BharOs भारत का अपना Android देगा गूगल को टक्कर

भारत सरकार तकनीक के क्षेत्र में निरंतर प्रोत्साहित करते हुए उन्नति का मार्ग तलाश रही है। इसी दौरान आई.आई.टी मद्रास (IIT Madras) के माध्यम से एक ऐसा ऑपरेटिंग सिस्टम भारत बनाने में कामयाब हुआ है जिसके माध्यम से विदेशी ऑपरेटिंग सिस्टम पर निर्भरता कम होगी। यह एंड्राइड की भांति कार्य कर सकता है। यह कई मामलों में एंड्रॉयड तथा अन्य ऑपरेटिंग सिस्टम से बेहतर है। इस नए ऑपरेटिंग सिस्टम का नाम BharOS है। पूरा फीचर निम्नलिखित पोस्ट में पढ़ें।

भारत का अपना ऑपरेटिंग सिस्टम BharOs in Hindi

भारत सरकार के वित्त पोषित परियोजनाओं में से एक BharOS परियोजना का सफल प्रयोग हुआ। केंद्रीय संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव तथा धर्मेंद्र प्रधान ने मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत BharOS का सफल प्रयोग किया है इससे भारत का अन्य देशों के ऑपरेटिंग सिस्टम पर निर्भरता कम होगी। भारतीय इस एप्लीकेशन का प्रयोग करते हुए अपने फोन के एक्सपीरियंस को और बेहतर कर सकेंगे इसके माध्यम से बड़े-बड़े कंपनियों की मोनोपोली को कम किया जा सकता है आप अपने मोबाइल में इसे इस्तेमाल करते हुए मनचाही एप्लीकेशन को रख सकेंगे तथा जिन एप्लीकेशन को आप नहीं जानते या प्रयोग नहीं करना चाहते उन्हें हटा सकेंगे वर्तमान स्थिति में एंड्राइड पर कुछ ऐसे एप्लीकेशन यूजर्स को थोपे जाते हैं जिनका वह जीवन में कभी प्रयोग भी नहीं करते। BharOS स्वदेशी तकनीक पर आधारित है। वर्तमान समय में 100 करोड़ से अधिक एंड्रॉयड यूजर को फायदा मिलने वाला है इससे विदेशी ऑपरेटिंग पर निर्भरता कम होगी।

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BharOS कितना सुरक्षित है

BharOS के डेवलपर ने यह प्रमाणित किया है कि यह Andriod तथा IOS से बेहतर सुरक्षात्मक फीचर के साथ कार्य करता है। इसमें यूजर अपने मनचाहे एप्लीकेशन को डाउनलोड कर सकता है तथा उन्हें एप्लीकेशन को हटा सकता है। यह किसी भी एंड्रॉयड फोन के साथ पहले से इंस्टॉल करके नहीं मिलता।

एक एक्सपर्ट होने के नाते मैं आपको यह समझाना चाहूंगा कि कोई भी सिस्टम जब शुरू में मार्केट में आता है तो वह आते ही सफलता हासिल नहीं करता। या पूरी तरीके से सुरक्षित नहीं होता। जैसे जैसे समय आगे बढ़ता है और लोग धीरे-धीरे इस्तेमाल करना शुरू करते हैं तो बहुत सारी खामियां नजर आती है और उसके बाद जो उस सिस्टम के रचना करने वाले लोग हैं वह ध्यान देकर उसे और मजबूत बनाते हैं। इसलिए अगर सुरक्षा की बात करें तो अभी कुछ कह नहीं सकते और जब यह बाजार में आएगा और लोग इसका पूर्ण रूप से इस्तेमाल करना शुरू करेंगे तभी हम यह आकलन लगा सकते हैं कि यह कितना सुरक्षित हैऔर Bharos का इस्तेमाल कितना करना चाहिए

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BharOS की क्या जरूरत थी

भारत विकासशील देश है यहां तकनीक का विकास ग्रामीण जनजीवन तक गुणात्मक रूप से नहीं हो पाया है। ऐसी स्थिति में भारत आगामी कुछ वर्षों में संचार के क्षेत्र में काफी अधिक उन्नति करने वाला है। भारत की जनसंख्या तथा साक्षरता को ध्यान में रखते हुए यहां BharOS की आवश्यकता होती है। वर्तमान स्थिति में स्वदेशी ऑपरेटिंग सिस्टम के नाम पर कुछ नहीं था। आई.आई.टी मद्रास की सफलता के माध्यम से भारत को नया ऑपरेटिंग सिस्टम मिला है जिससे विदेशी ऑपरेटिंग सिस्टम पर निर्भरता कम होगी। सुरक्षा के रूप में भी मजबूती मिलेगी। भारतीय लोगों के डाटा को सुरक्षित रखा जा सकेगा क्योंकि अभी सभी डाटा विदेशी ऑपरेटिंग सिस्टम के पास ही स्टोर रहता है। धीरे-धीरे आगामी भविष्य में भारत विदेशी ऑपरेटिंग सिस्टम से मुक्ति पाने में कामयाब हो सकेगा। यह तकनीकी विकास के क्षेत्र में भारत की उन्नति का नायाब उदाहरण है।

क्या यह गूगल को टक्कर दे सकता है?

भारत की आबादी 140 करोड से भी ज्यादा है और यह आने वाले वर्षों में और भी बढ़ेगी। इतनी आबादी होने का फायदा यह है कि ज्यादा से ज्यादा मोबाइल फोन जो इस्तेमाल होंगे वह भारत से ही किए जाएंगे। और अगर bharos सफलतापूर्वक चल जाता है तो यह आने वाले समय में गूगल को टक्कर दे सकता है। लेकिन इसके लिए हर एक व्यक्ति को अपने मोबाइल में इसको डाउनलोड करना होगा और इसका इस्तेमाल करना होगा तभी ऐसा हो सकता है। हर एक व्यक्ति तक अगर यह सफलतापूर्वक पहुंच जाता है तो मुझे यह कहने में कोई संदेह नहीं है कि यह सिस्टम पूरी दुनिया का नक्शा बदल देगा और भारत को एक नया मुकाम जरूर देगा।

गूगल को टक्कर देना वैसे इतना भी आसान नहीं है क्योंकि वह इंटरनेट की दुनिया में पिछले 20 साल से भी ज्यादा उपलब्ध है और अपना एक मुकाम हासिल कर चुके हैं। परंतु अगर 10 वर्ष बीतते हैं और भारत का या सिस्टम सफलतापूर्वक चल जाता है तो मुझे लगता है कि टक्कर दी जा सकती है और 15-20 वर्ष में पीछे भी छोड़ा जा सकता है।

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समापन

2014 के बाद जब से केंद्र में भारतीय जनता पार्टी की सरकार माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में कार्य कर रही है। तबसे मोदी जी के दूरदृष्टि, भारत को सशक्त बनाने का भरपूर प्रयास किया जा रहा है। मोदी सरकार प्रत्येक क्षेत्र को बारीकी से अध्ययन करते हुए उन्नति के मार्ग पर अग्रसर कर रही है। तकनीक के क्षेत्र में नित्य नए कीर्तिमान स्थापित कर रही है। आज भारत की बड़ी आबादी आर्थिक लेनदेन ऑनलाइन बिना डर के कर रही है इसका श्रेय मोदी सरकार को जाता है।

मोदी जी का दृढ़ निश्चय तथा अपने भारतवासियों पर विश्वास उत्साह, प्रेरणा के माध्यम से यह सभी कार्य संपन्न हो रहे हैं। वह उन्नति के हर एक उस प्रोजेक्ट को प्रोत्साहित कर रहे हैं जिससे भारत की उन्नति सुनिश्चित होती है। तकनीक, अनुसंधान, ज्ञान, विज्ञान, कौशल विकास, उद्योग आदि हरे क्षेत्र में भारत को सशक्त करने का उनका स्वप्न धीरे-धीरे साकार होता जा रहा है।

BharOS के माध्यम से भारत अपना ऑपरेटिंग सिस्टम प्रयोग में ला सकता है। जिससे विदेशी कंपनियों पर निर्भरता कम होगी भारतीयों का डाटा सुरक्षित रह सकेगा। तकनीक के क्षेत्र में विदेशी कंपनियों की मोनोपोली कम होगी। तथा भारतीय तकनीकी क्षेत्र को निश्चित रूप से लाभ मिलेगा।

आपको भारत के द्वारा बनाए गए इस सिस्टम के बारे में क्या लगता है अपनी राय आप हम तक जरूर पहुंचाएं ताकि हम उसका इस्तेमाल करके आप तक और भी जानकारी पहुंचाने का प्रयास करें। आपको इससे जुड़ी अगर कोई जानकारी प्राप्त होती है तो भी आप नीचे कमेंट बॉक्स में साझा कर सकते हैं ताकि कोई अन्य व्यक्ति भी आकर कुछ जानकारी हासिल कर सके। यहां तक जुड़े रहने के लिए आपका धन्यवाद।

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