harishankar parsai | हरिशंकर परसाई | भोलाराम का जीव
हरिशंकर परसाई मुख्य रूप से व्यंग्यकार थे उन्होंने समाज के भीतर विसंगतियों तथा कुरीतियों, अन्याय, अत्याचार को देखकर अपने लेख में व्यंग्य के माध्यम से उजागर किया है तथा सामान्य जन और अफसरशाही लोगों को सोचने पर विवश किया है। उनके काव्य रोचक और विसंगतियों को उजागर करते हुए प्रतीत होते हैं, जो पाठकों को …