दोस्तों नमस्कार जैसा कि आप जानते हैं , कि CTET अथवा STET वर्ष 2010 से सरकार ने अनिवार्य कर दिया है। CTET अथवा STET की परीक्षा उनके लिए है जो शिक्षक बनने का सपना देखते हैं। इस परीक्षा को पास किए बिना शिक्षक बनने का सपना पूरा नहीं हो सकता। शिक्षक पात्रता परीक्षा की आवश्यकता इसलिए पड़ी , क्योंकि भारत में अनेक ऐसे संस्थान थे , या है जो बिना कक्षा में उपस्थिति के भी डिग्री बांट रहे थे या यूं कहें कि डिग्री बेच रहे थे।
इस व्यवस्था से वह छात्र परेशान हो गए थे जो नियमित D.Ed , BTC , B.Ed , B.led आदि अन्य डिग्री शैक्षणिक योग्यता को पूरा करने के लिए परिश्रम रहे थे। ऐसे में नियमित छात्र परेशान हो रहे थे और शिक्षक की गुणवत्ता पर भी प्रश्न उठ रहा था। इस व्यवस्था पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने वर्ष 2010 से CTET लागू किया।
केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा CTET / STET | सीटेट की तयारी कैसे करें
शिक्षक पात्रता परीक्षा के दो भाग हैं भाग 1 PRT अथवा भाग 2 TGT
- पहला भाग – प्राथमिक कक्षा (1- 5) के लिए है।
- दूसरा भाग – उच्च प्राथमिक कक्षा (6 – 8) के लिए है।
सीटेट भाग 1 अथवा भाग 2 का परीक्षा प्रारूप
- विज्ञान और गणित , ‘ विज्ञान वर्ग ‘ ( SCIENCE STREAM )के छात्रों के लिए है और
- सामाजिक विज्ञान – कला वर्ग ( ART STREAM ) के छात्रों के लिए है।
पिछले वर्षों के पेपर के लिए आप CBSE की वेबसाइट से डाउनलोड कर सकते हैं।
CTET / STET परीक्षा पेपर एक कक्षा (1- 5) के लिए —
1 बाल विकास
- विकास का प्रत्यय एवं अधिगम से संबंध।
- बाल विकास के सिद्धांत।
- वृद्धि एवं विकास के सिद्धांतों का शैक्षिक महत्व।
- वंशानुक्रम और वातावरण।
- समाजीकरण की प्रक्रिया।
- पियाजे , कोहलवर्ग एवं वायगॉट्स्की।
- लेव Sवायगॉट्स्की।
- बाल केंद्रित एवं प्रगतिशील शिक्षण।
- बुद्धि का प्रत्यय।
- बुद्धि परीक्षणों के प्रकार।
- भाषा एवं विचार।
- बाल्यकाल में भाषा के विकास की विशेषताएं।
- पूर्व किशोरावस्था में भाषा की विशेषताएं।
- किशोरावस्था में भाषा विकास।
- भाषा विकास को प्रभावित करने वाले तत्व।
- भाषा विकास और शिक्षा।
- समाज निर्माण एवं लैंगिक मुद्दे।
- व्यक्तिगत विभिन्नताएं।
- आकलन मूल्यांकन सतत एवं व्यापक मूल्यांकन।
2 समावेशी शिक्षा की अवधारणा एवं विशिष्ट आवश्यकता वाले बच्चे।
- समावेशी शिक्षा।
- अधिगम अक्षमता।
- प्रतिभाशाली बालक।
- सृजनात्मक बालक।
- मंदबुद्धि बालक।
- मंदबुद्धि बालकों की शिक्षा।
- शारीरिक दृष्टि से विकलांग समस्या बालक।
- विशेष आवश्यकता वाले बालकों की सहायता हेतु आसान तरीके।
3 अधिगम एवं शिक्षण शास्त्र —
- अधिगम बच्चे कैसे सोचते हैं एवं सीखते हैं ?
- प्रमुख शिक्षण विधियां।
- बच्चा समस्या समाधानकर्ता के रूप में।
- अभिप्रेरणा व अधिगम अधिगम को प्रभावित करने वाले कारक।
- शिक्षा से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य।
- भारतीय शिक्षा का इतिहास।
- शिक्षा एवं संविधान।
- शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009
विषयवस्तु से सम्बंधित और जानकारी के लिए क्लिक करें
CTET / STET परीक्षा पेपर एक कक्षा (6 – 8 ) के लिए —
1 बाल विकास
- विकास का प्रत्यय एवं अधिगम से संबंध।
- बाल विकास के सिद्धांत।
- वृद्धि एवं विकास के सिद्धांतों का शैक्षिक महत्व।
- वंशानुक्रम और वातावरण।
- समाजीकरण की प्रक्रिया।
- पियाजे , कोहलवर्ग एवं वायगॉट्स्की।
- लेव Sवायगॉट्स्की।
- बाल केंद्रित एवं प्रगतिशील शिक्षण।
- बुद्धि का प्रत्यय।
- बुद्धि परीक्षणों के प्रकार।
- भाषा एवं विचार।
- बाल्यकाल में भाषा के विकास की विशेषताएं।
- पूर्व किशोरावस्था में भाषा की विशेषताएं।
- किशोरावस्था में भाषा विकास।
- भाषा विकास को प्रभावित करने वाले तत्व।
- भाषा विकास और शिक्षा।
- समाज निर्माण एवं लैंगिक मुद्दे।
- व्यक्तिगत विभिन्नताएं।
- आकलन मूल्यांकन सतत एवं व्यापक मूल्यांकन।
2 समावेशी शिक्षा की अवधारणा एवं विशिष्ट आवश्यकता वाले बच्चे।
- समावेशी शिक्षा।
- अधिगम अक्षमता।
- प्रतिभाशाली बालक।
- सृजनात्मक बालक।
- मंदबुद्धि बालक।
- मंदबुद्धि बालकों की शिक्षा।
- शारीरिक दृष्टि से विकलांग समस्या बालक।
- विशेष आवश्यकता वाले बालकों की सहायता हेतु आसान तरीके।
3 अधिगम एवं शिक्षण शास्त्र —
- अधिगम बच्चे कैसे सोचते हैं एवं सीखते हैं ?
- प्रमुख शिक्षण विधियां।
- बच्चा समस्या समाधानकर्ता के रूप में।
- अभिप्रेरणा व अधिगम अधिगम को प्रभावित करने वाले कारक।
- शिक्षा से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य।
- भारतीय शिक्षा का इतिहास।
- शिक्षा एवं संविधान।
- शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009
सामाजिक विज्ञान , विज्ञान और गणित के लिए उपर्युक्त दिए गए लिंक से देखें।
= > ध्यान देने वाली बात यह है कि CTET परीक्षा में पूछे गए प्रश्न CBSE की कक्षा ( 1 – 8 ) के पाठ्यपुस्तक से ही आता है।
=> केवल ‘ बाल विकास एवं शिक्षण शास्त्र ‘ , ‘ चाइल्ड डेवलपमेंट एंड पेडागोजी ‘ यह पाठ केवल DITE , B.Ed , B.Led , डीएलएड अथवा BTC से संबंधित होता है।
परीक्षा की तैयारी कैसे करें ?
सभी छात्रों के मन में फॉर्म भरने के उपरांत यही प्रश्न आता है कि तैयारी कैसे करें ? कहां जाएं ? क्या करें ? ताकि वह इस परीक्षा को सफलतापूर्वक पास कर सके। परिवार व समाज का दबाव भी थोड़ा सा रहता है कि उन्हें कुछ कहने का मौका ना मिले। इस उधेड़बुन में आपका मन लग जाता है , जिससे आप काफी तनाव में भी कई बार आ जाते हैं।
आपके दोस्त जब आपको तरह-तरह के कोचिंग सेंटर के बारे में बताते हैं , तो आप उस कोचिंग सेंटर के रिव्यू अथवा रैंकिंग को जानने में काफी टाइम लगा देते हैं। हम यहां आपको पूरी जानकारी देना चाहते हैं जिससे आप का टाइम भी बचेगा और घर बैठे आसानी से तैयारी भी पूरी हो जाएगी।
=> किसी भी कोचिंग सेंटर को ज्वाइन करना आपकी पसंद है। मैं , व्यक्तिगत रूप से आपको सलाह नहीं देता कि आप कोचिंग जाएं अथवा नहीं मेरा खुद का अनुभव दिल्ली के नामी संस्थान पंजाबी बाग में ‘ मैंने ‘ भी कोचिंग लिया था , किंतु वहां केवल समय की बर्बादी लगी।
=> आप घर पर ही 30 – 30 मिनट की बैठक से इस परीक्षा की तैयारी कर सकते हैं।
= > पूर्व परीक्षा में आए हुए प्रश्नों का प्रारूप देखें , प्रश्न किस प्रकार के हैं अध्ययन करें। इसके लिए आपको CBSE की वेबसाइट देखें।
= > बाल विकास एवं शिक्षण का प्रश्न आपके B.Ed , BTC , B.Ed , डीएलएड स्तर के होंगे।
= > बाकी सभी प्रश्न कक्षा 1 से 5 तक के CBSE सीबीएसई पाठ्यक्रम से ही होते हैं।
= > आप कक्षा 6 से 8 तक की पुस्तक एनसीईआरटी ( NCERT ) खरीद लीजिए , जिस विषय में आपको परीक्षा देना है। जैसे –
- सामाजिक विज्ञान
- विज्ञान अथवा
- गणित विषय की
= > इनमें मुख्य प्रश्न , बिंदु , घटना , नाम को एक कॉपी अथवा रजिस्टर में लिख लें। और रोज सोने से पूर्व एक बार पढ़ लें अथवा ध्यान कर लें।
= > मेरा स्वयं का यह अनुभव रहा है कि इस प्रकार से ही प्रश्न अथवा उसके उत्तर ध्यान में रह पाते हैं , जिसके कारण मैंने वर्ष 2015 सितंबर माह में इस परीक्षा को उत्तीर्ण किया था।
= > इस परीक्षा की तैयारी को ‘ मैंने ‘ व ‘ मेरे मित्रों ‘ ने इस पुस्तक से की थी |
= > इस पुस्तक में प्रश्न अधिक से अधिक आने की संभावना रहती है , जबकि अन्य प्रकाशन की पुस्तक जो ‘ मैंने ‘ अथवा ‘ मेरे साथियों ‘ ने ली थी वह अधिक रुचिकर नहीं लगे अथवा उसमे प्रश्न भी नहीं आए थे।
निष्कर्ष
- आप चाहे तो कोचिंग ले अथवा नहीं , इसका विचार आपका स्वयं का होगा।
- रोज घर पर शांत मन से कम से कम एक घंटा पूरी निष्ठा से दें समय अपने अनुसार तय कर लें।
- प्रश्न का ‘ प्रारूप ‘ अवश्य समझे , किस प्रकार प्रश्न पूछते हैं उस ‘ शैली ‘ को पहचाने।
- एकाग्र होकर अपना समय ‘ प्रश्न पत्र ‘ के अधिक से अधिक हल करने में लगाएं। आपको सफलता निश्चित ही मिलेगी।
आपका शुभेच्छु (निशिकांत)
यह भी जरूर पढ़ें
मापक यंत्र। 70 प्रकार के मापक यंत्र अथवा मीटर।सामान्य ज्ञान। G.K
सामान्य ज्ञान।पद्म भूषण।भारत के प्रधान मंत्री। अकबर के नवरत्न।दिवस। प्रमुख झील। सामान्य जानकारी
सामान्य ज्ञान स्वतंत्र भारत की राजनीति का। general knowledge indian politics
नेट। जेआरएफ। UGC NET JRF | UGC NET की तैयारी कैसे करैं
रस के अंग और भेद | रसराज | संयोग श्रृंगार | ras full notes in hindi
हिंदी व्याकरण अलंकार | सम्पूर्ण अलंकार | अलंकार के भेद | Alankaar aur uske bhed
सम्पूर्ण संज्ञा अंग भेद उदहारण।लिंग वचन कारक क्रिया | व्याकरण | sangya aur uske bhed
सर्वनाम की संपूर्ण जानकारी | सर्वनाम और उसके सभी भेद की पूरी जानकारी
दोस्तों हम पूरी मेहनत करते हैं आप तक अच्छा कंटेंट लाने की | आप हमे बस सपोर्ट करते रहे और हो सके तो हमारे फेसबुक पेज को like करें ताकि आपको और ज्ञानवर्धक चीज़ें मिल सकें |
अगर आपको ये पोस्ट अच्छा लगा हो तो इसको ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुचाएं |
व्हाट्सप्प और फेसबुक के माध्यम से शेयर करें |
और हमारा एंड्राइड एप्प भी डाउनलोड जरूर करें
कृपया अपने सुझावों को लिखिए हम आपके मार्गदर्शन के अभिलाषी है |
मेहंदी विभाग का तहे दिल से धन्यवाद कहना चाहूंगा कि आपने एक बहुत ही महत्वपूर्ण टॉपिक को बहुत अच्छे से समझाया है क्योंकि सीटेट की तैयारी करना आसान नहीं होता और साथ ही यह भी नहीं पता होता कि कौन सी किताब पढ़े परंतु आपका यह पोस्ट बहुत लाभदायक साबित हुआ.