आज के इस लेख में व्यक्तिवाचक संज्ञा की परिभाषा, भेद, उदाहरण तथा महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर आदि का विस्तार पूर्वक यहां उपलब्धता है।
जिसके कारण विद्यार्थी आसानी से इस संज्ञा से परिचित हो सकता है।
जिन संज्ञा शब्द से किसी व्यक्ति,वस्तु, प्राणी अथवा स्थान के नाम का बोध कराया जाता है उसे जातिवाचक संज्ञा कहते हैं।
जैसे -राम,श्याम,मोहन,मेज,कुर्सी,कबूतर,गाय,दिल्ली ,मुंबई, गंगा, यमुना, आदि।
- मोहन सातवीं कक्षा में पढ़ता है
- गाय घास खाती है
- गंगा ऋषिकेश से निकलती है
- छत पर कबूतर बैठे हैं।
व्यक्तिवाचक संज्ञा किसे कहते हैं?
किसी व्यक्ति,वस्तु,स्थान नाम के गुण,धर्म,स्वभाव का बोध कराने वाले शब्द संज्ञा कहे जाते हैं।
व्यक्ति – राम,श्याम,सीता,गीता,अब्दुल,करीम,सलीम,सलमा।
जाति – वकील, डॉक्टर, शिक्षक, सैनिक, मंत्री, अभिनेता।
वस्तु – कार, बस, मेज, कुर्सी, पेन, पेंसिल, पंखा, चित्र।
भाव – मिठास,सौंदर्य,कड़वाहट,बुढ़ापा,बचपना।
व्यक्तिवाचक संज्ञा के वाक्य
हमने जाना कि संज्ञा के इस अंग की परिभाषा क्या है और हम इसे किस प्रकार से पहचान सकते हैं। अब चलिए कुछ उदाहरण देख लेते हैं जिससे कि हमें बारीकी से यह ज्ञात हो जाए कि हम इस संज्ञा का इस्तेमाल किस प्रकार से कर सकते हैं।
- रमेश कल दिल्ली गया था।
- कामधेनु गाय सभी मनोकामना पूरी कर देती है।
- भारत की पवित्र नदी गंगा है।
- हिमालय भारत का सिरमौर है
- रामचरित्र मानस का पाठ मन को शांति देता है।
- दिल्ली भारत की राजधानी है
- मुंबई को मायानगरी कहा जाता है
- कोलकाता भारत की पहले राजधानी थी
- नरेंद्र मोदी कुशल राजनीतिज्ञ है
- कमल पुष्प पूजा के लिए उत्तम है
- गुलाब प्यार की गहराई को व्यक्त करता है।
- गोरैया लुप्त होती जा रही है
- जयपुर को पिंक सिटी कहा जाता है
- हरिश्चंद्र सत्य का साथ देते थे।
- लक्ष्मीबाई ने पुत्र की रक्षा के लिए हथियार उठाया
- रामचंद्र ने 14 वर्ष का वनवास भोगा।
- लाल किला दिल्ली में है
- यह आम का पेड़ है।
- जवाहरलाल नेहरू देश के पहले प्रधानमंत्री थे
- सचिन तेंदुलकर को क्रिकेट का भगवान कहते हैं।
उपर्युक्त वाक्यों में गाढ़े काले रंग के शब्द हैं, वह सब व्यक्तिवाचक संज्ञा के शब्द है। जो किसी एक निश्चित व्यक्ति,वस्तु तथा स्थान को संकेत करते हैं। उसके अलावा उस शब्द का संबंध किसी अन्य से नहीं है। अतः यह व्यक्तिवाचक संज्ञा के उदाहरण है। आप चाहे तो उदाहरण स्वयं भी बना सकते हैं इसमें कोई मुश्किल वाली बात नहीं। जब परीक्षा में आपको पहचानने के लिए दिया जाता है तब आपके सामने कुछ नया ही प्रस्तुत होगा जो आपने नहीं देखा होगा। इसलिए कोशिश करें कि उदाहरण स्वयं भी बनाए ताकि आप की पकड़ और मजबूत होती है।
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निष्कर्ष
अध्ययन से स्पष्ट होता है कि व्यक्तिवाचक संज्ञा वहां सिद्ध होता है जहां नाम का प्रयोग किया जाता है। उस नाम का संबंध किसी एक निश्चित व्यक्ति ,वस्तु या स्थान भाव आदि से हो उसके अलावा उसका संबंध कहीं और स्थापित ना होता हो। जैसे – सचिन तेंदुलकर कहने पर हम समझ जाते हैं क्रिकेट में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले सचिन तेंदुलकर की ओर संकेत किया जा रहा है। ऐसे ही दिल्ली कहने पर हम भारत की राजधानी दिल्ली का स्मरण करते हैं। यह नाम कहीं और नहीं सुनने को मिलता है। अतः सभी व्यक्तिवाचक संज्ञा के अंतर्गत आते हैं।
आशा है आपको व्यक्तिवाचक संज्ञा के विषय में समझ आया हो , आपके ज्ञान की वृद्धि हो सकी हो। फिर भी किसी प्रकार के प्रश्न आपके मन में उठते हैं तो आप हमें कमेंट बॉक्स में लिखकर बताएं।
सर ,
इस हिंदी ब्लोग के लिये धन्यवाद . मेरा बेटा आपका ब्लोग जरुर देखता है . उसे तो यकिन ही नही होता कि कोई हिंदी व्याकरण मे भी ब्लोग बना सकता है .