इंडिया गेट
यदि आप केंद्रीय सचिवालय से राजपथ पर चलें तो आप बहुत ऊंची मेहराबों पर बनी इंडिया गेट की इमारत को देखेंगे। इस 42 मीटर ऊंची स्लेट रंग की इमारत का वास्तविक नाम ऑल इंडिया वॉर मेमोरियल है। इसे प्रथम विश्व युद्ध में शहीद हुए भारतीय सेना के 70,000 जवानों की याद में बनाया गया था। 10 फरवरी 1921 को डयूक ऑफ़ कनॉट ने इंडिया गेट की नींव डाली थी। इसके मेहराबदार दरवाजे पर शहीदों के नाम खुदे हुए हैं। जिससे कि सारा संसार उन अमर आत्माओं को याद कर सके , जिन्होंने अपना जीवन बलिदान कर देश की रक्षा की थी।
इस दरवाजे पर बनी सीढ़ियां ऊपर छत की तरफ जाती है। किसी समय में इसे फोटोग्राफी और आगंतुकों को देखने के लिए इस्तेमाल किया जाता था। पर अब इन सीढ़ियों को आम आदमियों के चढ़ने के लिए बंद कर दिया गया है।
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इस दरवाजे के बीच में एक अमर जवान ज्योति जल रही है और इसके बीचो-बीच उल्टी बंदूक के ऊपरी हिस्से में एक हेलमेट रखा गया है जोकि अमर जवानों की याद दिलाता है।
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