शब्द किसे कहते हैं ? एक या उससे अधिक वर्णों से बनी हुई स्वतंत्र सार्थक ध्वनि शब्द कहलाती है। किसी भाषा में अनेक सार्थक शब्दों का प्रयोग किया जाता है तब वह एक वाक्य का रूप लेकर पूर्ण अभिव्यक्ति करने में सक्षम हो पाता है। यह स्थाई नहीं होते , यह परिवर्तनशील होते हैं, यह समाज परिवेश और आवश्यकता के अनुसार जुड़ते रहते हैं तथा विलुप्त होते जाते हैं।
जैसे पूर्व समय में व्यापार विनिमय का विभिन्न साधन था उस समय जो शब्द – सेर , सवा सेर , कुंटल , तोला , मासा , आदि का प्रयोग किया जाता था आज वह प्रयोग में नहीं है।
मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है समाज में रहते हुए उसे अपने विचारों के आदान-प्रदान के लिए शब्द तथा भाषा की आवश्यकता होती है।
शब्द भाषा की छोटी इकाई होती है। दो या अधिक वर्णन को जोड़ने पर इस का निर्माण होता है , उसी प्रकार दो या अधिक शब्दों के जोड से भाषा का निर्माण होता है। व्यक्ति सामाजिक प्राणी है और समझदार भी इसलिए वह अपने अभिव्यक्ति के लिए भाषा का प्रयोग करता है।
शब्दों का वर्गीकरण ( शब्द किसे कहते हैं विभिन्न आधार )
शब्दों का वर्गीकरण विभिन्न आधारों पर किया जाता है हम उन सभी को यहां निम्नलिखित रुप से व्यक्त कर रहे हैं –
- अर्थ की दृष्टि से
- प्रयोग की दृष्टि से
- इतिहास या स्रोत की दृष्टि से
- रचना की दृष्टि से
- व्याकरणिक प्रकार्य के आधार पर
1 अर्थ की दृष्टि से शब्दों का वर्गीकरण
शब्द को भाषा की इकाई माना जाता है। शब्द वाक्य में प्रयोग होकर भाषा का रूप लेता है। एक ही शब्द वाक्यों में अलग-अलग अर्थ की प्रतीति कराता है ,शब्द का स्वरूप वाक्य के अनुरूप बदल जाता है। अतः उसमें अर्थ भिन्नता देखने को मिलता है इस दृष्टि से हम शब्दों को चार प्रकार से अध्ययन करेंगे।
- एकार्थी शब्द
- अनेकार्थी शब्द
- विलोम या विपरीतार्थक शब्द
- पर्यायवाची या समानार्थी शब्द
1 एकार्थी शब्द – जिन शब्दों का एक ही अर्थ निकलता हो वह एकार्थी शब्द कहलाते हैं। अधिकतर यह व्यक्तिवाचक संज्ञा , महत्वपूर्ण स्थान तथा महत्वपूर्ण व्यक्तियों के नाम जैसे – राम , कृष्ण , महात्मा गांधी , नरेंद्र मोदी आदि।
2 अनेकार्थी शब्द – वह शब्द जिससे एक या अधिक अर्थ निकलते हो उसे अनेकार्थी शब्द कहते हैं। कनक – सोना , धतूरा। यहां एक ही शब्द के दो अर्थ निकल रहे हैं अर्थात यह अनेकार्थी शब्द है।
कर – हाथ , टैक्स , किरण
मुद्रा – सुख का भाव , मोहर , सिक्का , अंगूठी।
3 विलोम शब्द का विपरीतार्थक शब्द – विपरीतार्थक व विलोम शब्द वह होते हैं जो किसी शब्द के विपरीत या उल्टे होते हैं
जैसे ->
सुख-दुख , सीधा – उल्टा , ऊंच-नीच , सत्य – असत्य , धर्म – अधर्म आदि।
उपरोक्त एक दूसरे के विपरीतार्थक हैं।
4 पर्यायवाची या समानार्थी शब्द – पर्यायवाची तथा समानार्थी शब्द वह होते हैं जो एक ही शब्द के विभिन्न शब्द की ओर इशारा करते हैं। इसके अर्थ समान होते हैं जैसे – घोड़ा – अश्व हय , तूरंग। यह सभी घोड़ा शब्द का पर्यायवाची है।
आंख – नयन , चक्षु , नेत्र
सूर्य – दिनकर , दिवाकर , सूरज , भास्कर
कमल – सरोज , पंकज , नीरज।
2 प्रयोग की दृष्टि से शब्दों का वर्गीकरण ( शब्द किसे कहते हैं )
शब्दों का प्रयोग समाज परिस्थिति व भौगोलिक स्थिति के आधार पर भी बदलती रहती है। इस दृष्टि से इसके अंतर्गत तीन प्रकार के शब्दों का वर्गीकरण करेंगे –
१ सामान्य शब्दावली के शब्द
२ तकनीकी शब्दावली के शब्द
३ अर्ध – तकनीकी शब्दावली के शब्द।
1 सामान्य शब्दावली के शब्द – इसके अंतर्गत कोई एक समुदाय या समूह जिन शब्दों का प्रयोग अपने आम बोलचाल तथा व्यक्ति के लिए करता है उन सभी शब्दों को सामान्य शब्दावली के शब्द माने जाते हैं। जिसमें उनके दैनिक जीवन से जुड़े शब्द होते हैं , खानपान , शारीरिक आवश्यकता तथा पारिवारिक तथा बाजार से संबंधित शब्द होते हैं।
2 तकनीकी शब्दावली के शब्द – यह वह शब्द होते हैं जो शिक्षा , ज्ञान – विज्ञान तथा व्यवसाय के क्षेत्र में प्रयोग किए जाते हैं। इन शब्दों के प्रयोग करने से व्यक्ति के ज्ञान और उसके अध्ययन की क्षमता का पता चलता है। यह सामान्य बोलचाल की भाषा से अलग होता है आम बोलचाल की भाषा में ऐसे शब्दों का प्रयोग नहीं किया जाता। क्योंकि यह बोलने में तथा समझने में क्लिष्ट होते हैं।
3 अर्ध तकनीकी शब्दावली के शब्द – इसके अंतर्गत वे सभी शब्द आते हैं जो व्यक्तियों के द्वारा तकनीकी तथा स्वयं मिश्रित शब्दों का प्रयोग किया जाता है। इसे ज्ञान – विज्ञान के क्षेत्र में भी प्रयोग किया जाता है तथा सामान्य बोलचाल की भाषा में भी इस प्रकार के शब्द को अर्ध तकनीकी शब्दावली के शब्द कहते हैं।
3 इतिहास या स्रोत की दृष्टि से शब्दों का वर्गीकरण ( शब्द किसे कहते हैं )
इस क्षेत्र के अंतर्गत इतिहास के किसी कालखंड , क्षेत्र , भाषा , समुदाय आदि के द्वारा किसी शब्दों का प्रयोग प्रचलन में आना तथा किसी शब्द का स्रोत उद्गम स्थल का पता चलना उस शब्द के प्रचलन में आने और उसके एक विभिन्न अर्थ देने आदि का स्रोत उस का उद्गम आदि कहलाता है। जिसके माध्यम से उस शब्द का मूल रूप पता चलता है , वह प्रचलन में कब आया ? कहां से आया ? कैसे आया इन सभी प्रश्नों का उत्तर उसके स्रोत से मिल जाते हैं।
भारत में उर्दू , फारसी , अंग्रेजी आदि अनेक प्रकार के भाषाओं का मिश्रित रूप देखने को मिलता है।
4 रचना की दृष्टि से शब्दों का वर्गीकरण ( शब्द किसे कहते हैं )
रचना की दृष्टि से शब्दों के तीन रूप है – रूढ़ शब्द , योगिक शब्द ,योगरूढ़ शब्द।
रूढ़ शब्द – जो शब्द किसी अन्य शब्दों के योग से ना बने हो और किसी विशेष अर्थ को प्रकट करते हो जिन के टुकड़े नहीं किए जा सकते वह रूढ कहलाते हैं। जैसे – कल , घर , दिन , घोड़ा आदि इनके खंड किए जाने पर कोई शब्द का अर्थ नहीं निकलता अतः यह रूढ़ शब्द है।
योगिक शब्द – जो शब्द कई सार्थक शब्दों के मेल से बने हुए योगिक शब्द कहलाते हैं। जैसे – देवालय – देवा+लय , राजपुरुष राज+पुरुष , देवदूत देव+दूत आदि। यह सभी शब्द दो सार्थक शब्दों के मेल से बना है। योगिक शब्द जिन शब्दों के मेल से बनते हैं उन्हें अलग करने पर भी उनके अर्थ प्रकट होते हैं।
जैसे देव – देवता , आलय – घर , हिम – बर्फ , आलय – घर।
योगरूढ़ शब्द – वे शब्द होते हैं जो योगिक होते हैं किंतु सामान्य अर्थ को ना प्रकट कर किसी विशेष अर्थ को प्रकट करते हैं ऐसे शब्द योगरूढ़ कहलाते हैं। जैसे पंकज , दशानन आदि पंकज पंक+ज =कीचड़ में उत्पन्न होने वाला। सामान्य अर्थ में प्रचलित ना होकर कमल के अर्थ में रूढ़ हो गया है अतः पंकज शब्द योगरूढ़ है
5 व्याकरणिक प्रकार्य की दृष्टि से शब्दों का वर्गीकरण ( शब्द किसे कहते हैं )
प्रत्येक भाषा का अपना एक व्याकरण होता है , उसकी दृष्टि से शब्द और भाषा का अध्ययन किया जाता है। व्याकरण के अंतर्गत हम उस भाषा के शब्दों पद , पदबंध आदि का पूरे नियम के साथ अध्ययन करते हैं।
इसे दो विभिन्न भागों में बांटा गया है १ विकारी तथा २ अविकारी।
विकारी- शब्द के अनुसार लिंग , वचन , कारक , काल का अध्ययन किया जाता है।
जिसमें संज्ञा , सर्वनाम , विशेषण और क्रिया आदि शब्द भी सम्मिलित हैं।
अविकारी शब्द – जिसमें किसी भी प्रकार का परिवर्तन संभव नहीं है , उन्हें विकारी या अवयव शब्द कहते हैं जिसमें क्रिया विशेषण , संबोधन , समुच्चयबोधक , विस्समयबोधक आदि होते हैं।
यह भी पढ़ें
Abhivyakti aur madhyam for class 11 and 12
हिंदी व्याकरण की संपूर्ण जानकारी
Hindi barakhadi written, images and chart – हिंदी बारहखड़ी
हिंदी काव्य ,रस ,गद्य और पद्य साहित्य का परिचय।
हिंदी व्याकरण , छंद ,बिम्ब ,प्रतीक।
बलाघात के प्रकार उदहारण परिभाषा आदि
Your article really helped me to improve my Hindi. Thank you, dear writer.
आपने बोहोत अच्छी जानकारी शेयर की है। मैं हमेशा आपका ब्लॉग पढता रहता हूँ। आप ऐसे ही जानकारी हमें देते रहें।
शब्द के बारे में बहुत अच्छी जानकारी दी है आप ने
क्या शब्द विषय के ऊपर आपने कोई अन्य जानकारी वाला पोस्ट लिखा है? जरूर बताइएगा