बिपिन रावत किसी परिचय के मोहताज नहीं है, आज उन्हें पूरा विश्व जानता है। वह भारत के पहले ऐसे व्यक्ति हैं जो तीनों सेना के अध्यक्ष हैं जिन्हें सी.डी.एस ऑफ इंडिया (CDS Of India) पद प्राप्त करने का गौरव हासिल है। उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान जितनी उपलब्धियां हासिल की वह निश्चित ही देश के लिए उत्साह का विषय है।
प्रस्तुत लेख में हम बिपिन रावत जी के जीवन से संबंधित संक्षिप्त जानकारी हासिल करेंगे।
विपिन रावत जीवनी और बायोग्राफी
नाम | बिपिन रावत |
पिता का नाम | लेफ्टिनेंट जनरल लक्ष्मण सिंह रावत |
माता का नाम | NA |
जन्म तिथि तथा स्थान | 16 मार्च 1958 पौड़ी गढ़वाल उत्तराखंड |
पत्नी का नाम | मधुलिका रावत |
पद | 27वे थल सेना अध्यक्ष, भारत के रक्षा प्रमुख (प्रथम) |
पुत्र | NA |
पुत्री | दो पुत्रियां |
भारतीय थलसेना प्रमुख कार्यकाल | 31 दिसंबर 2016 – 31 दिसंबर 2019 |
सम्मान | परम विशिष्ट सेवा पदक, उत्तम सेवा पदक, अति विशिष्ट सेवा पदक, युद्ध सेवा पदक, सेना पदक, विशिष्ट सेवा पदक ऐड-डी-कैंप |
नेतृत्व | उप सेना प्रमुख दक्षिणी कमान, संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन, कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य, 19 इन्फेंट्री डिविजन, 5 सेक्टर राष्ट्रीय राइफल इन्फेंट्री बटालियन, पूर्वी सेक्टर आदि |
मृत्यु | 8 दिसंबर 2021 (तमिलनाडु के कन्नूर हेलीकॉप्टर MI-17 दुर्घटनाग्रस्त से) |
आरंभिक जीवन
बिपिन रावत जी आरंभ से ही कुशाग्र और प्रतिभाशाली थे, इनका जीवन राजपूत परिवार में हुआ।
पौड़ी गढ़वाल में इन्होंने आरंभिक शिक्षा प्राप्त की और यहीं से देश के लिए कुछ नया करने का जज्बा हासिल किया। इनके पिता लेफ्टिनेंट जनरल लक्ष्मण सिंह रावत थे उनके सेवानिवृत्ति के बाद विपिन रावत ने 1978 में गोरखा राइफल पांचवी बटालियन में अपना कैरियर आरंभ किया।
1986 में बिपिन रावत का ब्याह मधुलिका रावत से संपन्न हुआ था।
बिपिन रावत की शिक्षा
बिपिन रावत की आरंभिक शिक्षा उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में हुई। उन्होंने देहरादून में कैंब्रिज हाई स्कूल तथा भारतीय सैन्य अकादमी देहरादून से पढ़ाई की। वह उच्च शिक्षा के लिए यू.एस.ए USA अमेरिका भी गए वहीं उन्होंने डिफेंस सर्विस में स्नातक की डिग्री हासिल की।
अपने देश लौटकर मद्रास विश्वविद्यालय से डिफेंस के क्षेत्र में एमफिल M.Phil की डिग्री भी प्राप्त की। अन्य बहुत सी डिग्रियां उन्होंने भारत तथा विश्व के अन्य क्षेत्रों से हासिल की।
रावत जी की योग्यता को देखते हुए मेरठ स्थित चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय ने उन्हें डायरेक्टर ऑफ फिलॉसफी से भी सम्मानित किया यह किसी भी व्यक्ति के लिए सम्मान का विषय है।
बिपिन रावत की सेना में सेवा में
निश्चित रूप से बिपिन रावत प्रतिभावान विद्यार्थी तथा प्रतिभा के धनी व्यक्ति थे। उन्होंने सेना के क्षेत्र में जिस प्रकार उपलब्धियां हासिल की वह अन्य व्यक्ति में सुगमता से नहीं देखा जा सकता। वह राजपूत परिवार से संबंध रखते थे तथा उत्तराखंड के परिवेश में जन्मे जहां के लोग कर्मशील होते हैं। दोनों ही परवरिश उन्हें बचपन में मिला था उन्होंने अपने संस्कारों के बदौलत जो प्रतिभा हासिल की थी वह उन्होंने देश की सेवा को समर्पित किया।
रावत जी ने जनवरी 1979 को मिजोरम में प्रथम नियुक्ति पाई थी। इसके बाद उन्होंने विभिन्न पदों तथा संस्थाओं के साथ कार्य करते हुए भारतीय सेना को अपनी सेवाएं दी। जब वह 31 दिसंबर 2019 को भारतीय सेना में अपने स्थाई पद से सेवा निर्मित हुए तब तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने उनकी प्रतिभा का सम्मान करते हुए उन्हें भारत की और अधिक सेवा करने का अवसर देते हुए भारत का रक्षा प्रमुख (1 जनवरी 2021) नियुक्त किया।
इस पद पर उन्होंने दिन-रात अथक परिश्रम किया और भारत को विभिन्न क्षेत्र में अद्वितीय सम्मान दिलाया।
प्रधानमंत्री मोदी और बिपिन रावत
2014 में जब भारतीय जनता पार्टी की सरकार सत्ता में आई जिसमें प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अग्रणी भूमिका में देश को एक नया मुकाम तथा पहचान दिलाने का कार्य आरंभ किया गया। जिसमें सेना को विश्व स्तर पर अग्रणी करने की भूमिका प्रधानमंत्री ने बिपिन रावत पर अपना विश्वास दिखाते हुए सौंपा।
इस कार्य को बतौर भारतीय सेना प्रमुख बिपिन रावत ने बखूबी निभाया उन्होंने रात दिन की अथक मेहनत से अपने कार्यकाल में इस प्रसिद्धि को हासिल करने की पुरजोर कोशिश की। यह उनके लगन और कार्यक्षमता का अनूठा प्रदर्शन है।
बिपिन रावत राजनीति आलोचना के शिकार
जैसा कि हम सब जानते हैं रावत जी बचपन से ही कुशाग्र बुद्धि के थे, उन्हें पढ़ाई लिखाई का अच्छा खासा शौक था। वह इस शौक के कारण एक कुशल लेखक भी बने। उनकी रचनाएं विभिन्न पब्लिकेशन में छापी गई हैं, इनके पाठक इनकी लेखनी से विशेष प्यार करते हैं।
कई बार यह राजनीति के शिकार भी हुए हैं क्योंकि इनकी लेखनी राजनीति के उन नुमाइंदों पर व्यंग करती हुई प्रतीत होती है। जो देश और यहां की जनता को अपने स्वार्थ के लिए प्रयोग में लाती है। ऐसा अन्य सेना से जुड़े अधिकारी के संदर्भ में देखने को नहीं मिलता जैसा विपिन रावत जी के साथ है, क्योंकि यह एक कुशल लेखक भी हैं।
बिपिन रावत का निधन
तमिलनाडु के कुन्नूर में 8 दिसंबर 2021 को विपिन रावत जी का हेलीकॉप्टर (MI-17) दुर्घटनाग्रस्त हो गया जिसमें 14 लोग सवार थे। इस दुर्घटना में उनकी पत्नी मधुलिका रावत का भी असामयिक निधन हुआ। यह देश के लिए बहुत ही बड़ी हानि का विषय है इस परिवार की चार पीढ़ियों ने देश की सेवा में निस्वार्थ रूप से कार्य किया।
इस घटना की पुष्टि भारत के महामहिम राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद जी ने किया। देश को इस अपूरणीय क्षति से बहुत बड़ा घात लगा है।
जनरल बिपिन रावत से जुड़ी कुछ यादें
रावत के करीबी दोस्त कर्नल अजय कोठियाल जी बताते हैं कि जब वह 2015 में कोर कमांडर थे भीमपुर नागालैंड में वहां मिलिट्री ऑपरेशन जारी था। उस ऑपरेशन की लेटेस्ट इनपुट के लिए वह हेलीकॉप्टर से गए।
रास्ते में हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया जिसमें उन्हें तथा पायलट को थोड़ी बहुत चोट लगी किंतु वह निर्भीक और इतने बहादुर थे कि दूसरे हेलीकॉप्टर से वह अपने मिशन पर रवाना हो गए।
यशवर्धन सिंह जो मधुलिका रावत के भाई और जनरल रावत के साले थे उन्होंने विपिन रावत जी के विषय में बताया कि वह देश की सेवा और अधिक करना चाहते थे। जब यशवर्धन जी ने उनसे घर आने तथा विश्राम करने के लिए कहा तो उन्होंने मातृभूमि की सेवा करने की बात कही थी। वह जनवरी 2022 में ससुराल आने की बात वह कह रहे थे साथ ही, एक सैनिक विद्यालय खोलने का आश्वासन भी उन्होंने दिया था जो समय को मंजूर ना हो सका।
जनरल बिपिन रावत का निधन या साजिश
सुधीर सावंत के अनुसार अति विशिष्ट व्यक्ति के रूप में जनरल बिपिन रावत का निधन साजिश हो सकती है, क्योंकि वहां पर एलटीटी LTT के लोग अधिक सक्रिय हैं इसकी गहनता से जांच की जानी चाहिए। वहा आतंकवादी गतिविधियां सदैव सक्रिय रहती है। यहां सावंत ने आशंका व्यक्त करते हुए जांच की मांग की है।
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समापन
भारतीय सेना सदैव अपने प्रतिभा के लिए जानी जाती है, ऐसी प्रतिभा विश्व में किसी अन्य देश की सेना में देखने को शायद ही कभी मिला हो। भारतीय सेना किसी भी परिस्थिति में अपने अदम्य साहस और शौर्य के लिए जानी जाती है। यही कारण है कि विश्व भर की सेना भारत के साथ सैन्य अभ्यास के लिए लालायित रहती है। रावत जी का जन्म पौड़ी गढ़वाल उत्तराखंड में हुआ वह राजपूत परिवार से संबंध रखते है, उनके पिता सैन्य के उच्च अधिकारी थे। उनके परिवार में सेना के प्रति जो सम्मान और आदर्श थे वह उनके व्यक्तित्व में देखने को भी मिलता है।
वह बेहद सौम्य स्वभाव के थे बहुमुखी प्रतिभा के धनी भी हे।
उन्होंने भारतीय सेना में अपना जो सर्वश्रेष्ठ योगदान दिया वह उनकी भारत के प्रतिशत सच्ची निष्ठा को व्यक्त करता है। उनकी प्रतिभा को देखते हुए ही भारत सरकार ने उन्हें देश की सेवा के लिए भारतीय सेना प्रमुख नियुक्त किया यह पद इससे पूर्व नहीं था। इस पद पर रहकर रावत जी ने देश को सेना के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर नेतृत्व करने की दिशा में कार्य किया।
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बिपिन रावत जी को शत शत नमन
बहुत अच्छी और सही जानकारी दी है आपने, इसके लिए आपको धन्यवाद
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