मनोहर पर्रिकर जीवन परिचय व दिलचस्प बातें | Manohar parrikar bio and facts

मनोहर पर्रिकर जीवन परिचय और उनसे जुडी कुछ दिलचस्प बातें | ये कुछ ऐसी बातें हैं जो शायद ही आपको और कहीं मिलेगी | मनोहर पर्रिकर की सादगी के बारें में हर कोई जानता है | और ये एक कारण भी है उनके बहुत सारे फँस होने का |

हमने बहुत बारीकी से उनके बारें में सब कुछ बताने का प्रयास किया है |

पोस्ट पूरा पढ़ें और अपनी राय जरूर दें नीचे कमेंट बॉक्स में |

 

मनोहर पर्रिकर जीवन परिचय

 

नाम  –  डॉ मनोहर गोपाल कृष्ण प्रभु पर्रिकर

जन्म – 13 दिसंबर 1955

माता – राधा बाई पर्रिकर

पिता   – गोपाल कृष्ण पर्रिकर

पुत्र    – उत्त्पल पर्रिकर ( इलेक्ट्रोनिक इंजीनियरिग से स्नातक )

          – अभिजीत पर्रिकर ( निजी व्यवसाय )

 

 

डॉ मनोहर गोपाल कृष्ण प्रभु पर्रिकर व्यक्तित्व के धनी है। उनका का जन्म 13 दिसंबर 1955 को हुआ था।

मनोहर पर्रीकर भारतीय जनता पार्टी के प्रमुख जनप्रतिनिधि है। वह गोवा में 2000 से 2005 तक गोवा के मुख्यमंत्री पद पर आसीन रहे , उसके उपरांत पुनः 2012 से 2014 तक पुणे मुख्यमंत्री पद पर आरूढ़ हुए।

गोवा में उन्होंने अपनी सेवाएं भारतीय जनता पार्टी से जुड़कर 14 मार्च 2017 तक दिया।

भारत में हुए लोकसभा चुनाव (2014)  में भारतीय जनता पार्टी को बहुमत प्राप्त हुआ। चुनाव में अग्रणी भूमिका श्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी ने निभाई। मोदी को अपने सहयोग के लिए मजबूत कंधों की जरूरत थी। जो सुरक्षा , आर्थिक व सामाजिक जिम्मेदारी का बोझ उठा सके।

ऐसे में देश की रक्षा के लिए मनोहर पर्रिकर को गोवा से दिल्ली बुलाया गया।

पर्रिकर उस समय गोवा के मुख्यमंत्री पद पर आसीन थे , वहां से इतनी जल्दी दिल्ली का भार संभालना आसान नहीं था।  उन्होंने 2 महीने का समय मांगा और फिर दिल्ली में आकर भारत की रक्षा का भार अपने कंधों पर लिया।

 

मनोहर पर्रिकर की शिक्षा

 

मनोहर पर्रिकर से जुडी आश्चर्यजनक बातें –

  • मनोहर पर्रिकर भारत के पहले आईआईटी शिक्षित मुख्यमंत्री बने थे।
  • सरल व सौम्या , शांत स्वभाव के व्यक्ति हैं।
  • मनोहर पर्रिकर धूम्रपान नहीं करते है।
  • मनोहर पर्रिकर गोवा के मुख्यमंत्री रहते हुए स्कूटर से साधारण व्यक्ति की भांति ऑफिस जाते थे।
  • पर्रिकर को लोग ” स्कूटर वाले सीएम “ के नाम से भी जानते हैं।
  • पर्रिकर हाफ शर्ट पहनना पसंद करते हैं।
  • वह  वीआईपी रेस्टोरेंट व पांच सितारा होटलों की बजाय सड़क के किनारे लगे फुटपाथ पर चाय और नाश्ता किया करते थे।
  •  वहां से मोहल्ले भर की खबर जुटा लिया करते थे।
  • उनका मानना है कि सड़क के किनारे लगे चाय के स्टॉल पर सभी पॉलीटिशियन को चाय पीना चाहिए , राज्य की सभी जानकारी वहां मिल जाती है।
  • दिल्ली में सड़क के किनारे चाय की दुकान पर सही जानकारी  मिलेगी यह यह गारंटी नहीं है।
  • उन्हें दिल्ली पसंद नहीं था वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बुलाने पर दिल्ली आए थे।
  • पर्रिकर का मानना था कि किसी भी इलाके का जायजा लेना हो तो वह कार्य चाय की दुकान से सरल हो जाता है।
  • पर्रिकर कहते हैं  रक्षा मंत्री बनने के बाद सुरक्षा की दृष्टि से स्कूटर चलाना मना किया गया , लोग मुझसे पूछते हैं कि क्या मैं स्कूटर पर अभी भी सफर करता हूं ? मैं उनसे कहता हूं कि ” अब नहीं करता मेरे दिमाग में काम को लेकर सोच चलती रहती है और स्कूटर चलाते समय अगर मेरा दिमाग कहीं और है तो फिर मैं किसी हादसे का शिकार हो सकता हूं।
  • वीआईपी होने का फायदा नहीं उठाते लाइन में लगकर सामान्य नागरिक की भांति अपना कार्य करवाते हैं।
  • पर्रिकर बिना सिक्योरिटी के किसी से भी लिफ्ट लेकर अपने गंतव्य तक चले जाते थे।
  • उनमें एक साधारण बात थी कि वह बिना किसी संकोच के बिना लाव – लश्कर लिए अकेले सड़क पर चल दिया करते थे।
  • पर्रिकर कहते हैं  ” मैं गोवा की जनता का ट्रस्टी हूं , तो मैं जो भी निर्णय लेता हूं , अगर उसमें  खामी है तो यह मेरा व्यक्तिगत नुकसान है , मैं अपने संज्ञान में लोगों का एक भी पैसा व्यर्थ नहीं खर्च करता। “
  • पर्रिकर रक्षा मंत्री रहते हुए उन्होंने सर्जिकल स्ट्राइक 28 – 29 सितंबर 2016 को करने का आदेश दिया।
  • उनकी सादगी के कारण ही उन्हें कई बार बड़े – बड़े समारोह में और पांच सितारा होटलों में प्रवेश करने पर साधारण व्यक्ति जान , रोक दिया जाता था।
  • मुख्यमंत्री रहते हुए वह कहीं भी स्कूटर से औचक निरीक्षण के लिए निकल जाया करते थे।
  • उन्हें हूटर लगी गाड़ियां पसंद नहीं थी।
  • क्षेत्र का दौरा और कहीं भी आसपास आना-जाना स्कूटर से ही किया करते थे।
  • शादी समारोह में भी वह पंक्ति में लगकर खाना लेते नजर आते थे। यह उनके व्यवहार व सादगी का ही दर्शन है।  – —
  • योग्यता को देखते हुए ही उन्हें 26 वर्ष की आयु में आर एस एस ( RSS ) का संघचालक बनाया गया था।

एक जगह मीटिंग में गए वहां प्रोटोकॉल के लिए सभी अधिकारी सदस्य खड़े थे , वह अपना थैला उठाकर अंदर चले गए।

बाहर से अधिकारी आए , प्रोटोकॉल अधिकारी ने  जब पूछा साहब कहां है ?

तो अधिकारियों ने बताया साहब अभी थोड़ी देर पहले थैला लिए अंदर गए हैं।

सभी आश्चर्यचकित रह गए उन्हें नहीं पता था कि अंदर एक साधारण व्यक्ति जो गया है वह गोवा का नया चीफ मिनिस्टर है। कॉलेज की घटना एक लड़का जो हॉस्टल में सिगरेट दारू आदि का सेवन करता था , वह ब्राह्मण परिवार से ताल्लुक रखता था।

उसका परिवार इन सभी चीजों से सदैव दूर रहता था।

एक दिन पर्रिकर अपने कमरे में उसी साथी के साथ बैठे हुए थे और हाथ में उस लड़के ने एक सिगरेट व एक पेग लिया हुआ था।

अचानक कमरे का दरवाजा खटखटाने की आवाज आई।

लड़के ने दरवाजा खोला तो दिखा सामने उसके पिताजी खड़े थे।

वह अचंभित हो गया उसकी समझ में नहीं आया कि वह क्या करें।

पर्रिकर ने  साथी कि सिगरेट और शराब उठाई जिसे वह कभी नहीं छुआ  करते थे और बाहर जाने लगे , यह सब देखकर उस लड़के के पिता जी घृणा करते हुए , अपने बेटे से कहते हैं ऐसे बच्चों की संगत में मत रहना।

इंडिया टीवी के वरिष्ठ पत्रकार रजत शर्मा अपने कार्यक्रम आप की अदालत में पर्रिकर से सवाल पूछते हैं

” राफेल डील काजल की कोठरी है , तो आप फूंक-फूंक कर कदम रखते हैं ?

पर्रिकर का जवाब था –

” आपने काजल की उपमा दी है , तो महिलाओं से पूछो काजल कितना महत्वपूर्ण है ?

ब आपकी मर्जी काजल का कैसा प्रयोग करना है। 

इस प्रकार के हाजिर जवाब नपे – तुले शब्दों से दिया करते थे।

 

मनोहर पर्रिकर की शिक्षा –

मनोहर पर्रिकर का जन्म मापुसा गांव में हुआ।उन्होंने लॉयल हाई स्कूल से उच्च माध्यमिक स्तर की शिक्षा मराठी में प्राप्त की।  इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी ( IIT ) मुंबई से सन 1978 में स्नातक की शिक्षा प्राप्त की।

भारत के वह प्रथम आईआईटी से शिक्षित लोकसभा चुनाव के सदस्य बनने का गौरव भी उन्हे प्राप्त है।  इसके लिए उन्हें आईआईटी मुंबई ने 2001 में सम्मानित भी किया।

 

 

राजनीतिक जीवन –

मनोहर पर्रिकर बचपन से ही RSS  से प्रभावित थे। विद्यालय और कॉलेज स्तर से ही उनमे नेत्तृत्व करने की क्षमता का विकास आरम्भ हो गया था। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एक कर्मठ कार्यकर्ता के रूप में कार्य किया।  जब वह 26 वर्ष के हुए उन्हें मापुसा का संघचालक बनाया गया। वह अपने निजी व्यवसाय के साथ – साथ उत्तरी गोवा का कार्य देख रहे थे।

तभी राम जन्मभूमि आंदोलन का आरम्भ हुआ और  वह राम जन्मभूमि क्रांति से जुड़ गए। इसके लिए वह RSS के अनुसांगिक संगठन भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए। यहां से उनके राजनैतिक सफर का आरम्भ होता है।

 

1994 में विधान सभा चुनाव हुआ जिसमें गोवा से बीजेपी पार्टी में रहते हुए वह विधायक  चुने गए । उन्होंने 1999 में  गोवा के विधान सभा में  विपक्ष पार्टी के रूप में कार्य को संभाला।

24 अक्टूबर 2000 को उन्होंने गोवा के मुख्यमंत्री का पदभार पहली बार संभाला , किंतु यह भार वह ज्यादा दिन  नहीं उठा सके 27 फरवरी 2002 पर छोड़ना पड़ा।  5 जून 2002 को पुनः चुनाव हुआ और राष्ट्रीय कांग्रेस के मुख्यमंत्री प्रताप सिंह राणे के स्थान पर मनोहर पर्रिकर ने बहुमत  हासिल की और गोवा के मुख्यमंत्री चुने गए , यह कार्यकाल निर्बाध रूप से 29 जनवरी 2005 तक चला।

मनोहर पर्रिकर

2007 के राज्य सभा चुनाव में भी उन्होंने राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रतिनिधि दिगंबर कामत के साथ समझौते की सरकार स्थापित की  और मुख्यमंत्री पद पर पुनः स्थापित हुए। 2012 में पुनः राज्य सभा का चुनाव हुआ और वह पुनः मुख्यमंत्री के लिए नामित हुए।

2014  में हुए लोकसभा के चुनाव में बीजेपी को बहुमत मिली।  माननीय नरेंद्र मोदी ने भारत की सुरक्षा का दायित्व मनोहर पारिकर को देने के लिए गोवा से दिल्ली बुलाया और उन्हें भारतीय सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपी।इससे पूर्व अरुण जेटली वित्त मंत्रालय और राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्रालय का संयुक्त भार उठा रहे थे जो।

मनोहर पर्रिकर जी ने इस दायित्व को बड़े ही सराहनीय पूर्ण ढंग से संभाला। मनोहर पर्रिकर के कार्यकाल में ही बहादुर भारतीय सेना ने सर्जिकल स्ट्राइक (28 – 29 सितम्बर 2016 ) जैसी घटना को अंजाम दिया।  सर्जिकल स्ट्राइक से आशय पाकिस्तान में घुसकर किए गए ऑपरेशन से है।

 

स्वास्थ्य खराब होने के कारण व राजनीतिक कारणों से उन्हें पुनः 14 मार्च 2017 को गोवा का मुख्यमंत्री नियुक्त किया गया।

 

मनोहर पर्रिकर का पारिवारिक जीवन –

मनोहर पर्रिकर कुशल लीडर , नेता , राजनीतिज्ञ , लेखक , वक्ता आदि के साथ साथ एक पारिवारिक व्यक्ति भी थे। उनकी पत्नी का देहांत तो 2001 में हो गया , मानवीय संवेदना के कारण वह कुछ दुखी हुए किंतु उन्होंने अपना मनुष्य जीवन जनता की सेवा और भलाई में लगा दिया। गोवा के लोग मनोहर पारिकर को अपने परिवार का सदस्य ही मानते हैं। उनकी सादगी ऐसी थी कि मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए भी वह दो पहिया वाहन (स्कूटर) से सफर किया करते थे और अपने कार्यालय जाया करते थे।

उन के दो पुत्र हैं

उत्पल पर्रिकर जो इलेक्ट्रिक इंजीनियर से स्नातक हैं।

दूसरे पुत्र का नाम अभिजित पर्रिकर है वह अपने पारिवारिक व्यवसाय को देखते हैं।

मनोहर पर्रिकर का स्वास्थ्य मार्च 2018 मैं खराब होने के कारण वह यूएस अमेरिका में अपने इलाज के लिए गए , उसके बाद भारत  आकर अपने कार्य को देखते रहे।

नियमित स्वास्थ्य लाभ के और लिए इलाज के लिए दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में इलाज करवा रहे हैं।

manohar parrikar

मनोहर पर्रिकर से जुड़ा विवाद –

मनोहर पर्रिकर उस समय आलोचना में आए जब 2001 में 51 विद्या भारती के प्राथमिक स्कूल को बंद करवा दिया जो कि आर एस एस (RSS )परिवार का एक हिस्सा है।

2014 में हुए फीफा वर्ल्ड कप ब्राज़ील के दौरान भी वह आलोचकों के सामने आ गए जिसमें जिसमें 89 लाख रुपए की हेरा फेरी का आरोप भारतीय कांग्रेस पार्टी ने लगाया जो झूठ साबित हुआ।

manohar parrikar a simple man

एक समय की बात है पर्रिकर अपने स्कूटर से ऑफिस जा रहे थे , रास्ते में एक गाड़ी ने उनके स्कूटर पर धक्का मारा जिस पर उन्होंने प्रतिक्रिया की तो वह गाड़ीवान उनसे कहने लगा कि ” तुम जानते हो मैं कौन हूं मैं बड़े पुलिस वाले का बेटा हूं ”

इस पर पर्रीकर ने हाथ जोड़कर उनसे कहा कि तुम बड़े पुलिस वाले के बेटे होगे भईया मगर मैं तो यहां का केवल साधारण सा सीएम हूं।

 

यह भी पढ़ें –

मदन लाल ढींगरा की जीवनी। Madan lal dhingra biography।

डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन जीवन परिचय।शिक्षक दिवस | Teachers day special

महात्मा ज्योतिबा फुले | jyotiba foole | biopic jyotiba foole |

बाबा साहब भीमराव अंबेडकर जी की जीवनी । B R AMBEDKAR

बाजीराव पेशवा प्रथम। हिन्दू सम्राट। बाजीराव की जीवनी

 

 

कृपया अपने सुझावों को लिखिए | हम आपके मार्गदर्शन के अभिलाषी है 

facebook page hindi vibhag

YouTUBE

Google+

Sharing is caring

2 thoughts on “मनोहर पर्रिकर जीवन परिचय व दिलचस्प बातें | Manohar parrikar bio and facts”

    • We hindi vibhag always write the best content as possible. And these words of you people always motivate us.

      Reply

Leave a Comment