UPSC ki tayari kaise kare – यूपीएससी की तैयारी कैसे करें

इस लेख में हम यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन यू.पी.एस.सी की तैयारी करने का सूक्ष्म और सटीक ब्यौरा प्रस्तुत कर रहे हैं। यह ब्यौरा स्वयं के अध्ययन व इसमें शामिल हुए प्रतियोगियों से बातचीत व उनके अनुभव के आधार पर तैयार किया गया है। आशा है यह सामूहिक अनुभव आपके किसी प्रकार से सहायक बन सके।

 

यू.पी.एस.सी की तैयारी कैसे करें – UPSC in Hindi

यू.पी.एस.सी की परीक्षा भारत में इतनी प्रचलित है , कि जो व्यक्ति नहीं भी जानता है उससे भी पूछने पर वह आई.ए.एस (IAS)  अफसर बनने की बात करता है। इसको आप महसूस कर सकते हैं , अपने आसपास किसी भी विद्यार्थी को रोक कर उससे प्रश्न करेंगे तो आपको 80% जवाब सुनने में यही मिलेगा कि वह पढ़ – लिखकर यू.पी.एस.सी की परीक्षा पास कर आई.ए.एस अफसर बनना चाहते हैं। आई.ए.एस अफसर बनना कोई आसान बात नहीं है , जब तक कि आप उसके पीछे अपना लग्न तथा तत्परता नहीं दिखाते। यू.पी.एस.सी के परीक्षा वर्ष में कम से कम एक बार अवश्य होती है , इसकी योग्यता के लिए कम से कम आप को ग्रेजुएट  / स्नातक होना चाहिए।

स्नातक किया हुआ व्यक्ति इस परीक्षा में शामिल हो सकता है , बशर्ते वह भारत का नागरिक हो। और 21 वर्ष आयु पूर्ण हो चुकी हो। बोर्ड इसमें शामिल होने वाले प्रतियोगियों को उनके जाति अथवा आरक्षण के अनुसार आयु अथवा योग्यता में कुछ छूट भी देती है। इन सभी बातों को तो आप जानते ही होंगे हम इस लेख में तैयारी कैसे करें इस पर कुछ बिंदुओं को लिख रहे हैं –

 

यू.पी.एस.सी क्या है?

यू.पी.एस.सी भारतीय सिविल सेवा का सर्वोच्च परीक्षा माना जाता है। जिसके सफलतापूर्वक उत्तीर्ण होने के उपरांत। भारत में अहम पदों पर नियुक्ति दी जाती है। यह पद सभी क्षेत्र में सर्वोच्च और प्रतिष्ठित पद होते हैं।

एक प्रकार से माने तो देश और संविधान की सुचारू व्यवस्था बन सके और प्रगति की राह पर सदैव आगे बढ़ते रहे। इसका दायित्व इन्हीं प्रतिष्ठित पदों पर व्यक्ति के कंधों पर होता है।

यू.पी.एस.सी इन प्रतिष्ठित पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया की कमान संभालता है।  जिसके लिए परीक्षाएं कराना तथा उनकी योग्यता और उनकी काबिलियत की पहचान कर उस दायित्व को निर्वाह करने वाले व्यक्ति की तलाश करता है।

 

समय प्रबंधन

यू.पी.एस.सी की परीक्षा एक महत्वपूर्ण परीक्षा होती है  , जिसके लिए समय प्रबंधन की बेहद आवश्यकता होती है। समय प्रबंधन के बिना यह मुमकिन नहीं है कि कोई भी व्यक्ति यू.पी.एस.सी की परीक्षा को सफलतापूर्वक उत्तीर्ण कर ले। इसके प्रश्न और जटिलता इस प्रकार होते हैं कि वह व्यक्तियों के अंदर की सोच समझ को इन प्रश्नों के माध्यम से जान लेते हैं।

देश की सर्वोच्च परीक्षाओं को सफलतापूर्वक अगर पास करना उत्तीर्ण करना है तो समय प्रबंधन बेहद ही आवश्यक है। आप नियमित दिनचर्या का पालन करें अपनी परीक्षा की तैयारी के लिए कम से कम 6 से 8 घंटे अवश्य दें।

सफलतापूर्वक परीक्षा पास किए हुए शिक्षार्थियों से जब हमने वार्तालाप किया तो उनके अनुभव बताते हैं। उन्होंने समय प्रबंधन पर बेहद ही रणनीति के तहत कार्य किया। उन्होंने दिन के 16 से 18 घंटे अपनी परीक्षा की तैयारी में लगाया। उनका स्पष्ट मानना था जो व्यक्ति इस परीक्षा के लिए समय प्रबंधन नहीं करता उसके लिए यह परीक्षा आसान नहीं हो सकती।

अतः  आवश्यकता है आप अपने सुविधा के अनुसार समय का प्रबंधन करें।  मेरा स्पष्ट मानना है कि आप कम से कम यू.पी.एस.सी की परीक्षा के लिए एक वर्ष पूर्व से नित्य प्रतिदिन 6 से 8 घंटा अवश्य दें।

 

पूर्व परीक्षाओं का नियमित अध्ययन

पूर्व में हुई सभी परीक्षाओं का आप नियमित अध्ययन करेंगे , तो आपको  उसके कठिनाई स्तर की पहचान करने में सुविधा होगी। परीक्षा में पूछे गए प्रश्नों से परिचित हो सकेंगे। उनके प्रश्न किस प्रकार के रणनीति के तहत तैयार किए जाते हैं , इस स्तर को मोटे तौर पर समझ पाएंगे।

इसके लिए आपको यू.पी.एस.सी की वेबसाइट पर पूर्व परीक्षाओं के प्रश्नपत्र व उसके हल पुस्तिका भी उपलब्ध होती है। साथ ही मॉडल टेस्ट पेपर वहां से प्राप्त कर सकते हैं। बाजार में यू.पी.एस.सी की तैयारी के लिए अनेकों किताब मौजूद है। आप उन किताबों का भी अध्ययन कर सकते हैं।

इन प्रश्नों को नियमित अध्ययन करने से आप अपने अंदर बैठे हुए भय को निकाल बाहर कर सकते हैं। साथ ही परीक्षा में निडर भाव से शामिल हो सकते हैं जो आपके लिए लाभदायक साबित हो सकता है।

अतः  पूर्व परीक्षाओं में पूछे गए प्रश्नों का हल आप नियमित करते रहें। यह आपके सफलता का मूल मंत्र साबित हो सकता है।

 

पत्र-पत्रिकाओं का नियमित अध्ययन

देश और विदेश की पत्र-पत्रिकाओं का आपको नियमित अध्ययन करते रहना चाहिए। जिससे आप समसामयिक घटनाओं से परिचित होते रहेंगे आपके मानसिक विकास का यह मुख्य कारण हो सकता है।

पत्र – पत्रिकाएं कौन सी पढ़ें ? यह आपको तय करना होगा। बाजार में तथा ऑनलाइन इंटरनेट ढेर सारी पत्र – पत्रिकाएं उपलब्ध है , जो आपको ज्ञान – विज्ञान तथा वैश्विक घटनाओं से परिचय कराती है। यह  आपके पढ़ने और समझने की क्षमता का विकास करती है।

हमारे शोध के अनुसार आपको उच्च श्रेणी के हिंदी अथवा इंग्लिश की पत्र-पत्रिकाओं का निरंतर अध्ययन करना आवश्यक है। कितनी बार देखने को मिलता है कि प्रश्न में पत्र-पत्रिकाओं में छपे हुए लेख के बारे में आपकी राय पूछी जाती है। अगर आप उन पत्र-पत्रिकाओं से दूर रहेंगे तो आप उन प्रश्नों के जवाब नहीं दे सकेंगे।

अतः आपको नियमित पत्र-पत्रिकाओं का अध्ययन करते रहना चाहिए।

 

अंग्रेजी पर विशेष ध्यान की आवश्यकता

भारत राष्ट्र हिंदी पर विशेष महत्व देता है। किंतु यह कटु सत्य आपको स्वीकार करना ही होगा जितने भी उच्च संस्थान है वहां आप हिंदी का प्रयोग व्यवहार में नहीं देखेंगे। सबसे बड़ा उदाहरण आप भारत के सर्वोच्च न्यायालय में देख सकते हैं। वहां कोई भी मुकदमा हिंदी अथवा उर्दू या अन्य भाषा में नहीं लड़ सकते। मुकदमे के लिए आपको अंग्रेजी में ही संपूर्ण व्यवहार करना होगा।

आप जिस पद को परीक्षा के उपरांत संभालने वाले हैं , वह सर्वोच्च पद होता है। अतः आपसे उम्मीद की जाती है कि आपको कम से कम 2 से 3 भाषाओं का अच्छा ज्ञान हो जिसमें अंग्रेजी का ज्ञान शुद्ध व सर्वोच्च माना जाता है।

अगर आपकी अंग्रेजी कमजोर है तो , आप कुछ समय निकालकर अंग्रेजी पर भी ध्यान दें। क्योंकि परीक्षा में हिंदी अथवा अंग्रेजी में निबंध लिखने के लिए भी दिया जाता है। जहां पर 50% शिक्षार्थी सफल नहीं हो पाते। आवश्यकता है आप इस विषय पर विशेष ध्यान दें।

 

सम-सामयिक घटनाओं पर नजर

समसामयिक घटना की जानकारी आपको विस्तृत रूप से होनी चाहिए। घटनाओं के व्यापक जानकारी आपकी समझ आप में होना चाहिए। परीक्षक आपसे उम्मीद करते हैं कि , आप किसी भी घटना से भली-भांति परिचित होंगे।

किसी भी घटना के शुरुआत का कारण क्या रहा होगा ? और क्या कारण रहा कि वह चरम स्थिति पर पहुंचा ? और उसके विफल अथवा सफल होने का क्या कारण होगा ? परीक्षक आपके द्वारा वह सुनना चाहता है।

अतः आपको समसामयिक घटनाओं को पढ़ना ही नहीं उसका अध्ययन , यहां तक कि गहन अध्ययन होना चाहिए। खास करके देश के मुख्य घटनाओं को आपको समझ और गहन विस्तार के साथ अध्ययन किया जाना चाहिए।

विश्व में कई ऐसी घटनाएं घटित होती है जो , हमारे राष्ट्र को भी प्रभावित करती है। आप उन सभी घटनाओं को भी अपने अध्ययन में शामिल करें। कितनी ही बार देखने को मिलती है , शिक्षार्थी केवल अपने देश की घटनाओं से संबंधित जानकारी पर अपने अध्ययन का विस्तार करते हैं।  किंतु वैश्विक घटनाओं को नजरअंदाज कर देते हैं , जहां परीक्षक उन पर हावी हो जाता है।

 

सरकारी योजना की जानकारी

सरकार द्वारा जारी किए गए सभी योजनाओं की जानकारी मोटे तौर पर आपको होनी ही चाहिए। कौन सी योजना कब और किस प्रधानमंत्री अथवा किसके कार्यकाल में की गई तथा उसके लाभार्थी कौन होंगे उसका मोटे तौर पर आपको ज्ञान होना चाहिए।

सरकारी योजना का उद्देश्य और उसके लाभ तथा हानि। सरकार द्वारा लागू की गई योजना को किसी राजनीतिक प्रेरणा से अथवा किसी व्यापक उद्देश्य के साथ लागू किया गया है अथवा नहीं इसका पूरा ज्ञान और आपकी राय क्या है यह विचार करना चाहिए। क्या इस योजना का राजकीय कोष पर बुरा असर पड़ेगा अथवा नहीं यह आपको अध्ययन करना चाहिए।

सरकार किसी पूर्वाग्रह या वोट बैंक की राजनीति के कारण तो इस योजना को लागू नहीं कर रही है इसकी खोजबीन कर व्यापक तौर पर अध्ययन आवश्यक होता है। यह योजना सभी के हित में है अथवा नहीं यह भी जानने की आवश्यकता है।

 

सी.बी.एस.ई. की पुस्तकें परीक्षा में लाभदायक

माना जाता है कि सी.बी.एस.ई. की सामाजिक विज्ञान के क्षेत्र के  पुस्तक जो कक्षा 6 से 12 तक के होते हैं वह सी.बी.एस.ई. की परीक्षा के लिए रामबाण साबित होता है। ऐसा भी लोगों का मानना है कि सभी प्रश्न इसी स्तर के होते हैं , जिसका सामान्य तौर पर सभी लोग अध्ययन नहीं करते हैं।

आपको आवश्यकता है कि कक्षा 6 से 12 तक के सामाजिक विज्ञान का अध्ययन आप नियमित रूप से करते रहें। इसमें शामिल इतिहास , राजनीति , भूगोल तथा अर्थशास्त्र के विषय संपूर्ण जानकारी से ओतप्रोत है।

कुछ विद्यार्थियों से हमने बात की तो उनकी अनुभव से यह सामने आया कि उन्होंने नियमित 2 घंटे इन पुस्तकों का अध्ययन किया था। इनमें निहित उन सभी बिंदुओं को पढ़ा और फिर उसका व्यापक तौर पर अन्य पुस्तकों का सहारा लेकर उस पर गहन अध्ययन किया। धीरे-धीरे यह उनके रूचि में शामिल हो गया जिसके माध्यम से उन्होंने यू.पी.एस.सी की परीक्षा में अधिकतम अंक प्राप्त किए।

 

अतः आप लोगों को भी यह सुझाव है आप सी.बी.एस.ई. द्वारा जारी किए गए 6 से 12 कक्षा के सामाजिक विज्ञान की पुस्तकों का नियमित अध्ययन करते रहे।

 

 

देश की आर्थिक स्थिति की जानकारी

आपको यू.पी.एस.सी. की तैयारी करने के लिए आपको नियमित रूप से अपने देश की आर्थिक व्यवस्था का अध्ययन करना चाहिए। आपके देश की आर्थिक व्यवस्था वर्तमान समय में कैसी है और भूतकाल में कैसी थी और भविष्य में कैसी रहने वाली है इसकी जानकारी आपको अवश्य होनी चाहिए।

समय-समय पर लागू नीति आयोग द्वारा जारी किए गए नीतियों को तथा देश के वित्त मंत्री के द्वारा किए गए कार्यों की जानकारी भी आपको होनी चाहिए। पूर्व में रही वित्तीय खामियों तथा उसके द्वारा पड़े आर्थिक रूप से विपरीत प्रभाव को भी अध्ययन किया जाना चाहिए।

वर्तमान समय की नीति क्या है और उसके दूरगामी प्रभाव क्या होने वाले हैं इसकी समझ आपको अवश्य होनी चाहिए। साथ ही वैश्विक स्तर पर आर्थिक क्षेत्र में हो रहे उतार-चढ़ाव तथा स्थिरता का भी ज्ञान आवश्यक रूप से होना चाहिए।

आपको ज्ञात होगा कि यह देश की सर्वोच्च परीक्षा में से एक है। अतः आपसे परीक्षक आशा करता है आपको देश ही नहीं अपितु विदेश की भी समझ हो। ताकि जरूरत पड़ने पर आपसे उस प्रकार का काम अथवा आपके सहयोग लिए जा सके।

अतः आवश्यक है कि आपको देश – विदेश की आर्थिक स्थिति पर नजर बनाकर रखनी चाहिए इसके लिए आप। समाचार पत्र-पत्रिकाओं से जुड़े रहें और नियमित अध्ययन करते रहें।

 

देश के इतिहास की जानकारियां

आपको आपके देश की इतिहास की बारीकी से जानकारी होनी चाहिए। कब किस काल में क्या ऐसी खामियां अथवा उपलब्धियां थी जो आपका देश उस इतिहास से प्रभावित हुआ होगा। ऐसे क्या कारण थे कि आपके देश पर विदेशियों ने अपना अधिकार जमा लिया। ऐसे क्या कारण रहे होंगे जिसके कारण विभिन्न प्रकार के आंदोलन ने जन्म लिया और सफल अथवा असफल हुए।

आपको आपके देश के इतिहास से भली-भांति परिचित होना आवश्यक है। उन सभी काल खंडों का ज्ञान होना चाहिए जब जब आपका देश उन काल खंडों से प्रभावित रहा था।

कितने ही शासक और सामंत आपके देश में किस प्रकार के कार्यों को अंजाम दिया जिसके कारण आपका देश उन कार्यों से प्रभावित रहा। क्या कारण रहे होंगे जब आपका देश एकजुट हुआ या विघटित हुआ। उन सभी कारणों का अध्ययन आपके लिए आवश्यक है।  ताकि आप अपने पद पर रहते हुए अपने देश के इतिहास को जानते और समझते हुए किसी भी प्रकार की नीति बना सकें और उसको लागू कर सकें।

कितनी ही बार देखने को मिला है कि इतिहास की जानकारी के माध्यम से अपने देश के लिए सेवा करने का अवसर प्राप्त होता है। अतः अपने देश की संपूर्ण जानकारी आपके पास हो ऐसा आपसे अपेक्षा की जाती है यहां तक कि आपको वैश्विक इतिहास की भी जानकारी वांछनीय होती है।

विश्व के इतिहास आपके विवेक को तीव्र करता है और आपके व्यक्तित्व तथा ज्ञान को बढ़ाता है। विश्व के इतिहास के माध्यम से आप अपने देश के इतिहास और भविष्य को संवार सकते हैं।

आज का समय कल के लिए इतिहास बन जाता है , इसलिए आप ऐसे पदों पर रहते हुए अपने देश की उन्नति और विकास में अपना योगदान दें जो कल के लिए इतिहास कायम हो सके।

 

राजनीति की समझ

यू.पी.एस.सी. की परीक्षा देने के लिए आपको राजनीति की समझ आवश्यक होती है। आप देश ही नहीं अपितु विदेश की भी राजनीति का गहन अध्ययन रखते हैं ऐसी आप से आशा की जाती है।

क्योंकि यू.पी.एस.सी. द्वारा मिला पद कोई साधारण पद नहीं होता है।  वह देश के नीति – निर्माता और देश के मुख्य मार्गदर्शक का पद होता है। इस पद पर बैठे अधिकारी ही देश को उन्नति के मार्ग पर ले जाते हैं। देश उन्नति या अवनति के मार्ग पर चलता है तो यह उन्हीं पद पर बैठे हुए अधिकारियों पर निर्भर करता है।

आप इन्हीं पदों पर बैठने वाले हैं इसलिए आपको राजनीति की समझ आवश्यक है। देश में अथवा विदेश में हो रही राजनीति अथवा पूर्व के सभी राजनीति से आप  परिचित हो इसके लिए आपको नियमित उन सभी का अध्ययन करना आवश्यक हो जाता है।

परीक्षा में भी आपको राजनीति अथवा इतिहास और वैश्विक स्तर के प्रश्न पूछे जाते हैं।  जिसके माध्यम से आपके ज्ञान और उसके स्तर का परीक्षण किया जाता है। न जाने कितने ही प्रश्न आप देश ही नहीं अपितु विदेश के भी परीक्षा में पढ़ेंगे जो राजनीति से संदर्भित हो। इसको सामना करने के लिए आप राजनीति के विषय पर भी अपना ध्यान आकर्षित करें।

 

संविधान अथवा अनुच्छेद का संपूर्ण अध्ययन

यू.पी.एस.सी. द्वारा दिए गए पद पर बैठा अधिकारी संविधान के दायरे में कार्य करता है।  संविधान का गहन अध्ययन उस अधिकारी को होना चाहिए।  प्रत्येक अनुच्छेद का ज्ञान भी उसमें वांछनीय है।

संविधान में कब किस अनुच्छेद को जोड़ा गया अथवा उसे हटाया गया यह भी जानकारी आपको होनी चाहिए। उस अनुच्छेद को हटाने के पीछे क्या कारण थे सही अथवा गलत आपके विचार में ऐसा करना ठीक था अथवा नहीं यह भी आपसे पूछा जा सकता है।

क्या कोई संविधान अथवा अनुच्छेद किसी दूसरे की मूल भावनाओं अथवा अधिकारों का हनन करता है ?  यह भी आपके विचारों की स्पष्टता देखी जाती है।  आप संविधान अथवा अनुच्छेद को ध्यान पूर्वक अध्ययन करते रहे।

आप में ऐसी काबिलियत होनी चाहिए कि आप किसी अनुच्छेद की खामियों को पकड़ सकें।

 

वैश्विक घटना का नियमित अध्ययन

आपको इस विषय पर भी विशेष ध्यान देना होगा। आप नियमित वैश्विक घटनाओं को अध्ययन करते रहें। कई बार विद्यार्थी इस प्रकार की घटनाओं पर ध्यान नहीं देते , उन्हें नजरअंदाज करते हैं जबकि परीक्षा में इन्हीं प्रश्नों के पूछे जाने पर वह निरुत्तर हो जाते हैं।

वैश्विक घटनाएं आपके देश को भी प्रभावित करता है , आपके समाज को भी प्रभावित कर सकता है। इसलिए आप से उम्मीद की जाती है आप वैश्विक घटनाओं पर ध्यान रखें , उनके आरंभ तथा अंत तक का अध्ययन करें।

इन घटनाओं का नियमित अध्ययन करने के लिए आपको समाचार तथा पत्र-पत्रिकाओं का प्रयोग करना चाहिए। आप उन्हीं समाचार तथा पत्र-पत्रिकाओं का अध्ययन करें जो उच्च श्रेणी के हो , अथवा आपके ज्ञान में अफवाह में बनाए गए खबर भी शामिल हो जाएंगे।

 

यू.पी.एस.सी. परीक्षा के अंक

आपने किसी भी परीक्षा को देते समय उसके परिणाम को अवश्य देखा होगा। कितनी ही बार देखने में आया है कि , परीक्षार्थी के अंक एक दूसरे से मेल खाता है।

अतः जो अंक एक विद्यार्थी को प्राप्त हुआ है। वही अंक किसी और अन्य विद्यार्थी को भी प्राप्त हुआ है। ऐसे मैं परीक्षक के पास संयुक्त रूप से उस परिणाम को घोषित करना होता है।

किंतु यू.पी.एस.सी. की परीक्षा संयुक्त रूप से किसी एक पद के लिए 2 उम्मीदवार को सफल घोषित नहीं किया जा सकता।  परीक्षा कराना भी इतना आसान काम नहीं है।

यू.पी.एस.सी. ने  इस परिस्थिति को ध्यान में रखकर कमेटी की बैठक में यह निर्णय लिया है कि इस परीक्षा में अगर किसी 2 विद्यार्थी के अंक सामान आते हैं ,  तो परीक्षा मानकों के अनुसार कार्य किया जाएगा।  प्राथमिकता उस विद्यार्थी को दिया जाएगा जो उम्र के आधार पर बड़ा हो।  जिस विद्यार्थी की उम्र ज्यादा होगी उसको प्राथमिकता दी जाएगी।

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