august kranti
अगस्त क्रांति – 6 अप्रैल 1930 को असहयोग आन्दोलन शुरू हुआ ,तो संघ के संस्थापक डा. हेडगेवार जी ने संघचालक का दायित्व डा.परांजपे को सौंपकर अनेक स्वयंसेवको के साथ आंदोलन में कुद पड़े।
मई 1930 को नमक कानुन के बजाए जंगल कानुन तोड़कर संघ का सत्याग्रह शुरू करने का निर्णय ।
डा .हेडगेवार के साथ गए जत्थे में अप्पाजी जोशी ( जो बाद में संघ के सरकार्यवाह बने ) ,दादाराव परमार्थ (जो बाद में मद्रास प्रान्त के प्रथम प्रान्त प्रचारक बने) ,आदि 12 प्रमुख स्वयंसेवक थे| उनको 9 महीने का सश्रम कारावास का दंड दिया गया।
उसके बाद अ.भा.शारीरिक शिक्षण प्रमुख श्री मार्तण्ड राव जोग, नागपुर के जिला संघचालक श्री अप्पाजी हल्दे आदी अनेक स्वयंसेवकों ने भाग लिया तथा शाखाओं के जत्थे ने भी सत्याग्रह में भाग लिया था।
सत्याग्रह के समय पुलिस की बर्बरता के शिकार बने सत्याग्रहियों की सुरक्षा के लिए 100 स्वयंसेवकों की टोली बनायीं गयी जिसके सदस्य सत्याग्रह के समय उपस्थित रहते थे।
8 अगस्त को गढ़वाल दिवस पर धारा 144 तोड़कर जुलूस निकलने पर पूलिस की मार से अनेकों स्वयंसेवक घायल हुए।
विजयदशमी 1931 को डॉ. जी जेल में थे उनकी विदर्भ के अष्टीचिमुर क्षेत्र में संघ के स्वयंसेवको ने सामानांतर सरकार स्थापित कर दी । स्वयंसेवको ने असहनीय अत्याचारों का सामना किया।उस क्षेत्र में 1 दर्जन से अधिक स्वयंसेवकों ने अपना जीवन बलिदान कर दिया था।नागपुर के निकट रामटेक के तत्कालीन नगर कार्यवाह श्री रमाकांत केशव देशपांडे उपाख्य बालासाहेब देशपांडे को आंदोलन में भाग लेने पर मृत्यु दंड सुनाया गया।बाद में अपनी सरकार के समय मुक्त होकर उन्होंने बनवासी कल्याण आश्रम की स्थापना की।
read continue
देश के कोने-कोने में स्वयंसेवक जूझ रहे थें।स्वयंसेवको द्वारा दिल्ली- मुजफ्फरनगर रेल लाईन पूरी तरह क्षतिग्रस्त करदी गयी। आगरा के निकट बरहन रेलवे स्टेशन को जला दिया गया| मेरठ जिले में मवाना तहसील पर झंडा फहराते समय स्वयंसेवकों पर पुलिस ने गोली चलायी जिसमे अनेकों घायल हुए थे।
चतुर्थ संघचालक पूज्य रज्जु भैया जी ने प्रयाग में आंदोलन किया था।संघ द्वारा 1942 के आंदोलन में भी माननीय दतोपन्त ठेंगड़ी जी सहित अनेको प्रमुख संघ नेताओ को आंदोलन के लिये भेजा गया था।
अब संघ का क्रांतिकारीओं से रिश्ता
क्रांतिकारीयो के बिच संघ के संस्थापक हेडगेवार जी का नाम “कोकीन ” था तथा शस्त्रो के लिये “एनाटमि ” शब्दो का प्रयोग किया जाता था।क्रांतिकारीयो से रिश्ते प्रगाढ़ होने के कारण ही 1928 में साण्डर्स की हत्या के बाद राजगुरू को डाक्टर जी ने अपने पास छिपाकर रखा था।
1927 में जब ब्रिटीश सरकार द्वारा भारतीय सेनाओ को चीन भेजने के विरोध का प्रस्ताव हेडगेवार जी ने ही तैयार किया था और उस प्रस्ताव को संघ नेता ला.ख. परांजपे द्वारा सभा के सामने रखा गया था ।और इसी तिव्र विरोध के कारण भारतीय लोगो को चीन जाने से रोका गया था ।
सन 1928 में ‘साइमन कमीशन विरोधी आंदोलन के प्रचार-प्रसार एवं लोगो को जागृत करने का कार्य का दायित्व डा. हेडगेवार जी को सौंपा गया ।
read continue
सन 28 अप्रैल 1929 को वर्धा के प्रशिक्षण वर्ग में स्वयंसेवको को सार्वजनीक रूप से कहा गया ” स्वराज्य प्राप्ति के लिये वे अपना सर्वस्व त्याग हेतु तैयार रहे हमारा लक्ष्य स्वराज्य प्राप्त करना है ।
संघ ने 26 जनवरी 1930 को अपने सभी शाखाओ पर स्वतंत्रता दिवस मनाया ।
पुना शिवीर में प पू. गुरूजी तथा बाबा साहेब आप्टे ने अंग्रेजो के विरूद्ध संघर्ष करने का आह्वान किया ।
स्वयंसेवको द्वारा क्रांतिकारीयो व आंदोलनकारीयो को देश भर में शरण दी गयी।दिल्ली प्रान्त के माननीय संघचालक श्री हंसराज गुप्ता जी के निवास पर अरूणा व जयप्रकाश नारायण, पुणे के माननीय संघचालक श्री भाउसाहब देवरस के यहाँ अच्युत पटवर्धन , आंध्र प्रदेश के माननीय प्रान्त संघचालक पण्डित सातवेलकर के यहाँ क्रांतिकारी नाना पाटिल आदि ने आवास के साथ-साथ अपनी गतिविधियों का केंद्र बनाया।
आज जब में उन लम्हों को पढता हु तो मेरा मन एक क्रन्तिकारी सोच से ओत – प्रोत हो जाता है उन क्रांतिकारियों के आगे बार – बार शीश झुकता है जिन्होंने यातनाये झेलकर इस देश की आजादी के लिए अपना सर्वस्व न्योछवर कर दिया। महान है वो देश महान है वो माता पिता जिनके ऐसे सपूत हुए। इस क्रान्ति की ज्वाला को अपने सीने में जलाये रखने के लिए और देश हित में तत्पर रहने के लिए संघ की शाखा में अवश्य आये।
जय माँ भारती
यह भी जरूर पढ़ें –
गुरु दक्षिणा हेतु अमृत वचन।RSS IN HINDI | राष्ट्रिय स्वयं सेवक संघ।
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ | संघ क्या है उसकी क्या विचारधारा है | देश के लिए क्यों जरुरी है संघ
संघ क्या है | डॉ केशव बलिराम हेगड़ेवार जी का संघ एक नज़र में | RSS KYA HAI
संगठन हम करे आफतों से लडे | हो जाओ तैयार साथियो | rss geet lyrics |
अखंड भारत क्या है | अखंड भारत की पूरी जानकारी | इसका क्या मतलब है अखंड
संघ की प्रार्थना। नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमे।आरएसएस।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ | हिंदू साम्राज्य दिवस क्या है?
दोस्तों हम पूरी मेहनत करते हैं आप तक अच्छा कंटेंट लाने की | आप हमे बस सपोर्ट करते रहे और हो सके तो हमारे फेसबुक पेज को like करें ताकि आपको और ज्ञानवर्धक चीज़ें मिल सकें |
अगर आपको ये पोस्ट अच्छा लगा हो तो इसको ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुचाएं |
व्हाट्सप्प और फेसबुक के माध्यम से शेयर करें |
और हमारा एंड्राइड एप्प भी डाउनलोड जरूर करें
कृपया अपने सुझावों को लिखिए हम आपके मार्गदर्शन के अभिलाषी है |