HOW TO SOLVE CLASS 11 CBSE QUESTION PAPER HINDI . दोस्तों आज हम आपको कक्षा 11 का हिंदी का पेपर या प्रश्न पत्र सॉल्व करना बताएंगे | और उसमे अच्छे मार्क्स कैसे लाएं ये भी बताएंगे | पूरा पढ़ें |
विषय — हिंदी का पेपर ( ऐच्छिक )
कक्षा — 11 वीं CBSE
समय 3 घंटा अंक 75
सामान्य निर्देश –
( 1 ) इस प्रश्न पत्र में 14 प्रश्न है।
( 2 ) सभी प्रश्न अनिवार्य हैं।
( 3 ) समय का ध्यान रखते हुए सभी प्रश्नों का उत्तर लिखें।
(4 ) जिन प्रश्नों के विकल्प दिए गए हैं , उनमें निर्धारित प्रश्नों के उत्तर ही लिखें।
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खंड ‘ क ‘
प्रश्न 1 निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए –
व्यक्ति चाहे शहर में रहता हो या गांव में , महल में रहता हो या झोपड़ी में , बहुमंजिला इमारत के फ्लैट में रहता हो या स्वतंत्र बंगले में वह किसी न किसी का पड़ोसी अवश्य है और कोई उसका पड़ोसी है। बिना पास – पड़ोस के मनुष्य जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती।
एक समय था जब एक ही गांव , शहर , अथवा गली – मोहल्ले में रहने वालों के बीच इतनी घनिष्ठता थी कि वे एक दूसरे के यहां बाहर के आए लोगों को उनके गंतव्य तक पहुंचा देते थे अथवा उनका पता बता देते थे। क्योंकि वे मिलनसार थे , उनके बीच अपनापन था , वे एक – दूसरे के सुख – दुख में सहभागी होते थे। लेकिन आज परिदृश्य पूरी तरह बदला हुआ है। एक ही इमारत में रहने वाले यह नहीं जानते कि पास वाले फ्लैट में कौन रहता है ? तो गली – मुहल्लों में रहने वालों से जान – पहचान होने का तो प्रश्न ही पैदा नहीं होता। वे रहते तो पास – पास है , लेकिन अजनबीयों की तरह। क्या इसी का नाम पड़ोस है?
आज व्यस्त और भागम – भाग की शहरी और नगरीय जिंदगी में व्यक्ति अपने पास रहने वाले तक को नहीं पहचानता। आखिर पास रहकर भी यह दूरी क्यों ?
( क ) किसके बिना मनुष्य जीवन की कल्पना नहीं कर सकते और क्यों ? 2
उत्तर – पास – पड़ोस उसके बिना , इसके बिना मनुष्य का जीवन सूना रहेगा।
( ख ) आजकल पड़ोस का परिदृश्य किस प्रकार बदल गया है ? 2
उत्तर – लोग नहीं जानते कि बगल वाले घर में कौन रहता है।
( ग ) व्यस्तता और शहरी जीवन का क्या प्रभाव पड़ा है ? 2
उत्तर – व्यक्ति अपने पास रहने वाले तक को नहीं पहचानता।
( घ ) पड़ोस में रहने वाले लोग अजनबी क्यों होते हैं ? 2
उत्तर – पास – पास रहते हुए भी जान – पहचान नहीं होती।
( ङ ) ‘घनिष्ठता’ और ‘अपनापन’ में प्रत्यय बताइए। 1
उत्तर – ‘ ता ‘ और ‘ पन ‘ प्रत्यय है।
( च ) उपर्युक्त गद्यांश का शीर्षक बताइए। 1
उत्तर – पास पड़ोस या अन्य उपयुक्त शीर्षक
प्रश्न 2 निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर पूछे गये प्रश्नों के उत्तर दीजिए –
चौपाल के चबूतरे पर
पहले एक पेड़ था
एक हुक्का था
दसियों लोग थे
गप्पे हांकते थे
‘ हो – हो ‘ करके हंसते थे
पेड़ जीवित था।
कबूतर भी
उनकी हां में हां मिलाकर
गुटरगुं करते थे
दसियों का चेहरा एक था।
पेड़ की डाली कट गई
कबूतर उड़ गए
दस हुक्के हो गये
आवाजें सिमटकर चिलम की तरह बुझ गई।
अब कोई चेहरा
स्पष्ट नजर नहीं आता
पेड़ मर गया
सब कुछ बिखर गया
कबूतर कहां गए
क्या पता ?
( क ) इस कविता में कवि ने किसके बारे में लिखा है ? 1
उत्तर – पेड़ के बारे में।
( ख ) ‘ दसियों का चेहरा एक था ‘ का भाव स्पष्ट कीजिए। 1
उत्तर – सभी आपस में मिलजुल कर रहते थे।
( ग ) ‘ दस हुक्के हो गए ‘ का तात्पर्य है बताइए। 1
उत्तर – सब अलग अलग हो गए।
( घ ) ‘ आवाजें सिमट कर चिलम की तरह बुझ गई ‘ का अर्थ बताइए। 1
उत्तर – सब अपने में ही सिमट गए।
प्रश्न 3 निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर निबंध लिखिए – 7
( क ) समय का सदुपयोग
उत्तर – निबंध की प्रस्तावना , विषय- वस्तु , उपसंहार , भाषा – शैली आदि के आधार पर लिखें।
( ख ) महानगरीय जीवन में बुजुर्ग कितने सुरक्षित।
उत्तर – निबंध की प्रस्तावना , विषय- वस्तु , उपसंहार , भाषा – शैली आदि के आधार पर लिखें।
( ग ) राजनीति में सफल होती महिलाएं।
उत्तर – निबंध की प्रस्तावना , विषय- वस्तु , उपसंहार , भाषा – शैली आदि के आधार पर लिखें।
( घ ) विकास में बाधक भ्रष्टाचार।
उत्तर – निबंध की प्रस्तावना , विषय- वस्तु , उपसंहार , भाषा – शैली आदि के आधार पर लिखें।
प्रश्न 4 आपके क्षेत्र में जलभराव से उत्पन्न कठिनाइयों का वर्णन करते हुए किसी समाचार पत्र के संपादक को पत्र लिखिए। 4
अथवा
अपने शहर की बिगड़ती कानून – व्यवस्था का विवरण देते हुए , उससे निपटने के लिए पुलिस आयुक्त को पत्र लिखिए।
उत्तर – पत्र के प्रारूप , विषय – वस्तु , भाषा व प्रस्तुतीकरण के आधार पर अंक दिए जाएंगे ( प्रश्नानुसार ध्यान से लिखें )
प्रश्न 5 निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए – 3
( क ) संचार का बाधक तत्व कौन – सा है ?
उत्तर – शोर , मौसम , नेटवर्क , बिजली आदि।
( ख ) जनसंचार के तीन प्रमुख कार्य बताइए।
उत्तर – सूचना , शिक्षा , मनोरंजन।
( ग ) ‘ द्वारपाल ‘ से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर – संपादक मंडल।
प्रश्न 6 संपादन का क्या अर्थ है ? इसके किन्ही तीन सिद्धांतों पर प्रकाश डालिए ? 3
उत्तर – किसी सामग्री की अशुद्धियों को दूर करके उसे पठनीय बनाना।
सिद्धांत – ( कोई तीन ) निष्पक्षता , तथ्यों की शुद्धता , वस्तुपरकता , संतुलन। ( अपने समझ के आधार पर विस्तार से लिखें )
अथवा
टेलीविजन जनसंचार का कैसा माध्यम है ? इसकी उपयोगिता पर प्रकाश डालिए।
उत्तर – सबसे लोकप्रिय व ताकतवर माध्यम है , दृश्यों के कारण विश्वसनीयता का गुण है , सूचना जल्दी ही प्राप्त होती है। आदि ( अपने समझ के आधार पर विस्तार से लिखें )
प्रश्न 7 निम्नलिखित काव्यांश की सप्रसंग व्याख्या कीजिए – 6
अरे इन दोहुन राह न पाई।
हिन्दू अपनी करे बड़ाई गागर छूवन न देई।
बेस्या के पायन-तर सोवै यह देखो हिंदुआई।
मुसलमान के पीर-औलिया मुर्गी-मुर्गा खाई।
खाला केरी बेटी ब्याहै घरहिं में करै सगाई।
बाहर से एक मुर्दा लाए धोय-धाय चढ़वाई।
सब सखियाँ मिलि जेंवन बैठीं घर-भर करै बड़ाई।
हिंदुन की हिंदुवाई देखी तुरकन की तुरकाई।
कहैं कबीर सुनों भाई साधो कौन राह हैं जाई।।
उत्तर –
प्रसंग – कवि – कबीर , कविता पद , प्रस्तुत पद में कवि ने हिंदू – मुस्लिम दोनों धर्मों के बाह्य आडंबरों पर व्यंग्य किया है।
व्याख्या – कबीर कहते हैं कि दोनों धर्मों के अनुयाई सही मार्ग पर ना चलकर कुरीतियों को अपनाए हुए हैं , जिसके चलते उन्हें ईश्वर की प्राप्ति नहीं हो सकती।
काव्य सौंदर्य – सधुक्कड़ी भाषा , पद – छंद , व्यंग्य शैली , अनुप्रास अलंकार आदि
अथवा
शंख घंट बजते मंदिर में,
लहरों में होता लय-कंपन,
दीप शिखा सा ज्वलित कलश
नभ में उठकर करता नीरांजन।
तट पर बगुलों सी वृद्धाएँ,
विधवाएँ जप ध्यान में मगन,
मंथर धारा में बहता
जिनका अदृश्य गति अंतर रोदन।दूर, तमस रेखाओं सी,
उड़ते पंखों की गति सी चित्रित
सोन खगों की पाँति
आर्द्र ध्वनि से नीरव नभ करती मुखरित।
उत्तर –
प्रसंग – कवि सुमित्रानंदन पंत। कविता संध्या के बाद। प्रस्तुत काव्यांश में कवि ने ग्रामीण परिवेश में संध्या के समय की सुंदरता को प्रस्तुत किया है।
व्याख्या – संध्या के समय मंदिरों में आरती होने लगती है , शंख बजते हैं इससे नदी की लहरों में कंपन व मंदिर का कलश सूर्य की लालिमा के कारण लो प्रज्वलित करते लग रहा है। तट पर बूढी विधवाएं बगुले के समान प्रतीत हो रही हैं। दूर आकाश में पक्षियों की पंक्तियां अंधकार की रेखाओं के समान प्रतीत होती है।
कला शिल्प – खड़ी बोली , वर्णनात्मक शैली , संध्या का मनोहारी सजीव चित्रण , उपमा अलंकार , तत्सम शब्दावली।
प्रश्न 8 निम्नलिखित में से किन्ही दो प्रश्नों के उत्तर दीजिए – 2 + 2 =4
( क ) खेल में कृष्ण के रूठने पर उनके साथियों ने उन्हें डांटते हुए क्या-क्या तर्क दिए ?
उत्तर – (१) तुम हारे श्रीदामा जीते है , (२) जाति – पाति में हम सब बराबर हैं , (३) हम तुम्हारे अधीन नहीं हैं , (४) खेल में रूठने वाले के साथ कोई नहीं खेलेगा। ( अन्य तर्क अपने विवेककानुसार लिखे )
( ख ) दरबार में गुणग्राहकता और कला की परख को किस प्रकार अनदेखा किया जाता है ?
उत्तर – दरबार में आडंबर व चाटुकार भरे हैं , गुणों की कद्र नहीं है , कला – पारखी भी नहीं है , चापलूसी राग – रंग भोग विलास का जोर है। राजा व दरबारी अंधे बने हुए हैं। (आदि अपने शब्दों में लिखें )
( ग ) ‘ जाग तुझको दूर जाना ‘ कविता में कवियत्री मानव को किन विपरीत परिस्थितियों से आगे बढ़ने के लिए उत्साहित कर रही है ?
उत्तर – पहाड़ों में कंपन हो रहा हो , तूफान गरज रहे हो , घोर अंधेरा छाया हो , प्रलय आ रही हो , फिर भी आगे बढ़ना है।(आदि अपने शब्दों में लिखें )
प्रश्न 9 निम्नलिखित में से दो काव्यांशों का काव्य सौंदर्य स्पष्ट कीजिए – 4
( क )
झहरि – झहरि झीनी बूँद है परति मानों,
घहरि घहरि घटा घेरी है गगन में।
आनि कह्यो स्याम मो सौं ‘चलौ झूलिबे को आज’
फूली न समानी भई ऎसी हौं मगन मै।।
उत्तर –
भाव सौंदर्य – वर्षा ऋतु का सुंदर चित्रण , गोपी के स्वप्न का चित्रण।
शिल्प सौंदर्य – ब्रजभाषा , पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार , अनुप्रास अलंकार , ‘ फूले न समाना ‘ मुहावरे का प्रयोग ,
कवित्त छंद ( विस्तार से अपने शब्दों में लिखो )
( ख )
हौं तो स्याम – रंग में चुराई चित चोरा चोरी ,
बोरत तौं बोरयो पै निचोरत बनै नहीं। ।
उत्तर –
भाव सौंदर्य – कृष्ण प्रेम में डूबी गोपी की मनोदशा का वर्णन।
शिल्प सौंदर्य – ब्रजभाषा , अनुप्रास अलंकार , रूपक अलंकार , कवित्त छंद। ( विस्तार से अपने शब्दों में लिखो )
( ग )
नीलम मरकत के संपुट दो
जिनमे बनता जीवन – मोती ,
इसमें ढलते सब रंग – रूप
उसकी आभा स्पंदन होती। ।
उत्तर –
भाव सौंदर्य – जीवन के सभी रूपों के निर्माण में एक ही जीवन शक्ति की झलक होती है।
शिल्प सौंदर्य – तत्सम शब्दावली , शब्द बिंब , ‘ जीवन ज्योति ‘ में रूपक अलंकार। ( विस्तार से अपने शब्दों में लिखो )
प्रश्न 10 निम्नलिखित गद्यांश की सप्रसंग व्याख्या कीजिए – 5
सिद्धेश्वरी भय तथा आतंक से अपने बेटे को एक तक निहार रही थी। कुछ क्षण बीतने के बाद डरते – डरते उसने पूछा वहां कुछ हुआ क्या ?
रामचंद्र ने अपनी बड़ी-बड़ी भावहीन आंखों से अपनी मां को देखा , फिर निचा सिर करके कुछ रुखाई से बोला , ‘ समय आने पर सब ठीक हो जाएगा। ‘
सिद्धेश्वरी चुप रही। धूप और तेज हो गई थी। बाहर की गली से गुजरते हुए खड़खड़ीया इक्के की आवाज आ रही थी , और खटोले पर सोए बालक की सांस का खर – खर शब्द सुनाई दे रहा था।
उत्तर –
लेखक – अमरकांत पाठ का नाम ‘ दोपहर का भोजन ‘
प्रसंग – गरीबी से जूझते एक परिवार की दयनीय स्थिति का चित्रण करते हुए लेखक कहता है।
व्याख्या – बड़े बेटे के हाव – भाव मां को परेशान कर रहे थे। वह चुप्पी साधे था। उसकी चुप्पी जब सिद्धेश्वरी से असहनीय हो गई तो वह अपने बेटे से बात करने की कोशिश करती है , किंतु बेटा अपनी परेशानियों से दुखी बात नहीं करना चाहता। वह रुखा सा जवाब देकर बात को समाप्त कर देता है। उसके बाद घर में वही डराने वाली चुप्पी छा जाती है।
विशेष – व्यवहारिक भाषा शैली का प्रयोग , वर्णनात्मक शैली , सरल सहज शब्दावली का प्रयोग। ( अपने समझ के आधार पर विस्तार से लिखें )
अथवा
कहीं उसका भी बेटा गूंगा होता तो वह भी ऐसे ही दुख उठाता ! वह कुछ भी नहीं सोच सकी। एक बार फिर गूंगे के प्रति हृदय में ममता भराई। वह लौटकर चूल्हे पर जा बैठी , जिसमें अंदर आग थी , लेकिन उसी आग से वह सब पक रहा था , जिससे सबसे भयानक आग होती है – पेट की आग , जिसके कारण आदमी गुलाम हो जाता है। उसे अनुभव हुआ कि गूंगे में बसंता से कहीं अधिक शारीरिक बल था। कभी भी गूंगे की भांति शक्ति से बसंता ने उसका हाथ नहीं पकड़ा था। लेकिन फिर भी गूंगे ने अपना हाथ बसंता पर नहीं चलाया।
उत्तर –
लेखक – रांगेय राघव पाठ ‘ गूंगे ‘
प्रसंग – प्रस्तुत गद्यांश में गूंगे के प्रति करुणा की भावना चमेली में जगाती है।
व्याख्या – चमेली सोचती है कि यदि उसका बेटा बसंता भी इसी तरह गूंगा होता तो क्या वह भी इसी तरह दुख उठाता। पर इस भयानक कल्पना के आगे वह और कुछ नहीं सोच सकी। वह पुनः ममता के भाव से भर गई , तब वह भोजन पकाने में जुट गई और वह सोचने लगी कि यह पेट की आग ही है जो मनुष्य को दूसरों की दास्तां करने को मजबूर कर देती है , तभी तो शारीरिक रूप से सशक्त गूंगा चमेली के घर नौकरी कर रहा है , और इसी बात को ध्यान में रख उसने चमेली के पुत्र पर हाथ नहीं उठाया।
विशेष – खड़ी बोली , चमेली के मानकीकरण भावना का चित्रण , ‘ पेट की आग ‘ लाक्षणिक शब्द शक्ति का प्रयोग , भाषा सरल एवं सुबोध , वर्णनात्मक शैली का प्रयोग। ( अपने समझ के आधार पर विस्तार से लिखें )
प्रश्न 11 निम्नलिखित में से दो प्रश्नों के उत्तर दीजिए – 3 + 3 = 6
( क ) हामिद ने चिमटा की उपयोगिता को सिद्ध करते हुए क्या-क्या तर्क दिए ?
उत्तर – रोटी पकाना , आग दूसरी जगह ले जाना , बंदूक बनाना , खंजरी बजाना , गिरने पर भी न टूटना , दादी की खुशी आदि। ( अपने समझ के आधार पर विस्तार से लिखें )
( ख ) टॉर्च बेचने वाली कंपनी का नाम लेखक ने ‘ सूरज छाप ‘ ही क्यों रखा ?
उत्तर – ‘ सूरज छाप ‘ नाम से टॉर्च की रोशनी सूरज जैसी होने का विश्वास दिलाने के लिए। ( अपने समझ के आधार पर विस्तार से लिखें )
( ग ) ज्योतिबा फुले और सावित्री बाई का दांपत्य जीवन किस प्रकार आधुनिक दम्पत्तियों को प्रेरणा प्रदान करता है ?
उत्तर – फुले दंपत्ति ने सारा जीवन एक साथ मिलकर हर समस्या का सामना किया। ( अपने समझ के आधार पर विस्तार से लिखें )
प्रश्न 12 कबीर अथवा सुमित्रानंदन पंत का जीवन परिचय देते हुए उनकी रचनाओं तथा काव्यगत विशेषताओं पर प्रकाश डालिए – 5
उत्तर –
जीवन परिचय –
रचनाएं –
साहित्यिक / काव्यगत विशेषताएं –
कबीर – भक्ति काल के अग्रदूत , ज्ञान मार्गी शाखा के प्रमुख , काशी में जन्म।
रचनाएं – वाणियों का संकलन , बीजक , इसके तीन अंश साखियां सबद रमनी।
काव्यगत विशेषताएं – सामाजिक कुरीतियों , जाती – पाती , अंधविश्वास , आडंबरों , मूर्ति पूजा आदि का कड़ा विरोध।
भाषा – सधुक्कड़ी , स्वभाविक , अलंकारों का प्रयोग , भक्ति शाखा प्रमुख। ( अपने समझ के आधार पर विस्तार से लिखें )
अथवा
उत्तर –
जीवन परिचय –
रचनाएं –
साहित्यिक / काव्यगत विशेषताएं –
सुमित्रानंदन पंत – अल्मोड़ा उत्तराखंड में जन्म।
रचनाएं – पल्लव , युगांत , ग्राम्या , चिदंबरा आदि।
काव्यगत विशेषताएं – छायावाद के प्रमुख स्तंभ , प्रकृति प्रेमी , सौंदर्य के अद्भुत चित्र , प्रकृति के सुकुमार कवि।
भाषा – तत्सम शब्दावली प्रधान , बिंबात्मक भाषा। ( अपने समझ के आधार पर विस्तार से लिखें )
अथवा
प्रेमचंद अथवा रांगेय राघव का साहित्यिक परिचय देते हुए उनकी भाषागत विशेषताओं पर प्रकाश डालिए –
उत्तर –
प्रेमचंद – लमही , वाराणसी , उत्तर प्रदेश में जन्म।
वास्तविक नाम – धनपत राय।
रचनाएं – सेवा सदन , रंगभूमि , कर्मभूमि।
गोदान उपन्यास , मानसरोवर आठ भागों में कहानियां
साहित्यिक विशेषताएं – समाज सुधार व राष्ट्रीय चेतना का विकास , कुरीतियों , अंधविश्वासों , शोषण , वर्ग भेद , नारी दुर्दशा , आदि का विरोध।
भाषा – सरल सजीव मुहावरों से युक्त आम बोलचाल के निकट। ( अपने समझ के आधार पर विस्तार से लिखें )
अथवा
उत्तर –
रांगेय राघव – आगरा , उत्तर प्रदेश में जन्म।
वास्तविक नाम – तिरूमल्लै नंबाकम वीर राघव आचार्य।
रचनाएं – मुर्दा का टीला , रामराज्य का वैभव , अधूरी मूरत , विषाद मठ आदि।
साहित्यिक विशेषता – समाज के शोषित – पीड़ितों के पक्षधर , मानव जीवन का यथार्थ चित्रण।
भाषा – सरल प्रवाहमयी भाषा। ( अपने समझ के आधार पर विस्तार से लिखें )
प्रश्न 13 ‘ अंडे के छिलके ‘ एकांकी से क्या प्रेरणा मिलती है। 4
उत्तर – जीवन में यथार्थ को महत्व देना चाहिए , बनावटीपन व असत्य का त्याग करें , परिवार के सदस्यों की भावनाओं और विचारों का सम्मान करें आदि। (अपने विचार में लिखें )
अथवा
कला के प्रति लोगों का नजरिया पहले कैसा था ? उसमें अब क्या बदलाव आया है ?
उत्तर – पहले कला को अय्याशी और राजे महाराजाओं के महलों की चीज मानते थे। अब आम लोगों में भी कला प्रेम उत्पन्न हुआ है। अब यह अच्छा व्यवसाय है। ( अपने शब्दों में लिखें )
प्रश्न 14 किन्ही दो प्रश्नों के उत्तर दीजिए – 4 + 4 = 8
( क ) एकांकी में अम्मा की जो पहली तस्वीर उभरती है अंत में वह बिल्कुल बदल जाती है – ‘ टिप्पणी कीजिए।
उत्तर – अम्मा सब जानती है किंतु परिवार में खुशी के लिए अनजान बनी रहती है। वह सहनशील और परिवार को प्रेम करने वाली महिला है। ( अपने समझ के आधार पर विस्तार से लिखें )
( ख ) राधा के चरित्र की ऐसी कौन सी विशेषताएं है , जिन्हें आप अपनाना चाहोगे ?
उत्तर – राधा सफल गृहणी , कामकाज में रुचि रखने वाली , धार्मिक विचारों की , पढ़ने लिखने में रुचि रखने वाली , बड़ों का सम्मान करने वाली , परिवार को जोड़ने वाली महिला है , हम सभी को अपनाना चाहिए। ( अपने समझ के आधार पर विस्तार से लिखें )
( ग ) ‘ लेखक जन्मजात कलाकार है ‘ – मकबूल की आत्मकथा में सबसे पहले यह कहां उद्घाटित होता है ?
उत्तर – बड़ौदा के बोर्डिंग स्कूल में ड्राइंग की क्लास में मास्टर जी द्वारा बोर्ड पर बनाई गई चिड़िया की हूबहू नकल मकबूल ने अपने स्लेट पर बनाई थी। ( अपने समझ के आधार पर विस्तार से लिखें )
महत्वपूर्ण नोट –
- उपर्युक्त प्रश्नों के उत्तर केवल सांकेतिक है।
- परीक्षा में आप अपने विवेक का प्रयोग कर विस्तार से उत्तर लिखेंगे।
- यह उत्तर पूर्ण नहीं है सांकेतिक मात्र है ।
- अंकों के आधार पर इसका विस्तार विद्यार्थी स्वयं करेंगे।
- ऐसा प्रयोग कर विद्यार्थी सीबीएसई के अंक वितरण मानदंडों के अनुसार सर्वोच्च अंक प्राप्त कर सकेंगे।
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छन्द विवेचन – गीत ,यति ,तुक ,मात्रा ,दोहा ,सोरठा ,चौपाई ,कुंडलियां ,छप्पय ,सवैया ,आदि
हिंदी व्याकरण , छंद ,बिम्ब ,प्रतीक।
रस। प्रकार ,भेद ,उदहारण आदि।रस के भेद | रस की उत्त्पति। RAS | ras ke bhed full notes
आपके विचार व सुझाव ‘ हिंदी विभाग ‘ के लिए स्वागत योग्य है। अतः आप अपने विचार व सुझाव बिना किसी संकोच के ‘ हिंदी विभाग ‘ तक पहुंचा सकते हैं।
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अब मुझे हिंदी का पेपर हल करने में ज्यादा मुश्किल नहीं आएगी। क्योंकि मुझे अब सभी महत्वपूर्ण बातों का पता लग चुका है जिसके लिए मैं हिंदी विभाग का आभार प्रकट करना चाहता हूं.
हिंदी का पेपर हल करने की यह विधि बहुत कामयाब है और इसे समझना भी बहुत आसान है. इसी प्रकार भूगोल का पेपर भी हल करके अवश्य दिखाएं