भाषा के प्रकार्य की पूरी जानकारी प्राप्त करने हेतु ये पोस्ट पूरा पढ़ें | आपको इसमें पूरी जानकारी दी गयी है | हमने अन्य पोस्ट भी लिखे है जैसे की भाषा की परिभाषा व बहुत कुछ जिसके बारे में आपको लेख के अंत में बताया जाएगा कि आप किस प्रकार उन लेखों को पढ़ सकते हैं।
अगर आपको और कुछ जानना हो तो सर्च बॉक्स में लिख कर सर्च जरूर कर लें |
भाषा के प्रकार्य
अब हम भाषा के प्रकार्य को निम्नलिखित बिंदुओं द्वारा अध्ययन करेंगे। हर एक बिंदु को ध्यानपूर्वक पढ़ें और समझने का प्रयास करें।
- विचारों के आदान – प्रदान का महत्वपूर्ण साधन है।
- इसके द्वारा मनुष्य अपनी अनुभूतियों (विचारों) तथा भावों को व्यक्त करता है। साथ ही सामाजिक संबंधों की अभिव्यक्ति का उपकरण भी उसे बनाता है।
- अपनी इस प्रकृति के कारण भाषा एक और मानसिक व्यापार और दूसरी और सामाजिक व्यापार से जुड़ी है।
- मानसिक व्यापार चिंतन प्रक्रिया तथा सामाजिक व्यापार संप्रेषण प्रक्रिया पर आधारित होता है।
- इन दोनों की अपनी व्यवस्था है तथा दोनों में अन्योन्याश्रित संबंध है।
- प्रसिद्ध फ्रांसीसी भाषा वैज्ञानिक ‘ सस्यूर ‘ के विचारों से प्रभावित होकर प्राग स्कूल की भाषा वैज्ञानिक विचारधारा ने आरंभ से ही भाषिक प्रकार्यों के अध्ययन को महत्व दिया।
- वस्तुतः संप्रेषण व्यापार विभिन्न सामाजिक भूमिकाओं के साथ जुड़ा होता है।
- संप्रेषण व्यवस्था के विभिन्न उपकरण या उपादान है इसमें ‘ वक्ता ‘ और ‘ श्रोता ‘ की भूमिका महत्वपूर्ण है।
- वक्ता अपने विचारों को दूसरों तक संप्रेषित करता है तथा दूसरों के द्वारा संप्रेषित विचारों को ग्रहण करता है , तभी भाषा का कार्य संपादित होता है और बातचीत संभव होता है।
निष्कर्ष
वस्तुतः भाषा के छे प्रकार्य माने गए हैं जो रोमन जैकब्सन द्वारा बताए गए हैं।
अभिव्यक्तिक प्रकार्य (Expressive Function)
इच्छा परक प्रकार्य (Conative Function)
अभिधापरक प्रकार्य (Donative Function)
सम्पर्क परक प्रकार्य (Phatic Function)
आधिभाषिक प्रकार्य (Codifying Function)
काव्यात्मक प्रकार्य (Poetic Function)
आशा है आपको इस विषय के ऊपर जरूरी जानकारी प्राप्त हो गई होगी। अगर ऐसा है तो हमें इस बात की बहुत खुशी है। लेकिन अगर आपको किसी भी प्रकार की दिक्कत या परेशानी हुई है तो आप उसे कमेंट बॉक्स में लिखकर हमें सूचित कर सकते हैं। अगर किसी प्रकार की त्रुटि का आपको इस लेख में सामना करना पड़ा हो तो उसे भी आप जरूर इंग्लिश करें। हम जल्द से जल्द इस लेख में बदलाव करेंगे और विद्यार्थियों के लिए इसे और बेहतर बनाएंगे। आप हमें यह भी सुझाव दे सकते हैं कि यहां पर और क्या जोड़ा जाना चाहिए जो आपको इस विषय के ऊपर और मजबूत पकड़ दे।
यह भी जरूर पढ़ें –
अगर आप भाषा से संबंधित लेख पढ़ना चाहते हैं तो आपको नीचे दिए हुए लिखो को अवश्य करना चाहिए ताकि आपको इस विषय पर अधिक से अधिक जानकारी प्राप्त हो सके।
भाषा की परिभाषा।भाषा क्या है अंग अथवा भेद। bhasha ki paribhasha | भाषा के अभिलक्षण
हिंदी व्याकरण की संपूर्ण जानकारी प्राप्त करने के लिए आपको नीचे दिए गए लेखों को पढ़ना चाहिए। अगर आप नीचे दिए हुए पहले ले को पढ़ते हैं तो वहां पर आपको हिंदी व्याकरण से संबंधित सभी प्रकार के लेख मिलेंगे जिसे आप पढ़कर परीक्षा में हिंदी व्याकरण से संबंधित विषय में अच्छे अंक प्राप्त कर सकते हैं।
Hindi vyakran हिंदी व्याकरण की संपूर्ण जानकारी
समास की पूरी जानकारी | समास के भेद | samas full details | समास की परिभाषा
रस के अंग और भेद | रसराज | संयोग श्रृंगार | ras full notes in hindi
सम्पूर्ण संज्ञा अंग भेद उदहारण।लिंग वचन कारक क्रिया | व्याकरण | sangya aur uske bhed
सर्वनाम की संपूर्ण जानकारी | सर्वनाम और उसके सभी भेद की पूरी जानकारी
हिंदी काव्य ,रस ,गद्य और पद्य साहित्य का परिचय।
शब्द शक्ति , हिंदी व्याकरण।Shabd shakti
छन्द विवेचन – गीत ,यति ,तुक ,मात्रा ,दोहा ,सोरठा ,चौपाई ,कुंडलियां ,छप्पय ,सवैया ,आदि
Hindi alphabets, Vowels and consonants with examples
हिंदी व्याकरण , छंद ,बिम्ब ,प्रतीक।
बलाघात के प्रकार उदहारण परिभाषा आदि
Useful matter sir/mam.
Iske prakaryo ki tippani