अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस निबंध ( Women’s day in hindi )

इस लेख में हम महिला दिवस का इतिहास, इसके मनाने की परंपरा, किस कारण से इस दिवस को मनाया जाता है, समाज में महिलाओं की क्या स्थिति है? आदि पर संपूर्ण रूप से अध्ययन प्रस्तुत कर रहे हैं।

इसे आप अपने ज्ञान वर्धन के लिए तथा निबंध आदि के लिए भी प्रयोग कर सकते हैं।

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस निबंध

मानव की उत्पत्ति बिना स्त्री के संभव नहीं है। आज पृथ्वी पर जितना वैभव है, वह सभी महिलाओं के योगदान से ही संभव हो सका है। पूरा विश्व महिलाओं के सम्मान में उन्हें समाज में पूर्ण भागीदारी देने के पक्ष में महिला दिवस मनाता है। इस दिन विशेष लक्ष्य की पूर्ति के लिए संकल्प लिया जाता है और समाज में महिलाओं की भागीदारी पुरुषों से अधिक हो उनके योगदान आदि पर विचार किया जाता है। आदिकाल में महिलाओं की स्थिति जिस प्रकार सम्मानीय थी, वैसी स्थिति पुनः कायम किया जाए। इस उद्देश्य हेतु महिला दिवस का आयोजन किया जाता है।

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस कब मनाया जाता है ?

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 8 मार्च को विश्व स्तर पर मनाया जाता है। जिसमें महिलाओं की समाज में निष्पक्ष भूमिका हो इस क्षेत्र में कार्य किया जाता है।

राष्ट्रीय महिला दिवस कब मनाया जाता है ?

भारतीय राष्ट्रीय महिला दिवस 13 फरवरी को मनाया जाता है। इस दिन सरोजिनी नायडू का जन्मदिन होता है, उनके समाज में योगदान को ध्यान रखते हुए भारतीय राष्ट्रीय महिला दिवस का आयोजन किया जाता है।

महिलाओं का समाज में योगदान

बिना महिला के समाज की कल्पना नहीं की जा सकती है। समाज में महिलाओं की भागीदारी पुरुषों से कहीं अधिक होती है। गृहस्ती में बेहद कठिन कार्य होता है, जो पुरुषों के द्वारा किया जाना संभव नहीं होता। वैसे कठिन कार्य को महिलाएं प्रतिदिन करती हैं। किंतु फिर भी आधुनिक समाज में उनकी उपेक्षा देखी जा सकती है। आज का समाज पुरुष प्रधान समाज है, जहां महिलाओं के योगदान को कम आंका जाता है। उन्हें पुरुषों से अधिक श्रम करने पर भी उनकी भागीदारी को हास्य पर रखा जाता है।

प्राचीन समय में महिलाओं की स्थिति सुखद थी। समाज में उनकी भागीदारी को स्वीकार किया जाता था।

हड़प्पा कालीन सभ्यता में देखें तो वहां का समाज मातृसत्तात्मक थी। महिलाओं की अग्रणी भूमिका हुआ करती थी। वेद कालीन सभ्यता में पितृसत्तात्मक समाज होते हुए भी महिलाओं की स्थिति संतोषजनक थी। उन्हें पढ़ने – लिखने और समाज में लगभग बराबरी का अधिकार था। इसी काल में गार्गी जैसी विदुषी ने समाज में स्त्रियों की भागीदारी को सुनिश्चित किया था।

धीरे-धीरे कट्टरपंथी मानसिकता के लोगों ने महिलाओं को घर गृहस्ती से जोड़ दिया। उन पर कई ऐसी पाबंदियां लगा दी गई जिससे समाज की गलत अवधारणा बनती चली गई। आज उसी मानसिकता उसी बंधन को तोड़ने की आवश्यकता है। इसी उद्देश्य के निमित्त महिला दिवस का आयोजन किया जाता है और उनकी समाज में भूमिका को विश्व स्तर पर रखा जाता है। आज महिलाएं सशक्त हुई है, वह पुरुषों से आगे निकलती जा रही है। कोई भी क्षेत्र हो वहां महिलाओं की भागीदारी देखी जा सकती है।

जहाज उड़ाना, रेल गाड़ी चलाना, अंतरिक्ष में जाना, अनुसंधान, विज्ञान, कला, संगीत सभी जगह आज महिलाओं की अग्रणी भूमिका देखी जा सकती है। धीरे-धीरे समाज बदलता जा रहा है और महिलाओं की भूमिका को स्वीकार कर रहा है। आज हमें भी अपनी मानसिकता को बदलने की आवश्यकता है। महिलाओं के योगदान को उनके सामर्थ को सम्मान की दृष्टि से देखना चाहिए हमें किसी के क्षमता को कम आंकने का कोई अधिकार नहीं है। बल्कि उन्हें उनके योग्यता अनुसार सम्मान करने की आवश्यकता है।

महिला के शिक्षित होने का प्रभाव

पुरुष जहां एक परिवार को शिक्षित बनाता है, वहीं महिलाएं पूरे समाज को शिक्षित बना सकती है। अतः महिलाओं के शिक्षा पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है। उनके उत्साह को बढ़ाने की आवश्यकता है। आज जहां उन्हें समाज में पुरुषों से कम आंकने की जो दृष्टिकोण प्रचलित है उसे त्याग कर समान अवसर देने की आवश्यकता है। महिलाएं शिक्षित होने पर अपने संतानों को शिक्षा दे सकती है, उनकी यही संताने अपने परिवार तथा देश को प्रगति के मार्ग पर ले जाने का कार्य करती हैं। महिलाओं के शिक्षित होने और समाज में उनके द्वारा परिवर्तन को नकारा नहीं जा सकता।

आज स्वयं महिलाओं ने समाज में अग्रणी भूमिका का निर्वाह किया है। साथ ही अपने परिवार को भी उचित स्थान पर ला खड़ा किया है। कितने ही परिवार आज महिलाओं के परिचय से जाने जाते हैं। कारण समाज में महिलाओं की भूमिका है।

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पहली बार कब मनाया गया

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस सर्वप्रथम 1909 में न्यूयॉर्क शहर में मनाया गया था। यह एक समाजवादी राजनीतिक पार्टी का कार्यक्रम था। जो संभवत सोवियत संघ के द्वारा आयोजित किया गया था।

1917 में सोवियत संघ ने जब इस दिन को राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया तो यह पूरे विश्व में महिलाओं के सम्मान में महिला दिवस के रूप में घोषित किया गया। महिला दिवस को अंतरराष्ट्रीय दर्जा प्राप्त है। जिसमें महिलाओं के सम्मान और उनके अधिकारों की रक्षा करना। उन्हें वह सभी अधिकार देना जो समाज में प्रत्येक व्यक्ति को मिलता है। इस दिशा में कार्य करने के उद्देश्य से महिला दिवस मनाया जाता है।

इसकी शुरुआत रूस में महिलाओं के द्वारा किया गया था जिसमें उन्होंने रोटी, कपड़ा मूलभूत आवश्यकताओं के लिए आंदोलन किया था।

तब से यह निरंतर प्रतिवर्ष किसी विशेष उद्देश्य की पूर्ति के लिए मनाया जाने लगा विगत कुछ वर्षों की विषय वस्तु निम्नलिखित है –

वर्ष विषय वस्तु (थीम)
1996 अतीत का जश्न भविष्य के लिए योजना
1997 महिलाओं और शांति तालिका
1998 महिला और मानव अधिकार
1999 महिलाओं के खिलाफ हिंसा से मुक्त विश्व
2000 शांति के लिए एकजुट महिलाएं
2001 महिला और शांति महिला का संघर्ष प्रबंधन
2002 आज की अफगान महिला वास्तविकता और अवसर
2003 लिंग समानता और सहस्राब्दी विकास लक्ष्य
2004 महिला और एचआईवी / एड्स
2005 2005 के आगे लिंग समानता अधिक सुरक्षित भविष्य का निर्माण
2006 निर्णय लेने में महिलाएं
2007 महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ हिंसा को समाप्त करना
2008 महिला और लड़कियों में निवेश
2009 महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ हिंसा को समाप्त करने के लिए महिला और पुरुष एकजुट
2010 समान अधिकार समान अवसर सभी के लिए प्रगति
2011 शिक्षा प्रशिक्षण एवं विज्ञान और प्रौद्योगिकी की समान पहुंच महिलाओं के बेहतरी का मार्ग
2012 ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाना गरीबी और भुखमरी का अंत
2013 वचन देना एक वचन है महिलाओं के खिलाफ हिंसा को समाप्त करने के लिए कार्यवाही का समय
2014 महिलाओं के लिए समानता सभी के लिए प्रगति है
2015 महिला सशक्तिकरण ही मानवता सशक्तिकरण इसे कल्पना कीजिए
2016 2030 तक ग्रह में सभी 50-50 लैंगिक समानता के लिए आगे आए
2017 कार्य की बदलती दुनिया में महिलाएं 2030 तक ग्रह में सभी 50-50
2018 अब समय है महिलाओं और महिलाओं के जीवन को बदलने वाले ग्रामीण और शहरी कार्यकर्ता एवं ग्रामीण और शहरी कार्यकर्ता महिलाओं के जीवन को बदल रहे हैं
2019 समान सोचे बिल्ड स्मार्ट बदलाव के लिए नया करें
2020 जनरेशन इक्विटी महिलाओं के अधिकारों को महसूस कर रही हूं
2021 नेतृत्व में महिलाएं कोविड-19 दुनिया में एक समान भविष्य प्राप्त करना

महिला दिवस किसकी याद में मनाया जाता है?

महिला दिवस 1909 में सोवियत संघ के निर्देश पर सोशलिस्ट पार्टी ने न्यूयॉर्क में जो आंदोलन किया उसकी याद में मनाया जाता है। इसमें महिलाओं को समान अधिकार देना रोटी, कपड़ा और वोट देने का अधिकार मांगा गया था।

तब से यह पूरे विश्व में निरंतर फैलता गया और आज 8 मार्च को विश्व स्तर पर महिला दिवस मनाया जाता है।

महिला सशक्तिकरण क्यों मनाया जाता है?

महिला सशक्तिकरण मनाने के पीछे एक प्रमुख उद्देश्य महिलाओं को समाज में उचित भागीदारी सुनिश्चित करना है। कुछ देशों में महिलाओं के अधिकारों की पूर्ण सुरक्षा है। किंतु कुछ ऐसे कट्टरपंथी देश है जहां महिलाओं को आज भी पुरुषों के बताए हुए रास्ते पर चलना पड़ता है।

उन्हें समाज में केवल उपभोग की वस्तु समझा जाता है। ऐसे देशों में उनके अधिकारों की रक्षा करना उन्हें समाज में उचित स्थान दिलाना महिला सशक्तिकरण का उद्देश्य है।

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निष्कर्ष

महिला समाज का अभिन्न अंग है इनके बिना समाज की कल्पना नहीं की जा सकती। महिलाओं की भागीदारी और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए महिला दिवस विशेष रूप से मनाया जाता है।

आधुनिक संदर्भ में महिलाएं निरंतर प्रगति कर रही हैं। आज वह पुरुषों से भी आगे निकल रही हैं क्योंकि उन्हें समान अवसर प्रदान हो रहा है। किंतु अभी भी कुछ ऐसे कट्टरपंथी देश है जहां महिलाओं को स्वतंत्रता नहीं है। जिसके कारण वह अपने हुनर को ठीक प्रकार से समाज के सामने नहीं दिखा पा रही हैं।

वह वन्दिशों के बीच अपना जीवन निर्वाह करने पर बाध्य है। ऐसे देशों की निंदा विश्व स्तर पर की जानी चाहिए तथा महिलाओं की रक्षा के लिए और ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। वहीं जहां महिलाओं की भागीदारी स्वीकार की गई है आज वह देश निरंतर प्रगति कर रहे हैं।

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4 thoughts on “अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस निबंध ( Women’s day in hindi )”

    • Our aim is to educate people about why women’s day is celebrated. We have also written other articles around this topic on our website.

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  1. Aap apni site pr demanded information post krte hai. Bahot achha hai sir… Mai bhi ek Hindi Article writer hu aap mujhe bhi isme shamil kr lenge kya..?

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