
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Shiv Chalisa lyrics in English
Now you will read shiv chalisa lyrics in english with doha and chaupai.
Doha
Jai Ganesh Girija Suvan
Mangal Mul Sujan
Kahat Ayodhya Das
Tum Dey Abhaya Varadan
Shiv chalisa chopai
Jai Girija Pati Dinadayala
Sada Karat Santan Pratipala
Bhala Chandrama Sohat Nikefull
Kanan Kundal Nagaphani Ke
Anga Gaur Shira Ganga Bahaye
Mundamala Tan Chhara Lagaye
Vastra Khala Baghambar Sohain
Chhavi Ko Dekha Naga Muni Mohain
Maina Matu Ki Havai Dulari
Vama Anga Sohat Chhavi Nyari
Kara Trishul Sohat Chhavi Bhari
Karat Sada Shatrun Chhayakari
Nandi Ganesh Sohain Tahan Kaise
Sagar Madhya Kamal Hain Jaise
Kartik Shyam Aur Gana rauo
Ya Chhavi Ko Kahi Jata Na Kauo
Devan Jabahi Jaya Pukara
Tabahi Dukha Prabhu Apa Nivara
Kiya Upadrav Tarak Bhari
Devan Sab Mili Tumahi Juhari
Turata Shadanana Apa Pathayau
Luv nimesh Mahi Mari Girayau
Apa Jalandhara Asura Sanhara
Suyash Tumhara Vidit Sansara
Tripurasur Sana Yudha Machai
Sabhi Kripakar Lina Bachai
Kiya Tapahin Bhagiratha Bhari
Purahi Pratigya Tasu Purari
Darpa chod Ganga thabb Aayee
Sevak Astuti Karat Sadahin
Veda Nam Mahima Tav Gai
Akatha Anandi Bhed Nahin Pai
Pragati Udadhi Mantan te Jvala
Jarae Sura-Sur Bhaye bihala
Mahadev thab Kari Sahayee,
Nilakantha Tab Nam Kahai
Pujan Ramchandra Jab Kinha
Jiti Ke Lanka Vibhishan Dinhi
Sahas Kamal Men Ho Rahe Dhari
Kinha Pariksha Tabahin Purari
Ek Kamal Prabhu Rakheu goyee
Kushal-Nain Pujan Chahain Soi
Kathin Bhakti Dekhi Prabhu Shankar
Bhaye Prasanna Diye-Ichchhit Var
Jai Jai Jai Anant Avinashi
Karat Kripa Sabake Ghat Vasi
Dushta Sakal Nit Mohin Satavai
Bhramat Rahe Man Chain Na Avai
Trahi-Trahi Main Nath Pukaro
Yahi Avasar Mohi Ana Ubaro
Lai Trishul Shatrun Ko Maro
Sankat Se Mohin Ana Ubaro
Mata Pita Bhrata Sab Hoi
Sankat Men Puchhat Nahin Koi
Swami Ek Hai Asha Tumhari
Ai Harahu Ab Sankat Bhari
Dhan Nirdhan Ko Deta Sadahin
Arat jan ko peer mitaee,
Astuti Kehi Vidhi Karai Tumhari
Shambhunath ab tek tumhari
Dhana Nirdhana Ko Deta Sadaa Hii
Jo Koi Jaanche So Phala Paahiin
Astuti Kehi Vidhi Karon Tumhaarii
Kshamahu Naatha Aba Chuuka Hamaarii
Shankar Ho Sankat Ke Nashan
Vighna Vinashan Mangal Karan
Yogi Yati Muni Dhyan Lagavan
Sharad Narad Shisha Navavain
Namo Namo Jai Namah Shivaya
Sura Brahmadik Par Na Paya
Jo Yah Patha Karai Man Lai
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Doha
Nitya Nema kari Pratahi
Patha karau Chalis
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