शाहजहां दीवान ए आम। मुगलों और हिंदुओं की वास्तुकला।संगमरमर का सिंहासन।
शाहजहां दीवान-ए-आम बादशाह शाहजहां इस हाल का प्रयोग आम जनता की फरियादों को सुनने के लिए किया करते थे। आप दीवान ए आम की पेचीदा नक्काशी से बने छज्जों की अदभुत सुंदरता को सराहें बिना नहीं रह पाएंगे। इसे एक ऊंचे चौक पर बनाया गया है जो तीन दिशाओं से खुला है। क़ुतुब मीनार को कब और …