अयोध्या नरेश मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम जी की आरती परम सुखदाई है वह श्री हरि विष्णु के अवतार हैं। रामजी ने पृथ्वी पर सत्य की स्थापना तथा असुरों का संहार करने के उद्देश्य से अवतार लिया था। साधारण मनुष्य के रूप में जन्म लेकर श्री राम ने बड़ी-बड़ी आसुरी शक्तियों का नाश किया जो सृष्टि के सृजन में हानिकारक थे। बुरी शक्तियां साधु संतों के तपोबल को क्षीण कर रहे थे, मनुष्य के मान को भंग कर रहे थे। श्री राम जी की आरती परम सुखदाई है, जो भक्त नियमित पूजन पाठ कर विधि विधान के साथ आरती करता है उसे श्री रामचंद्र जी की कृपा प्राप्त होती है।
Ram Ji ki Aarti Lyrics in Hindi
श्री राम चंद्र कृपालु भजमन हरण भाव भय दारुणम्।
नवकंज लोचन कंज मुखकर, कंज पद कन्जारुणम्।।
कंदर्प अगणित अमित छवी नव नील नीरज सुन्दरम्।
पट्पीत मानहु तडित रूचि शुचि नौमी जनक सुतावरम्।।
भजु दीन बंधु दिनेश दानव दैत्य वंश निकंदनम्।
रघुनंद आनंद कंद कौशल चंद दशरथ नन्दनम्।।
सिर मुकुट कुण्डल तिलक चारु उदारू अंग विभूषणं।
आजानु भुज शर चाप धर संग्राम जित खर-धूषणं।।
इति वदति तुलसीदास शंकर शेष मुनि मन रंजनम्।
मम ह्रदय कुंज निवास कुरु कामादी खल दल गंजनम्।।
मनु जाहिं राचेऊ मिलिहि सो बरु सहज सुंदर सावरों।
करुना निधान सुजान सिलू सनेहू जानत रावरो।।
एही भांती गौरी असीस सुनी सिय सहित हिय हरषी अली।
तुलसी भवानी पूजि पूनी पूनी मुदित मन मंदिर चली।।
जानि गौरी अनुकूल सिय हिय हरषु न जाइ कहि।
मंजुल मंगल मूल वाम अंग फरकन लगे।।
श्री राम चंद्र कृपालु भजमन हरण भाव भय दारुणम्।
नवकंज लोचन कंज मुखकर, कंज पद कन्जारुणम्।।
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श्री राम जी की आरती का क्या महत्व है?
श्री रामचंद्र जी की आरती निष्ठा और पूरे विधि-विधान के साथ किया जाए तो घर में सुख, समृद्धि, धन, वैभव तथा विद्या की वर्षा होती है। घर का कोई सदस्य बीमार नहीं होता तभी दीर्घायु तथा निरोगी होते हैं। जिस घर में नियमित राम जी की आरती होती है उस घर में कभी दरिद्रता नहीं आ सकती। वह घर अन्य घरों की तुलना में बरकत पाता है। उसके सभी परिजन मानसिक तथा शारीरिक रूप से मजबूत होते हैं उनमें विचार करने की क्षमता बेजोड़ होती है। किसी भी कार्य को सिद्ध करने की शक्ति श्री राम जी के भक्तों में स्वतः आ जाती है। जो भी भक्त समाज में मर्यादित व्यवहार करता है वह समाज के लिए पूजनीय हो जाता है। आप भी श्री राम जी की आरती सच्ची भक्ति तथा पूर्ण आस्था के साथ करें तो आपको भी श्री राम जी की कृपा अवश्य प्राप्त होगी।
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समापन
त्रेता युग में प्रभु श्री राम साधु संतों को अभय मुक्त करने, धर्म की स्थापना करने तथा साधारण मनुष्यों का मान बढ़ाने के लिए अवतरित हुए थे। वह विष्णु के अवतार हैं उन्होंने पृथ्वी पर अवतार लिया क्योंकि वह साधारण मनुष्यों का मान बढ़ाना चाहते थे। श्री राम जी की सहायता के लिए अनेकों देवी देवता विभिन्न रूपों में उपस्थित हुए, जिनमें हनुमान जी शिव जी के रूद्र अवतार तथा लक्ष्मण जी शेषनाग के अवतार रूप में जाने जाते हैं। अनेकों ऐसे देवी देवता अवतरित हुए जिन्होंने श्रीराम जी के कार्य को सफल बनाया। बड़ी आसुरी शक्तियों का नाश कर प्रभु श्री राम ने असत्य पर सत्य की विजय का संदेश दिया। राम नवमी के अवसर पर राम जी का जन्मोत्सव मनाने के साथ शक्ति की पूजा की जाती है जिससे भक्तों को भक्ति का लाभ प्राप्त होता है।