शाहजहां दीवान-ए-आम
बादशाह शाहजहां इस हाल का प्रयोग आम जनता की फरियादों को सुनने के लिए किया करते थे। आप दीवान ए आम की पेचीदा नक्काशी से बने छज्जों की अदभुत सुंदरता को सराहें बिना नहीं रह पाएंगे। इसे एक ऊंचे चौक पर बनाया गया है जो तीन दिशाओं से खुला है।
क़ुतुब मीनार को कब और किसने बनाया सम्पूर्ण जानकारी
हिन्दू के 27 मंदिरों को तोड़कर बनाया गया था क़ुतुब मीनार जाने सचाई
इस हाल में चबूतरे पर संगमरमर का सिंहासन है जिसमें कीमती पत्थर जुड़े हुए हैं। जो कि सन 1739 में नादिरशाह तथा बाद के शासकों ने निकाल लिए। बाद में लॉर्ड कर्जन ने इसे काफी ठीक-ठाक करवा दिया था। इस हाल की सपाट छत लाल पत्थर की मेहराबों पर टिकी है। पीछे की तरफ संगमरमर से बनी छतरी के नीचे बादशाह का सिंहासन था , जहां वह आम जनता से मिलते थे।
अलाई दरवाजा कहा स्थित है इसकी क्या विशेस्ताएं है जानिए
छतरीनुमा छत की दीवारें रंग – बिरंगे पत्थरों से जुड़ी हुई है जो तरह-तरह के फूलों और पक्षियों के चित्रों को दर्शाती है। बादशाह के सिंहासन के पीछे छत के नीचे वाले हिस्से में ग्रीस के देवता आर्फियस को साज बजाते दिखाया गया है। आज भी दीवान-ए-आम मुगलों और हिंदुओं की वास्तुकला का सम्मिश्रण का शानदार प्रमाण है।
मध्यकालीन पांचवा शहर कोण सा था और दिल्ली में कहाँ स्थित है
आप हमे बस सपोर्ट करते रहे और हो सके तो हमारे फेसबुक पेज को like करें ताकि आपको और ज्ञानवर्धक चीज़ें मिल सकें |
व्हाट्सप्प और फेसबुक के माध्यम से शेयर करें |
और हमारा एंड्राइड एप्प भी डाउनलोड जरूर करें
कृपया अपने सुझावों को लिखिए हम आपके मार्गदर्शन के अभिलाषी है |