प्रस्तुत लेख में आप राष्ट्रीय गीत तथा इसमें निहित कठिन शब्द, गीत की व्याख्या तथा उससे जुड़े हुए संपूर्ण जानकारी हासिल करेंगे।
किसी भी राष्ट्र का गीत उस राष्ट्र के लिए गौरव तथा सम्मान का विषय होता है। भारत देश का अपना राष्ट्रीय गीत तथा राष्ट्रीय गान है, जो प्रत्येक भारत वासियों के लिए गौरव का विषय है। यह गीत किसी भी देश में भारत के निवासियों की पहचान का स्रोत है। भारतीय जहां भी अपने राष्ट्र गीत को सुनते हैं उसके सम्मान में खड़े हो जाते हैं। इस राष्ट्रीय गीत से भारत की संस्कृति की झलक भी देखने को मिलती है।
राष्ट्रीय गीत बोल एवं अर्थ सहित
वंदे मातरम् वंदे मातरम्
सुजलाम् सुफलाम् मलयज शीतलाम्,
शस्यश्यामलाम् मातरम्!
वंदे मातरम्
शुभ्रज्योत्सनाम् पुलकितयामिनीम्
फुल्लकुसुमित द्रुमदल शोभिनीम्
सुहासिनीम् सुमधुर भाषिणीम्
सुखदाम् वरदाम् मातरम्
वंदे मातरम् वंदे मातरम्॥
गीत के कठिन शब्द
वंदे मातरम् – मैं माता को प्रणाम करता हु, सुजलाम्- सुन्दर स्वच्छ जल, सुफलाम्-सुन्दर फल, मलयज-पर्वत का नाम, शीतलाम्-शीतल वायु, शस्यश्यामलाम्- पकी हुई फसल, शुभ्रज्योत्सना – सफेद चांदनी, पुलकितयामिनीम्- खुशहाल रात, फुल्लकुसुमित – हर्षित पुष्प, द्रुमदल- खिले हुए पुष्पों से युक्त, शोभिनीम्- शोभायमान, सुहासिनीम् -मुस्कुराते चेहरे, सुमधुर – मधुरता से युक्त, भाषिणीम् – बातें/भाषण,सुखदाम् -सुख की अनुभूति करने वाला, वरदाम् -वरदान देने वाला, मातरम् -वंदनीय माता।
राष्ट्रीय गीत की व्याख्या
हे माता हम तुम्हें प्रणाम करते हैं, जिसने हमें पोषित किया जिसकी भूमि, स्वच्छ जल, सुंदर फलों से युक्त जिसके आंचल में मलयज पर्वत है। जहां से शीतल सुगंधित वायु यहां की भूमि को महकाती है। जिसकी रक्षा में हिमालय पर्वत विराजमान है। हे मातृभूमि! तुम्हें प्रणाम है।
जिसकी धरा पर चंद्रमा की शीतल छाया तथा सफेद प्रकाश पडते हैं, जिसके कारण फूल, कलियां शोभायमान होती है। जहां के लोग मधुर वचन बोलते हैं, जहां सुख का वरदान प्राप्त होता है। हे मातृभूमि! तुम्हें हम वंदन करते हैं।
राष्ट्रीय गीत का इतिहास
राष्ट्र गीत के रचयिता बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय/बंकिम चंद्र चटर्जी है राष्ट्रीय गीत एक प्रसिद्ध उपन्यास ‘आनंदमठ’ से लिया गया है। इसकी मुख्य भाषा बंगाली और संस्कृत है। इस गीत का रचनाकाल 7 नवंबर 1885 माना गया है।
इस गीत को रविंद्र नाथ टैगोर (राष्ट्रीय गान के लेखक) ने सर्वप्रथम 1896 में कोलकाता कांग्रेस मीटिंग में गाया था।
राष्ट्रीय गीत गाने में कितना समय लगता है?
52 सेकंड की अवधि राष्ट्रगीत के लिए निश्चित की गई है, इस समय के अंतराल में इस गीत का पूरा हो जाना आवश्यक माना जाता है।
यह गीत गाने में कितना सेकंड लगता है?
52 सेकेंड का समय राष्ट्रीय गीत गाने में लगता है।
यह गीत किसने लिखा?
बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय
यह गीत कहां से लिया गया है?
बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय के लिखे हुए पांच दोहे से लिया गया है यह मूल रूप से बांग्ला भाषा में लिखा गया था। प्रथम दो पंक्ति संस्कृत भाषा में है जिसे राष्ट्रीय गीत का दर्जा प्राप्त है।
राष्ट्रीय गीत कब स्वीकार किया गया था?
24 जनवरी 1950 को राष्ट्रीय गीत के रूप में इस गीत को अंगीकृत किया गया।
इस गीत के प्रथम गायक कौन थे?
बंकिम चंद्र चटर्जी ने राष्ट्रीय गीत लिखा किंतु इसका सर्वप्रथम गायन राष्ट्रीय गान के लेखक रविंद्र नाथ टैगोर ने सर्वप्रथम 1896 में कोलकाता कांग्रेस मीटिंग में गाया था।
वंदे मातरम का क्या मतलब है?
माता की वंदना करने वाले।
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समापन
राष्ट्रीय गीत किसी भी देश के गौरव का विषय होता है यह देश का धरोहर माना जाता है। देश के निवासियों की पहचान राष्ट्रगीत से होती है, जिसके सम्मान के लिए देशवासी सदैव तत्पर रहते हैं। अपने विश्व स्तर के खेल या समारोह में विभिन्न देश के राष्ट्र गीत को सुना होगा उससे जुड़े हुए लोग उस गीत पर गर्व करते हैं, इतना ही नहीं किसी दूसरे देश का राष्ट्रगीत भी गाने पर एक दूसरे का सम्मान करते हैं। इसलिए राष्ट्रगीत चाहे किसी भी देश का बजाया जाए उसके सम्मान में सभी लोग खड़े होते हैं और अपनी आस्था उसके प्रति व्यक्त करते हैं।
भारत का राष्ट्रीय गीत भी अपने देशवासियों को गर्व करने का अवसर देता है, यहां के निवासी भी अपने राष्ट्रगीत से बेहद प्रेम करते हैं। जहां भी इसका वादन किया गायन किया जाता है वहां वह सावधान अवस्था में खड़े होकर अपना सम्मान देश के प्रति व्यक्त करते हैं।
आशा है उपरोक्त लेख से आपको संभवतः कुछ जानकारियां मिली हो अपने सुझाव विचार कमेंट बॉक्स में लिखें।
बहुत सुन्दर प्रस्तुति दी है।
धन्यवाद अशोक जी, इसी प्रकार हमने राष्ट्रीय गान का भी लेख तैयार किया है आप उस पोस्ट को भी जरूरत पड़े
बहुत ही अच्छी व्याख्या है
राष्ट्रीय गीत का अर्थ बताने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद
आप को बहुत बहुत धन्यवाद। व्यख्या के लिए.