We are writing today Hindi stories for kids. Hope you will love our work. यह कहानियां हिंदी में लिखी गयी हैं छोटे छोटे बच्चों के लिए | शब्दों का चुनाव छोटे बच्चों के समझ के अनुसार किया गया है |
बच्चों के लिए कहानियां – Hindi stories for kids
These are short and interesting Hindi stories for kids, read and have fun.
1. कछुआ और खरगोश
कछुए और खरगोश की दौड़ तो याद है ना ?
उस दौड़ के बाद जानवरों के पूरे राज्य में सभी कछुए और खरगोश के बारे में चर्चा करने लगे। आलस के कारण खरगोश दौड़ हार गया , अपनी मंजिल की ओर लगातार चलकर कछुआ जीत गया।
अपनी जीत पर कछुआ इतराया नहीं , अपनी हार पर खरगोश ने भी खुद को अपमानित महसूस नहीं किया। ना ही उसे कछुए के प्रति जलन हुई।
कुछ दिनों बाद उस जंगल के राजा को पड़ोसी जंगल के राजा के साथ जरूरी काम पड़ा।
उनकी बातचीत तुरंत होनी जरूरी थी , लेकिन बहुत सारे कार्यों में उलझे होने के कारण राजा के लिए पड़ोसी राज्य जाना संभव नहीं था। अतः राजा ने खरगोश और कछुए को बुलाया और कहा तुम दोनों में से किसी एक को पड़ोसी राज्य जाना पड़ेगा मेरा।
संदेश सुनें देकर उनका जवाब लेकर एक दिन के अंदर आना है।
पड़ोसी राज्य पहुंचने का रास्ता कांटे और पत्थरों से भरा था , बीच में दो नदियां भी थी। कछुए और खरगोश दोनों के लिए रास्ता आसानी से तय करना मुश्किल था। दोनों ने मिलकर एक योजना बनाई अगले दिन तड़के दोनों तैयार हो गए।
राजा का संदेश लेकर दोनों साथ निकल पड़े।
जंगल के रास्ते में खरगोश कछुए को अपनी पीठ पर बैठाकर तेजी से दौड़ा रास्ते में जब नदी आई तब कछुए ने खरगोश को अपनी पीठ पर बैठाकर नदी पार कराई।
फिर से खरगोश ने कछुए को पीठ पर बैठाकर दौड़ लगाई दूसरी नदी आते ही कछुए ने अपना काम किया। इस तरह दोनों साथ मिलकर बहुत जल्दी अपनी मंजिल तक पहुंच गए। राजा से बातचीत करके वह वापस समय से पहले ही लौट आए।
राजा ने दोनों की खूब प्रशंसा की।
Moral of the story
Always help each other in time of crisis. Only then we can win with hand in hand and survive the most difficult condition.
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2. बिल्लियों की दावत ( Stories for kids in hindi )
दूर एक गांव में कुछ मोटी बिल्लियां रहती थी। उसी गांव में कुछ चूहे भी रहते थे। आपको क्या लगता है वे आपस में दोस्त थे ?
एक दिन मोटी बिल्लियों ने दावत करने की सोची।
उन्होंने हलवाई को बुलाया , उसने बड़ी सी आग जलाई और भात , पैठा और कई पकवान पकाए।
बड़े बड़े बर्तनों में से अच्छी खुशबू सब जगह फैल गई।
सबके मुंह में पानी आ गया , अब मोटी बिल्ली ने चूहों को भी दावत में बुलाया।
चूहे खुशबू सूंघ ही रहे थे , इसलिए वे बड़े खुश हुए , उन्होंने अपने मुखिया से दावत में जाने की अनुमति मांगी।
उनके होशियार मुखिया ने कहा तुम जा सकते हो , पर याद रखना की बिल्लियां हमारी दुश्मन है , उनके आस-पास सावधान रहना , किसी को चोट नहीं आने चाहिए।
पहले वहां अपने नीचे एक बिल खोद लेना अगर कुछ गड़बड़ हो तो उस राह से भाग निकलना।
next scene
चूहे दावत में गए , उन्होंने इधर – उधर देखा और थोड़ा पेठा खाया , चुपचाप से अपने नीचे बिल भी बनाते रहे। संगीत बज रहा था और बिल्ली और चूहे मिलकर नाच रहे थे।
डम – डम बज रहा ढोल और पी- पी बज रही तुरी नाचो – गाओ पकड़ो – खाओ।
मोटी बिल्ली ने गाया , चूहों को इसका मतलब पता था नाचो – गाओ -भाग -जाओ उनका जवाब था।
गाते गाते वह अपने बिलों के रास्ते से भाग निकले।
मोटी बिल्लियों को हार माननी पड़ी , भूखी और परेशान भी चली गई क्योंकि बिना स्वादिष्ट चूहों के भला दावत कैसी।
Moral of the story –
This hindi story for kids teach us that we should always be careful while we are in unknown situation.
3. अभी नहीं अभी नहीं
राहुल ने दादी से पूछा क्या मैं कुछ लड्डू खा लूं ? अभी नहीं बेटा कल खा लेना। राहुल ने मम्मी से पूछा क्या मैं यह नए कपड़े पहन लूं ? अभी नहीं बेटा कल पहन लेना।
मैं कल तक रुकना नहीं चाहता , उसने पापा से पूछा क्या मैं उस सुंदर से डिब्बे को खोल लूं ? नहीं नहीं तुम्हें थोड़ा रुकना पड़ेगा।
लेकिन मैं रुकना नहीं चाहता , बड़े हमेशा क्यों कहते हैं अभी नहीं , अभी नहीं ?
उस रात राहुल गुस्से में सो गया अगले दिन
दादी ने कहा तुम यह लड्डू खा सकते हो !
मम्मी ने कहा अब तुम यह कपड़े पहन सकते हो !
पापा ने कहा तुम यह डिब्बा खोल सकते हो !
सभी एक साथ बोले राहुल जन्मदिन बहुत-बहुत मुबारक हो।
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4. सब उस बिल्ली की गलती है ( Best hindi stories for kids )
कक्षा में मैडम ने टूलटूल से पूछा ! तुमने अपना होमवर्क क्यों नहीं किया ?
मिस – सब उस बिल्ली की गलती है। अगर वह उस पेड़ पर नहीं फसी होती , तो मुझे चढ़ने के लिए सीढ़ी की जरूरत नहीं पड़ती। सीडी की मरम्मत की जरूरत भी नहीं पड़ती। मैं मरम्मत नहीं करता तो छोटी जगती नहीं। छोटी अगर जगती नहीं होती तो मां रसोई से बाहर भागी ना होती।
मां बाहर ना नहीं भागी होती , तो बंदर घर के अंदर घुसा ना होता। नहीं बंदर ने सारा खाना खाया होता। अगर बंदर ने सारा खाना ना खाया होता तो मेरे पिताजी दुकान से मुर्गी के गोश्त का सालन और रोटियां नहीं लाए होते।
अगर पिताजी ने दुकान से मुर्गी के गोश्त का सालन और रोटियां नहीं लाए होते तो , कुत्ता उनके पीछे – पीछे घर तक नहीं आया होता। अगर कुत्ता उनके पीछे – पीछे घर नहीं आया होता तो कुत्ते ने होमवर्क नहीं खाया होता।
तो तुम यह कह रहे हो कि कुत्ते ने तुम्हारा होमवर्क खा लिया ?
जी मिस सब उस बिल्ली की गलती है।
This is funny hindi story for kids who make excuses.
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5. आज बहुत ठंड है ( Short hindi stories for kids )
सुबह बहुत ठंड थी। घना कोहरा भी था। छुट्टी के बाद स्कूल खुलने वाला था।
चुलबुल अभी भी सोना चाहती थी , उसका उठने का मन नहीं कर रहा था। मां ने आवाज भी नहीं लगाई।
पता नहीं माँ ने क्यों नहीं जगाया। चुलबुल ने सोचा लगता है माँ भूल गई है।
कुछ देर और सो लिया जाए , थोड़ी देर बाद चुनमुन को लगा कि अब तो देर हो ही जाएगी।
खुद ही उठ जाना चाहिए , आंख मलते हुए चुनमुन मां के पास दूसरे कमरे में पहुंची।
उसने बड़ी मासूमियत से मां से पूछा आज आपने जगाया क्यों नहीं ? माँ ने प्यार से सिर पर हाथ फेरते हुए कहा। 2 दिन छुट्टी पड़ गई है , फिर क्या था चुनमुन दुबक गई फिर से रजाई में।
This hindi story for kids tells us to believe in our mother.
No matter what the condition is.
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6. चांद का तोहफा
हम सब दशहरे का मेला देखने गए , पापा ने चिंटू के लिए खूबसूरत चश्मा खरीदा। मेरे लिए एक चमकती नीली टोपी खरीदी।
घर जाते समय जोर से हवा चली , वह मेरी टोपी उड़ा ले गई। टोपी पुराने पीपल की डाल पर लटक गई। मैं खूब रोया ! मैंने उस रात का खाना भी नहीं खाया।
देर रात में चांद निकला , उसने मेरी टोपी पहन रखी थी। वह खुशी से मुस्कुराया , मैं भी मुस्कुराया ! अगले दिन मां ने मुझे एक नई टोपी दिला दी , उस रात चांद और मैंने अपनी – अपनी टोपिया पहने ! और मुस्कुराए , हम खुश थे।
आपका क्या ख्याल है ? क्या सूरज को टोपी की जरूरत है ?
These Hindi stories for kids are for fun. Read, smile, and spread.
7. सूरज और शेर सिंह ( Very short hindi stories for kids )
सूरज के पास एक गेंद है। वह गेंद शेर के जैसी दिखती है।
वह उसे शेर सिंह बुलाता है। एक दिन सूरज और शेर सिंह खेल रहे थे , तभी शेर सिंह हवा में उछाला , फिर सीधे पानी में गिर गया।
छपाक ! वह कुत्ते ने , शेर सिंह को मुंह में दबोच लिया। शेर सिंह ने अपने दोनों हाथों से कुत्ते का मुंह खोला और बाहर कूद गया।
वह एक फिसल पट्टी पर जा गिरा , वहा जो से नीचे फिसल गया , उसके पीछे एक मोटा लड़का भी फिसल रहा था , धम्म ! मोटा लड़का शेर सिंह पर आ गिरा। शेर सिंह पिचक गया , शेर सिंह ने मोटू को चुटकी काटी , फिर शेर सिंह एक सुरंग में जा गिरा।
वहां वह गोल – गोल घुमा , सुरंग से बाहर निकलते ही उसे सूरज मिल गया। सूरज ने शेर सिंह को गोद में उठा लिया।
Hindi stories for kids to understand hindi language in more easy way. If you are a teacher or parent, let your child read these stories to understand hindi.
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8. भीमा गधा ( Hindi story for kids )
आज फिर भीमा को अपने मालिक की डांट पड़ी। उसकी आंख आज भी नहीं खुली थी , इसलिए भीमा गधा बहुत उदास था।
पड़ोस की गाय गोरी ने पूछा , भीमा तुम उदास क्यों हो ? भीमा ने बताया मेरी नींद नहीं खुलती !
गोरी ने समझाया कोई बात नहीं मैं तुझे उठा दूंगी , दूसरे दिन गोरी रंभाती रही पर भीमा नहीं जागा।
भीमा चीनू मुर्गे से मिला , भीमा बोला तुम्हारी आवाज से तो सुबह भी जाग जाते हैं , तुम मुझे भी जगा देना। चीनू बोला ठीक है , अगली सुबह चीनू कुकड़ू कू कुकड़ू कु बांग लगाता रहा , मगर भीमा पर कोई असर नहीं हुआ। भीमा ने कल्लू कौवे को कांव – कांव करते देखा उसने , कौवे से भी यही कहा , अगले दिन जगा देना। कालू अगले दिन कांव-कांव करता रहा , पर भीमा नहीं जागा।
भीमा निराश हो गया , अगले दिन सुबह – सुबह एक मक्खी उसकी नाक पर जा बैठी , छींक आते ही बीमा की नींद खुल गई।
Read this hindi story for kids to your children or in your class. So that they get fun and understanding both.
9. नकलची मुम्मु ( Small stories for children )
एक थी मुम्मु , वह जब भी किसी को कुछ करते देखती , खुद भी वही करने लगती।
एक दिन वह तालाब पर गई , वहां एक लड़की नाव चला रही थी , तालाब के किनारे कुछ बच्चे खेल रहे थे।
तभी उसकी नजर दो बत्तखों पर पड़ी , वह दोनों तालाब में तैर रही थी।
बच्चों की मां किनारे पर टहल रही थी , मुम्मु उन्हें गौर से देखने लगी।
उन्हें देखकर उसका भी मन तैरने को किया , मुम्मु ने बच्चों की मां से पूछा मैं भी पानी में तैर सकती हूं ?
बत्तख की मां ने – कहा तुम्हें तैरना आता हो तो , तैर सकती हो !
मुम्मु झट से दौड़कर पानी में कूद गई , उसे तैरना नहीं आता था।
वह पानी में डूबने लगी , वह जोर-जोर से चिल्लाने लगी ,बचाओ – बचाओ !
बत्तख की मां पानी में गई , वह मुम्मु को बचा कर बाहर ले आई।
मुम्मु अब किसी की नकल नहीं करती।
Moral of the story –
This hindi stories for kids teaches us to not imitate others. Because when we do imitate we lose our uniqueness.
10. बंटी – बबली
बंटी को तितलियों के साथ खेलना अच्छा लगता है। वह चिड़ियों के साथ भी खेलती है। उसे कागज की नाव बनाना अच्छा लगता है। उसे रेत के किले बनाने में मजा आता है।
खेलने के बाद में बंटी को मां हाथ धोने के लिए कहती है। बंटी उनकी बात नहीं मानती , उसे साबुन अच्छा नहीं लगता।
एक रात उसने सपना देखा , उसके रेत के किले को कीड़ों और कीटाणु ने घेर लिया। सबने किले पर हमला कर दिया।
कीटाणु बंटी के पीछे पड़ गए , वह जान बचाने के लिए भागी और चिल्लाई – बचाओ – बचाओ !
तभी साबुन राजा अपनी झाग की सेना लेकर वहां पहुंच जाते हैं। वह अपनी सेना के साथ कीटाणुओं पर हमला बोल देते हैं।
झाग सेना झट से कीटाणुओं को सफाया कर देती है।
आजकल बंटी को नहाने में मजा आता है , वह दांत साफ करती है और मल मल कर नहाती है।
Moral of this story – This beautiful hindi story for kids teaches children to bath and clean their teeth daily. Because not doing so will make them prone to various diseases.
11. बांस
घर हो या द्वार पर्व हो या त्यौहार। शादी – विवाह का अवसर हो या अंतिम संस्कार का। मैं हर जगह मौजूद रहता हूं ,
बांसुरी भी मुझसे बनती है , और घर में उपयोग होने वाले बहुत सारे सामान भी मुझ से बनते हैं।
मैं बहुत लंबा होता हूं , मैं इतना लचीला होता हूं कि तेज हवा भी मेरा बाल बांका नहीं कर सकती।
लोग मुझे पेड़ कहते हैं , कुछ लोग कहते हैं कि मैं पौधा हूं।
मगर मैं घास की नस्ल का हूं , और एक घास ही हूं , सभी मुझे बांस के नाम से जानते हैं।
Moral of the story – This teaches us the importance of bamboo.
12. निराली चिड़िया
छोटी सी चोंच , नन्हे-मुन्ने दो पंख , और गोल – गोल आंखें घुमाने वाली चिड़िया।
छोटी – छोटी चिड़ियों की दुनिया भी बड़ी अजीब और निराली है , अनुमान है कि जमीन पर लगभग 8000 चिड़ियों की प्रजातियां है।
वैसे तो सभी चिड़िया अंडे देती है , और उन अंडों से बच्चे निकलते हैं।
लेकिन अंडों को सेने ( संरक्षण ) के चिड़ियों के अलग-अलग और निराले तरीके हैं।
अगनेट नाम की चिड़िया भी अपने पांव में रखकर अंडे देती है।
चिड़िया की कुछ ऐसी भी प्रजातियां है जो अपने अंडों को पत्तों तिनको और मिट्टी के बड़े-बड़े ढेरों के बीच रख देती है।
सूर्य की गर्मी और ढेर में रखे पत्तों की उमस के कारण अंडे अच्छी तरह से गर्म रहते हैं।
This hindi story for children teaches them how birds eggs got care by the nature.
13. हंसना मना है ( Hindi laughter story )
शांति और अरुण अच्छे मित्र हैं। वह एक साथ खेलते कूदते हैं।
घर के रास्ते में दौड़ लगाते हैं। शांति हमेशा खुश रहती है।
एक दिन शांति धीरे से अपनी कक्षा में घुसी , उसका सिर झुका हुआ था। वह उदास दिख रही थी। क्या तुम्हें किसी ने डांटा ? अरुण ने शांति से पूछा।
शांति ने अपना सिर हिलाया और अपनी जगह पर जाकर बैठ गई। सिर उठाकर भी नहीं देखा।
सोना दीदी के नाम पुकारने पर उसने उपस्थित भी नहीं कहा।
शांति कुमारी , सोना दीदी ने फिर पुकारा इस पर थोड़ा जोर से शांति ने अपना हाथ खड़ा कर दिया। क्या तुम्हारे गले में खराश है ? दीदी ने पूछा।
शांति ने सिर हिलाकर नहीं कहा। उसके गाल लाल हो गए ऐसे लगते हैं मानो उसे बुखार हो। सोना दीदी ने पूछा तुम्हारी तबीयत ठीक है ? शांति ने फिर सिर हिला दिया। लेकिन उसकी तरफ देखा नहीं। शांति इतना उदास क्यों लग रही हो ? तुम्हारा छोटा भाई ठीक है ? तुम्हारा पालतू कुत्ता ठीक है ना ?
क्या तुम्हारी दीदी ठीक है ?
शांति सभी दोस्तों के सवालों पर सिर हिलाती रही , लेकिन उसने सिर नहीं उठाया।
child psychology
अरुण को एक उपाय सूझा उसने , अपना बस्ता खोला और उसमें से कुछ निकाला।
जैसे ही वह उसे शांति को दिखाने के लिए दौड़ा , वह चीज उसके हाथ से फिसल गई। शांति ने देखा कि कोई चीज उड़कर उसके पास आ रही है , उसने देखा एक बड़ा सा हरे रबड़ का मेंढक आ रहा है। उसने लपककर उसे पकड़ लिया , उसकी आंखें खुली की खुली रह गई और उसका मुंह भी।
वह जोर-जोर से हंसने लगी , तब अरुण और बाकी सब ने देखा कि क्यों वह पूरे दिन हंस नहीं रही थी , और ना ही बातें कर रही थी 4 दांत जो गायब हो गए थे उसके।
This is actually a funny story in hindi for kids or children. Always be happy and keep smiling.
14. कभी भी कहीं भी
मैं बिहार के लोगों को बहुत भाता हूं, क्या गरीब , क्या अमीर , सभी के बीच मेरी पहुंच है।
सुबह हो , या शाम , दिन हो , या रात , मेरी पूछ हमेशा होती है।
घर हो या बाहर ,या जाना हो दूर देश मुझे ले जाना नहीं भूलते।
मुझे पोटली में बांधकर या पैकेट में रख कर कोई भी कहीं भी ले जा सकता है।
नमक – मिर्च के साथ में चटपटा तो गुड़ घी के साथ मीठा हो जाता हूं।
अब तो मुझे आप पहचान ही गए होंगे ? नहीं पहचाना बहुत ही आसान नाम है मेरा – लोग मुझे सत्तू कहते हैं।
मुझे बिना पकाए भी खा सकते हैं और पका कर भी पराठे की तरह और लिट्टी बनाकर भी।
कुछ लोग चाहते हैं कि मैं मकई से बनू , मगर ज्यादा लोग चाहते हैं कि मैं चने का ही रहूं।
मैं ताकत भी देता हूं और जाएका भी।
मैं फुर्ती भी लाता हूं और सेहत भी।
सत्य ही गुण है और मेरा यानी सत्तू का भी यही गुण है।
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15. पक्षी ( Best hindi stories for kids )
ऊपर आकाश में हमें तरह-तरह के पक्षी उड़ते हुए दिखाई देते हैं।
हमारे घर के आस-पास भी कई पक्षी रहते हैं। कुछ पक्षी ऊंचा नहीं उड़ सकते जैसे – मोर , मुर्गा और बत्तख आदि।
कुछ पक्षियों की उड़ान तेज होती है जैसे – चील , बाज , कौवा , कबूतर , तोता और उल्लू।
पक्षियों के दांत नहीं होते , चोंच होती है।
हर पक्षी की आवाज चोंच की बनावट , आंखों का रंग और पंजों की बनावट अलग – अलग होती है।
सभी पक्षियों की भोजन संबंधी आदतें भी अलग-अलग होती है।
कुछ पक्षी शाकाहारी होते हैं , तो कुछ मांसाहारी।
कबूतर चोंच से दाना चुगते हैं , तोता चोंच से फल व सब्जी काट कर खाते हैं।
चील , गिद्ध और बाज मांसाहारी पक्षी है। इनकी चोंच और तेज कटीली है। जिससे वे मांस को नोच – नोच कर खाते हैं।
सभी पक्षी घोंसले बनाकर उसमें अंडे देते हैं।
हम कुछ पक्षियों को घर में भी पालते हैं , तोता , मुर्गा और कबूतर यह हमारे घरों की शोभा बढ़ाते हैं।
पुराने जमाने में कबूतर हमारे संदेश पहुंचाने का कार्य भी करते थे।
This hindi stories for kids teaches them about the birds. How they survive and how they look like. It is necessary that this kind of stories should be read by children.
16. लाल बरसाती
रविवार को मां – बापा ने मनु को लाल रंग की एक बरसाती खरीद कर दी।
मां क्या मैं इसे अभी पहन सकता हूं ? मनु ने पूछा
माँ ने कहा नहीं , बेटे जब बारिश होगी तब पहनना।
सोमवार को धूप थी , मां आज क्या बारिश होगी ? मनु ने पूछा
नहीं मनु आज नहीं होगी , मां बोली
मंगलवार को आसमान नीला था , मां कब होगी पूरी मेरे मन की बात ? मनु ने पूछा
आज नहीं बेटा , आज तो आसमान में सिर्फ एक छोटा सा बादल है , मां बोली
बुधवार को बहुत गर्मी थी , मां बारिश क्यों नहीं हो रही है ? मनु ने पूछा
मुझे लगता है बारिश जल्दी होगी , मां बोली
गुरुवार को मनु पिकनिक पर गया। मां अगर बारिश हुई तो क्या मैं अपने साथ बरसाती ले जाऊं ? मनु ने पूछा
नहीं मनु आज बारिश नहीं होगी , आज बादल नहीं है , मां बोली
शुक्रवार को घटा थी , मां आज जरूर बारिश होगी हैना ? मनु जोर से बोला
हां हो सकती है , बारिश मेरे मनु आज आसमान में कुछ काले बादल दिखाई दे रहे हैं
शनिवार को बिजली के जोर – जोर से कड़कने की आवाज आई
मां क्या यह बिजली के कड़कने की आवाज है ? आज अभी बारिश होगी ? मनु ने पूछा और फिर सच में बारिश होने लगी।
अरे बारिश हो रही है बारिश हो रही है ! मनु गाना गाते हुए बाहर भाग गया।
मनु तुम अपनी बरसाती भूल गए , माँ उसके पीछे दौड़ती हुई बोली।
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17. मुझे वह वाला चाहिए
अम्मा की छुट्टी का दिन था। वही पुस्तक पढ़ रही थी , अनिल की भी छुट्टी थी। वह अम्मा से बोला उस नील बक्से में क्या है ? मुझे वह देखना है।
अम्मा बोली बाद में देख लेना।
अनिल कुर्सी पर चढ़कर बक्सा उतारने लगा। अम्मा चिल्लाई ,
अनिल मां से बहुत गुस्सा हो गया।
अम्मा अनिल को लेकर बाजार गई। अनिल बाजार में भी गुस्से में था।
उसने एक संतरे की ओर इशारा किया , मुझे वह वाला चाहिए , सभी संतरे नीचे गिर जाएंगे दुकानदार बोला !
अनिल का मन खराब हो गया , तभी उसे फूल की टोकरी दिखी , वह फूल लेने दौड़ा।
बेटा फूलों को हाथ नहीं लगाना , फूल मुरझा जाएंगे फुल माली ने कहा।
अनिल जोर – जोर से रोने लगा।
पास ही में टोकरी में बहुत सारे बिल्ले थे। काला बिल्ला नीचे था , तभी अम्मा बोली मुझे काला बिल्ला चाहिए।
अनिल ने अचानक से रोना बंद कर दिया नहीं , अम्मा वाला नहीं , यह भूरा ले लेते हैं।
अनिल ने बड़े प्यार से पिला उठाया , मैं तुमसे बहुत गुस्सा हूं , हमारे बिल्ले ही नीचे गिरा देती , अम्मा मुस्कुराने लगी।
18. मेरी नहीं मेरी मछली
एक सुबह किच्छु जल्दी उठा। उसने कहा चलकर थोड़ी मछलियां पकड़ी जाए। तलाब के रास्ते में , उसे चीनू मिल गया। वह दोनों पक्के दोस्त थे। सारा दिन एक साथ खेलते हैं।
मुनिया ने उन्हें साथ मछली पकड़ने की बंसी ले जाते देखा। हम मछली पकड़ने तलाब जा रहे हैं , तुम भी हमारे साथ चल सकती हो।
छोटी मुनिया ने कुछ देर सोचा और बोली बिना पानी के तो मछलियां मर जाएंगी , उन्होंने मुनिया की बात सुनी नहीं। वह सीधे तालाब की ओर चले गए।
मछलियां तैरती हुई निकली। एक मछली पतली थी और दूसरी गोल तभी तीसरी मछली आ गई।
आज तक उन्होंने इतनी बड़ी मछली नहीं देखी थी , दोनों ने अपनी – अपनी बंसी कस कर पकड़ो चिल्लाया।
मेरी मछली चीनू भी चिल्लाया नहीं मेरी मछली दोनों ने जोर से खींचा जोर से खींचा।
दोनों की बंसी टूट गई और जमीन पर गिर पड़ा। किच्छु पानी में गिर पड़ा।
यह कैसे हुआ , मछलियों ने दोनों की रसिया बांधी थी।
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I think sir these stories are just awesome. Children in my home really loved to hear these stories. This is really best stories for kids written by you people in Hindi.
Thank you so much sir