चिरविजय की कामना ले। विजयादशमी उत्सव हेतु गीत।
Vijaydashmi song lyrics | आरएसएस उत्सव।
विजयादशमी उत्सव हेतु गीत
चिरविजय की कामना ले , कर्म पथ पर चल तरूण मन।
संगठन की साधना में ,प्राण अर्पित और तन – मन। । २
पतित पावन राम ने थे , गिरी अरण्य महान घूमे।
छोड़कर माया अवध की , ऋषिजनों के पांव चूमे।
दीं दुखियों पर दया के , अश्रू कण छलके वरुण वन।
चिर विजय …………
भक्ति का धुव भाव लेकर , बढ़ चलो तुम ध्येय पथ पर।
पवन सूत की शक्ति लेकर , बढ़ चलो तुम गेय बनकर।
फिर उदित इठला रहा है , आज राघव के नयन बन।
चिर विजय …………
टूट विद्युत के पड़ो तुम ,राक्षस की वृत्तियों पर।
गिर पड़ो तुम आज फिर से , वज्र बन आपत्तियों पर।
पाश नागों के चले है , काट डालो तुम गरुड़ बन।
चिर विजय …………..
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संघ की प्रार्थना। नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमे।आरएसएस।
हमें वीर केशव मिले आप जब से। एकल गीत। RSS BEST EKAL GEET |
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