राजधानी के मुख्य बाजार कनॉट प्लेस का नई दिल्ली के इतिहास में एक अलग ही स्थान है।
अंग्रेजी राज्य के समय वायसराय ने इस बाज़ार को विशेष व्यक्तियों की जरूरतों के लिए बनवाया था। इसकी सफेद और गोल स्तंभों वाली गोल इमारतों को सर एडविन लुटियंस ने राष्ट्रपति भवन और इंडिया गेट के साथ ही बनवाया था।
कनॉट प्लेस की पूरी जानकारी
यह खूबसूरत बाजार जिस समय बना था तब छः खंड अंदर के थे जिन्हें कनाटप्लेस कहा जाता था , और छः खंड बाहर के थे जिन्हें कनॉट सर्कस कहा जाता था। दोनों में ही स्तंभ वाले बरामदे हैं।
बीसवीं शताब्दी के मध्य में जब नई दिल्ली का शहर बन रहा था , तब अमेरिकन एक्सप्रेस खंड जिन्हें सुजान सिंह खंड कहा जाता था। बनाया गया बाद में सन 1932 में सिंधिया हाउस , जनपथ और चलचित्र गृह , रीगल सरदार शोभा सिंह के द्वारा बनाए गए।
छठे दशक में इसकी खूबसूरती को बढ़ाने के लिए बीच में एक फ़वारा बनाया गया जो कि कमल के फूल की बनावट का है। हाल ही में जमीन के नीचे का पानी का बाजार और कार पार्क भी बनाए गए हैं। वर्तमान में कनॉट प्लेस के नीचे राजीव चौक मेट्रो स्टेशन भी है जो दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रों को जोड़ती है।
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