भारत का ‘वारेन बफेट’ ‘बिग बुल’ आदि नामों से मशहूर राकेश झुनझुनवाला जिन्होंने शेयर मार्केट में कदम रखते ही यह सुनिश्चित कर लिया था कि वह एक दिन निश्चित रूप से मार्केट का बिग बुल बनेंगे। राकेश जी की इच्छा शक्ति और कार्यपद्धती ने उन्हें भारतीय निवेशकों का आदर्श और बिगबुल बना दिया।
प्रस्तुत लेख में राकेश झुनझुनवाला जी का जीवन परिचय तथा उनसे संबंधित अन्य विषयों की जानकारी हासिल करेंगे।
भारतीय शेयर मार्केट में निवेशकों के लिए आदर्श, भारत के वारेन बफेट, द बिग बुल आदि नाम से प्रसिद्ध राकेश झुनझुनवाला सामाजिक परिदृश्य में बेहद ही शांत स्वभाव के है। माना जाता है उन्होंने शेयर मार्केट में 5000 रुपए से अपने किस्मत को आजमाया था। आज उनकी मेहनत ने उन्हें मार्केट का सबसे बड़ा निवेशक बना दिया है। उनकी योजना और लक्ष्य की गणना करने की शक्ति इतनी खास है कि लोग उनसे बेहद प्रभावित हैं, उनकी योजना बनाने की कला को सीखना चाहते हैं।
राकेश झुनझुनवाला बायोडाटा एवं जीवन परिचय
नाम | राकेश झुनझुनवाला |
जन्म | 5 जुलाई 1960 हैदराबाद, आंध्र प्रदेश (तेलंगाना) भारत |
पिता का नाम | NA |
माता का नाम | NA |
शिक्षा | साइडेनहम कॉलेज ऑफ कॉमर्स इकोनॉमिक्स |
व्यवसाय | चार्टर्ड अकाउंटेंट (कंपनियों डायरेक्टर तथा मालिक) |
पत्नी का नाम | निष्ठा झुनझुनवाला |
पुत्र | आर्यमन झुनझुनवाला, आर्यवीर झुनझुनवाला |
पुत्री | NA |
शुद्ध संपत्ति | 600 करोड़ USD 2021 |
राकेश झुनझुनवाला का आरंभिक जीवन
झुनझुनवाला जी का आरंभिक जीवन बेहद ही शानदार रहा, जैसे एक संपन्न व्यक्ति का होता है। राकेश के पिता पेशे से चार्टर्ड अकाउंटेंट थे और वह शेयर मार्केट की जानकारी रखते थे। पिता के व्यवसाय की समझ राकेश को बचपन से ही होने लगी थी। इस क्षेत्र में उनकी रूचि निरंतर बढ़ती गई और उन्होंने चार्टर्ड अकाउंटेंट बनने का निर्णय लिया। अंततोगत्वा राकेश झुनझुनवाला ने मुंबई के प्रतिष्ठित कॉमर्स कॉलेज से चार्टर्ड अकाउंटेंट की डिग्री हासिल की और इस क्षेत्र में उन्होंने कार्य आरंभ किया।
राकेश अपने पिता या अन्य लोगों से कुछ अलग और बड़ा करना था। उनके बड़े सपने उनको शेयर मार्केट की ओर ले गई, जहां उन्होंने कम समय में लोगों को अथाह पैसा कमाते हुए देखा। माना जाता है इस मार्केट में वह ₹5000 लेकर आए थे।
राकेश झुनझुनवाला का शेयर मार्केट में आगमन
माना जाता है राकेश झुनझुनवाला ने राधाकृष्ण दमानी को अपना आरंभिक गुरु माना था। उन्होंने ही शेयर मार्केट की समझ को राकेश में विकसित किया था। दमानी जिन्हें हम ‘डी मार्ट’ कंपनी के मालिक रूप में जानते हैं, वह बेहद ही शांत स्वभाव के हैं, उन्होंने शेयर मार्केट में वह उपलब्धि हासिल की जो अन्य को हासिल नहीं हो पाती। दमानी इतने शांत स्वभाव और एकांत प्रिय व्यक्ति हैं, कि उन्हें किसी पार्टी समारोह में नहीं देखा जाता।
वह समाज की चकाचौंध वाली दुनिया से स्वयं को अलग रखते हैं।
शेयर मार्केट में जब झुनझुनवाला जी ने आने का निर्णय दिया तब वहां गुरु के रूप में राधाकृष्ण दमानी मिले। उनके साथ लंबे समय तक कार्य किया, दोनों योजना बनाकर शेयर मार्केट से चमत्कारी रूप से प्राप्त होने वाली मुद्रा का लाभ उठाया। धीरे-धीरे झुनझुनवाला की महत्वाकांक्षा बढ़ती गई। उन्होंने 1990 में हर्षद मेहता जो उस समय के ‘द बिग बुल’ हुआ करते थे के प्रतिद्वंद्वी भी रहे। उसी दौरान राकेश ने यह तय कर लिया था कि वह एक दिन शेयर मार्केट का ‘बिग बुल’ बनेंगे आज उनका वह सपना साकार हो गया।
राकेश ने अपने जीवन में अनेक ऐसे लोगों को देखा जिन्होंने छल-कपट से पैसा कमाने की युक्ति निकाली। आज उनका अस्तित्व समाप्त हो चुका है, या तो वह मृत्यु को प्राप्त हुए या जेलों में बंद हुए। इन सभी प्रसंगों से झुनझुनवाला ने साफ छवि रखते हुए कार्य किया और आज शेयर मार्केट के शीर्ष पर जा बैठे, जहां उनके करोड़ों प्रशंसक हैं। राकेश के प्रशंसक उनका अनुकरण करते हैं, उनके द्वारा नई योजना का निर्माण पद्धति को सीखना चाहते हैं।
भारतीय शेयर मार्केट के विषय में झुनझुनवाला की राय
राकेश झुनझुनवाला जी का मानना है कि भारत में विकास की गति काफी तीव्र है, जो कुछ ही समय में कई विकसित देशों को पीछे छोड़ देगी। इसलिए भारतीय शेयर मार्केट का निरंतर प्रगति करना कोई आश्चर्यजनक नहीं है। उनकी बातों में सत्यता थी! अक्टूबर 2021 में भारतीय शेयर मार्केट ने फ्रांस के मार्केट को पीछे छोड़ते हुए पांचवा स्थान प्राप्त किया।
कुछ ही महीनों में यह ब्रिटेन की मार्केट को भी पछाड़ ने वाली है।
यह सभी प्रगति तीव्र गति से जारी है, नई सरकार 2014 से नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में तीव्र गति से कार्य कर रही है और सकारात्मक योजना बना रही है। उन्होंने उदाहरण देकर भी समझाया आज प्रत्येक घर में पानी का नल पहुंच चुका है, गांव-गांव सड़कों से जुड़ चुका है, सभी व्यक्ति के पास अपने बैंक खाता है। इतना ही नहीं आज लगभग सभी व्यक्ति मोबाइल से जुड़ गया है।
ऐसी स्थिति में भारतीय अर्थव्यवस्था का गुणात्मक विकास करना लाजमी है।
राकेश शेयर मार्केट के ‘बिग बुल’ हैं इसलिए उनका मार्केट को पक्ष में देखना और बोलना जाहिर है उनके योजनाओं का ही एक अंग है।
किंतु व्यक्तिगत रूप से अध्ययन करने पर उनकी बातों में सत्यता का आभास होता है।
राकेश झुनझुनवाला एयरलाइन
धनी व्यक्ति सदैव दया और धान का भाव रखता है, शायद वह अपने बड़े होने का एहसास समाज को करवाना चाहते हो। बरहाल उन्होंने एक इंटरव्यू में अपने मनसा अक्सा एयरलाइन को लेकर जाहिर की थी और यह कहा था – ‘एक हवाई चप्पल पहनने वाला व्यक्ति भी जहाज में सफर कर सके, मैं ऐसा कुछ करना चाहता हूं’ शायद उसी विचार को साकार करने के लिए राकेश ने अक्सा एयरलाइन की शुरुआत की। अक्सा एयरलाइंस को भारत सरकार ने अक्टूबर 2021 में लाइसेंस दे दिया, कुछ ही समय में राकेश झुनझुनवाला अपने सपनों की एयरलाइंस को पूर्ण, साकार होता देख सकेंगे।
राकेश झुनझुनवाला स्वास्थ्य
राकेश झुनझुनवाला को व्हील चेयर पर देखकर लोग कई प्रकार के सवाल खड़ा करते हैं, क्या वह दिव्यांग है? या उनके स्वास्थ्य में कोई गिरावट? तमाम तरह के प्रश्न उनके प्रशंसक या अन्य लोग लगाते हैं। जबकि राकेश एक स्वस्थ व्यक्ति हैं, कुछ समय से वह डायबिटीज के शिकार हैं, जिसके कारण वह अधिक समय तक खड़े नहीं रह सकते। शायद यह उम्र का भी प्रभाव है कि वह सामाजिक गतिविधि में उस प्रकार से हिस्सा नहीं ले पाते जैसे एक सामान्य व्यक्ति लेता है।
हाल ही में अक्टूबर 2021 को जब वह भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी से मिले तब वह व्हील चेयर पर बैठे हुए थे और नरेंद्र मोदी सामने खड़े थे। इस दृश्य को लेकर कई प्रकार के प्रश्न खड़े किए गए। यह प्रश्न खड़े करने वालों की अज्ञानता थी कि वह झुनझुनवाला के स्वास्थ्य के विषय से अनभिज्ञ थे।
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Rakesh Jhunjhunwala Quotes in Hindi
1
कोई सपना तब तक साकार नहीं हो सकता
जब तक आप अपने सपने को
पूरा करने के लिए दृढ़ संकल्प तथा वचनबद्ध हो। ।
2
शेयर मार्केट में धैर्य की परीक्षा होती है
जिसके पास धैर्य होता है वही विजयी होता है। ।
3
भारत एक विकासशील देश है
जहां मूलभूत आवश्यकताएं भी
बड़ी आबादी को नसीब नहीं है
ऐसे विकासशील देश की
मार्केट का बढ़ना लाजमी है। ।
4
फ्यूचर एंड ऑप्शन
एक प्रकार का विष है
जिसको पीने के बाद
आदमी केवल मरता ही है। ।
5
शेयर मार्केट में कोई किंग नहीं होता
जो किंग बनते हैं उनका अस्तित्व
जल्दी ही समाप्त हो जाता है। ।
6
अमीर होने का पहला चरण है
सोचना
जिसे अधिकांश लोग नहीं करते। ।
7
आप अपने जीवन मूल्यों के अनुसार ही
प्रगति तथा अमीरी का रास्ता चुन सकते हैं। ।
8
बाजार में जो उदार तथा सबका विकास चाहता है
वही सफलता का नया कीर्तिमान स्थापित करता है। ।
9
कितने ही ऐसे खुशकिस्मत
लालची व्यक्ति हैं जो
लालच की बदौलत अमीर बन सके हैं
उन्हें समाज के प्रति
अपना कर्तव्य निभाना चाहिए। ।
10
संसार ऐसे प्रतिभाशाली
व्यक्तियों की भीड़ से भरी पड़ी है
जो अमीर नहीं बन सके
क्योंकि उनकी वित्तीय समझ शून्य है। ।
समापन
जिस लक्ष्य को हम दृढ़ निश्चय होकर साध लेते हैं, उसको हम पूर्ण भी कर लेते हैं। इसका एक जीता-जागता उदाहरण राकेश झुनझुनवाला है। जब उन्होंने आरंभिक समय में बिग बुल बनने का सपना देखा था जिसको अपनी मेहनत और लगन के माध्यम से साकार भी किया। उनसे जुड़ी हुई अनेकों किस्से-कहानियां समाज में प्रचलित है। कभी-कभी वह लोगों के निशाने पर भी रहते हैं।
कोई भी सफल व्यक्ति आलोचकों की दृष्टि से बच नहीं पाता।
आज उनकी प्रसिद्धि देश ही नहीं अभी तो विदेश में भी है।
निवेशक उन्हें अनुकरण करते हैं, उनके योजनाओं को जानना चाहते हैं उनके निवेश के तरीके सीखना चाहते हैं उनके जैसा बिग बुल बनना चाहते हैं।
आशा हे उपरोक्त लेख से आपको राकेश जी के विषय में जानकारी प्राप्त हुई होगी।
आपके ज्ञान की वृद्धि हो सकी होगी, इस लेख को हमने विभिन्न स्रोतों का अध्ययन करते हुए लिखा है, जिसमें त्रुटियों की संभावना बनी रहती है। किसी भी प्रकार की त्रुटि के लिए आप हमें कमेंट बॉक्स में लिखकर बताएं। हम उन्हें यथाशीघ्र सुधार करने के लिए वचनबद्ध है।