आज के लेख में हम समझेंगे बलाघात को। अगर इस विषय पर आपको संपूर्ण जानकारी प्राप्त करनी है तो आपको यह पोस्ट अंत तक अवश्य पढ़नी चाहिए। हर एक महत्वपूर्ण बिंदु का बारीकी से अध्ययन करें तत्पश्चात आपको इस विषय पर किसी भी प्रकार का संशय नहीं रह जाएगा।
बलाघात की संपूर्ण जानकारी
ध्यानपूर्वक पढ़ें –
बलाघात के प्रकार
बलाघात जब कोई व्यक्ति बोलता है तो सभी ध्वनियों का उच्चारण समान रूप से नहीं होता है। कभी किसी वाक्य के एक शब्द पर अधिक बल होता है , तो कभी दूसरे शब्द पर। शब्द में भी कभी-कभी एक अक्षर पर बल अधिक होता है , तो कभी दूसरे अक्षर पर उच्चारण के इसी गुण को ‘ बलाघात ‘ कहते हैं।
प्रायः बलाघात का अर्थ ‘ अक्षर ‘ बालाघात से लिया जाता है।
जैसे – ‘
राम ‘ और ‘ काम ‘ शब्द में ‘ रा ‘ और ‘ का ‘ के ऊपर बलाघात है।
जब दो अक्षर साथ-साथ आते हैं तो , एक अक्षर पर बलाघात अधिक होता है और दूसरे पर कम।
जैसे –
‘ काला ‘ शब्द में दो अक्षर है , इसमें प्रथम अक्षर ‘ का ‘ मे ‘ ला ‘ अधिक बलाघात युक्त है। और द्वितीय अक्षर ‘ ला ‘ का ‘ आ ‘ कम बलाघात युक्त है। प्रथम को ‘ मुख्य बलाघात ‘ कह सकते हैं। और द्वितीय को ‘ गुण बलाघात ‘ कहा जा सकता है।
हिंदी भाषा में शब्द तथा वाक्य स्तर पर बलाघात होता है। किंतु बलाघात के कारण अर्थ में कोई परिवर्तन नहीं आता। ध्वनि तथा अक्षर बलाघात का संबंध पराया अर्थ से नहीं होता। हां उच्चारण करने में कुछ अस्वभाविक सा आवश्यक प्रतीत होता है।
जैसे –
‘ बलिता ‘ शब्द में ‘ ली ‘ पर बलाघात है। परंतु कुछ लोग ‘ ली ‘ पर बल न देकर ‘ ता ‘ पर बल देते हैं। परंतु इससे अर्थ में कोई परिवर्तन नहीं आता। किंतु सुनने में हास्यास्पद अवश्य हो जाता है। इसलिए शुद्ध उच्चारण की दृष्टि में वक्ता को ध्वनि तथा अक्षर बलाघात का अच्छा ज्ञान होना चाहिए।
डॉ भोलानाथ तिवारी ने कहा है –
भाषा के विभिन्न स्तरों पर बलाघात के निम्नलिखित भेद किए जा सकते हैं –
१ ध्वनि
२ अक्षर
३ शब्द
४ वाक्य बलाघात
ध्वनि बलाघात ( Dhvani Balaghat )
- यह वह बलाघात है जो किसी ‘ ध्वनि ‘ अर्थात ‘ स्वर’ और ‘ व्यंजन ‘ पर होता है।
- यदि एक शब्द का अक्षर ही दृष्टि से विश्लेषण करें तो उसमें एक ध्वनि अक्षर का शीर्ष ( मुख्य ) होगी और अन्य ध्वनियां गह्वर ( गौण ) होगी जैसे –
- ‘ काम ‘ में तीन ध्वनियां ‘ क ‘ + ‘ आ ‘ + ‘ म’ इसमें ‘ आ ‘ स्वर ध्वनि अक्षर में शीर्ष होगी और तथा ‘ म ‘ व्यंजन ध्वनि गौण हो जाएगी।
- इन दोनों में से बलाघात ‘ अ ‘ (शीर्ष) पर सबसे अधिक होगा।
अक्षर बलाघात ( Akshar Balaghat )
- जब बलाघात अक्षर पर होता है तो उसे अक्षर बलाघात कहते हैं।
- दो या दो से अधिक अक्षरों का शब्द होता है तब किसी अक्षर पर सबसे अधिक बलाघात होता है , और किसी पर कम।
- हिंदी भाषा में एक शब्द है – ‘ गाया ‘ इसमें दो अक्षर है ‘ ग ‘ के ‘ आ ‘ पर सबसे अधिक बलाघात है। और ‘ य ‘ के ‘ आ ‘ पर कम बलाघात है।
- इसे क्रमशः मुख्य बलाघात और गौण बलाघात कहते हैं।
शब्द बलाघात ( Shabd Balaghat )
शब्द बलाघात उसे कहते हैं जहां पर शब्द के किसी स्वर या अक्षर पर विशेष बल दिया जाता है। ऐसे स्वर अक्षर को बलाघात युक्त कहा जाता है और शेष ध्वनियों को बलाघात हीन। जब वाक्य के सभी शब्दों पर सामान्य बलाघात होता है , तो वह वाक्य सामान्य बलाघात है। जब किसी रूप , शब्द पर अधिक बालाघात डाला जाता है , तो उस वाक्य के अर्थ में परिवर्तन अवश्य होता है और ऐसे वाक्य को विशेष वाक्य कहते हैं। जैसे –
‘ श्याम खाना खा रहा है ‘
इस वाक्य में ‘ श्याम ‘ शब्द पर बल देने का अर्थ है कि श्याम ही खाना खा रहा है अन्य कोई दूसरा नहीं।
वाक्य बलाघात ( Vaakya Balaghat )
प्रायः बोलने में सभी वाक्यों पर समान रूप से बल पड़ता है , किंतु आश्चर्य , भावावेश , आज्ञा , प्रश्न से संबंधित कुछ वाक्य अपने आस-पास के वाक्य से अधिक जोर देकर बोले जाते हैं। जैसे –
श्याम – पिताजी मैं दोस्तों के साथ सिनेमा देखने जाऊं ?
पिताजी – नहीं , नहीं तुम अपनी पढ़ाई करो।
श्याम – मैं जरूर सिनेमा जाऊंगा।
पिताजी – तुम मेरा कहना नहीं मानते तो चले जाओ मेरे सामने से।
यहा वाक्य ‘ चले जाओ ‘ पर अधिक जोर है जबकि अन्य पर बलाघात कम पाया जाता है। वाक्य बलाघात छोटे वाक्य बड़े वाक्य दोनों पर होता है।
बलाघात के उदहारण संक्षेप में
बलाघात बोलते समय वाक्य , शब्द , अक्षर के एक अंश पर अधिक बल देने से अर्थ परिवर्तन हो जाता है। इसे ही बलाघात कहा जाता है।
‘ राम ‘ में ‘ आ ‘ बलाघात है। क्योंकि’ आ ‘ शब्द पर अधिक जोर दिया गया है , इसलिए यह ध्वनि बलाघात है। हिंदी भाषा में शब्द बलाघात ही स्वनिमिक है –
- उसे ‘ एक ‘ खिड़की वाला कमरा चाहिए।
- उसे एक ‘ खिड़की वाला ‘ कमरा चाहिए।
पद बलाघात होने पर अर्थ होगा – ऐसा कमरा जिसमें केवल एक खिड़की हो।
दूसरे वाक्य में उसका अर्थ है ऐसा कमरा जिसमें प्रकाश और वायु आते हो।
- इसी प्रकार ‘ पकड़ो ‘ मत जाने दो।
- ‘ पकड़ो मत ‘ जाने दो।
पहले वाक्य में किसी व्यक्ति को पकड़े रहने तथा दूसरे वाक्य में नहीं पकड़ने से है।
बलाघात के प्रभाव
शब्दों और वाक्य बलाघात के आधार पर बलाघात के प्रभावित निम्नलिखित हैं –
- बलाघात युक्त ध्वनियां अधिक प्रबल होती है। अतः अधिक सुदृढ़ होती है।
- ध्वनियों में परिवर्तन बहुत कम होता है।
- बलाघातहीन ध्वनियाँ निर्बल होती है और उनमें परिवर्तन अधिक होता है।
- इस से युक्त ध्वनियां मांसपेशियों की दृढ़ता के कारण दृढ़ और इसके बिना ध्वनियाँ शिथिल कही जाती है।
- इस में वायुवेग की प्रबलता होती है।
- अतः अल्पप्राण ध्वनि , महाप्राण के समान सुनाई पड़ती है।
- बलाघातहिन ध्वनि वायु प्रवाह की कमी के कारण महापराण होने पर भी अल्पप्राण जैसी सुनाई पड़ती है।
- इस से युक्त ध्वनि अधिक शक्तिशाली मुखर और श्रवणीय होती है , इसके अतिरिक्त बलाघातहीन ध्वनि कमजोर व स्पष्ट होती है।
यह भी जरूर पढ़ें –
रस के अंग और भेद | रसराज | संयोग श्रृंगार | ras full notes in hindi
Abhivyakti aur madhyam for class 11 and 12
Hindi vyakran हिंदी व्याकरण की संपूर्ण जानकारी
Hindi barakhadi written, images and chart – हिंदी बारहखड़ी
Alankar in hindi सम्पूर्ण अलंकार
सम्पूर्ण संज्ञा Sampoorna sangya
सर्वनाम और उसके भेद sarvnaam in hindi
अव्यय के भेद परिभाषा उदहारण Avyay in hindi
संधि विच्छेद sandhi viched in hindi grammar
समास की पूरी जानकारी | समास के भेद | samas full details | समास की परिभाषा
रस। प्रकार ,भेद ,उदहारण ras ke bhed full notes
पद परिचय। Pad parichay in hindi
स्वर और व्यंजन की परिभाषा swar aur vyanjan
विलोम शब्द Vilom shabd hindi grammar
Hindi varnamala swar aur vyanjan हिंदी वर्णमाला
हिंदी काव्य ,रस ,गद्य और पद्य साहित्य का परिचय।
शब्द शक्ति , हिंदी व्याकरण।Shabd shakti
छन्द विवेचन – गीत ,यति ,तुक ,मात्रा ,दोहा ,सोरठा ,चौपाई ,कुंडलियां ,छप्पय ,सवैया ,आदि
Hindi alphabets, Vowels and consonants with examples
हिंदी व्याकरण , छंद ,बिम्ब ,प्रतीक।
भाषाविज्ञान के अध्ययन के प्रकार एवं पद्धतियां। भाषाविज्ञान। BHASHA VIGYAN
भाषा की प्रकृति तथा परिभाषा। भाषा के प्रकार्य उदहारण सहित। भाषा की प्रकृति का सरल नोट्स
अनुप्रास अलंकार पूरे उदाहरण सहित alankar full details examples
यमक अलंकार पूरी जानकारी | Yamak alankar bhed aur udahran
यहाँ नीचे आपको हमारा कुछ सोशल मीडिया एकाउंट्स की लिंक दिए जा रहे हैं | तो जाकर हमें फॉलो करें। और आप लोगों से अनुरोध है कि अगर हमारी पोस्ट अच्छी लगती है तो नीचे कमेंट करके सराहना अवश्य करें। इससे हमें मोटिवेशन मिलता है। और पोस्ट लिखते वक्त हमसे बहुत सारी गलतियां हो जाती हैं। अगर आपको कोई गलती दिखाई देती है।तब भी अवश्य बताएं |
Follow us here
is website pe di gai jankari bahut upyogi hai. Apka dhanyavad ki apne ise shuru kiya mere jaise bahut se student ko isse jarur fayda hoga.
Thank you, Nisha.
This type of comment is motivation and inspiration for us.