अब जाग उठो कमर कसो । संघ का गीत।rss song lyrics ab jaag utho
अब जाग उठो कमर कसो
अब जाग उठो कमर कसो , मंजिल की राह बुलाती है
ललकार रही हमको दुनिया , भेरी आवाज़ लगाती है। ।२
है धेय्य हमारा दूर सही , पर साहस भी तो क्या काम है
हमराह अनेक साथी है ,कदमो में अंगद का दम है
असुरों की लंका राख करे वह आग लगानी आती है। ।
अब जाग उठो कमर कसो , मंजिल की राह बुलाती है
ललकार रही हमको दुनिया , भेरी आवाज़ लगाती है। ।
पग – पग पर कांटे बिछे हुए , व्यवहार कुशलता हममे है
विश्वास विजय का अटल लिए , निष्ठां कर्मठता हममे है
विजयी पुरखों की परम्परा , अनमोल हमारी थाती है। ।
अब जाग उठो कमर कसो , मंजिल की राह बुलाती है
ललकार रही हमको दुनिया , भेरी आवाज़ लगाती है। ।
हम शेर शिवा के अनुगामी , राणा प्रताप की आन लिए
केशव माधव का तेज़ लिए , अर्जुन का शरसंधान लिए
संगठन तंत्र की शक्ति ही वैभव का चित्र सजाती है। ।
अब जाग उठो कमर कसो , मंजिल की राह बुलाती है
ललकार रही हमको दुनिया , भेरी आवाज़ लगाती है। ।
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