Today you will read here Basant Panchami Quotes, wishes, greetings, Suvichar, Shayari, Status in Hindi with images.
माता सरस्वती विद्या की देवी हैं इनकी पूजा करने से बुद्धि का लाभ होता है। माना जाता है प्राचीन काल में गुरु अपने विद्यार्थियों को गुरुकुल में इसी मास में लेकर आते थे। यह गुरु और शिष्य के लिए शिक्षा के आदान-प्रदान का प्रमुख मुहूर्त होता है। संभवतः गुरुकुल में आज भी विद्यार्थियों का प्रवेश इसी मास में किया जाता है।
माता सरस्वती की कृपा होते ही भक्त सभी मनोकामनाओं को प्राप्त कर लेते हैं। क्योंकि किसी भी सफलता के पीछे बुद्धि, विवेक, ज्ञान कार्य करता है जो बिना माता सरस्वती की कृपा के अधूरी है।
प्रस्तुत लेख में आप देवी सरस्वती से संबंधित अनमोल वचन सुविचार का व्यापक रूप से अध्ययन करेंगे।
Basant Panchami Quotes in Hindi
1
मन में ले माता का नाम, वही करेंगे पूर्ण काम
ज्ञान बुद्धि की है दाता, हृदय से करो प्रणाम। ।
2
आया बसंत छाई खुशियां,
हरी हो गई देखो दुनिया
शारदे मां की करो पूजा
तब करो कोई काम दूजा। ।
3
जीवन को ऐसे जियो
जैसे हर क्षण बसंत हो
बसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं
4
बसंत के आने से मानो जीवन में
नया उल्लास आया हो, नई ऊर्जा
नया विश्वास आया हो,
नए लक्ष्य को पाने का अवसर आया हो।
5
देखो सरसों के खेत को
जैसे कोई दुल्हन मेहंदी लगा कर बैठी हो
गीत गा रहे दादुर पपीहा जैसे कोई सहेली हो। ।
6
आओ मिलकर दे सर्दी को विदाई
आई रे देखो ऋतू बसंत है आई
फूलों ने मनमोहक सुगंध फैलाई
धरा ने पुनः ली अंगड़ाई। ।
7
बसंत ऋतु के मौसम में
सूरज भी सुस्तता है
हर कली हर डाल पर
एक नया बहार नजर आता है
8
कोयल ने छेड़ा तराना है,
हर एक के जुबां पर नया गाना है
फूलों ने रंग बिखेरा है
आया बसंत का जमाना है। ।
9
आओ नए उत्साह,नए विश्वास के साथ
एक नया संकल्प लेते हैं
जीवन को बदलने का एक नया व्रत लेते हैं।
वसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं।
Basant Panchami Quotes and Wishes in Hindi
1
सरसों की साग, मक्के की रोटी से
आपका बसंत खुशनुमा बने
बसंत पंचमी की ढेर सारी शुभकामनाएं।
2
जीवन में आए खुशियों की बहार
शुभ हो आपका बसंत का त्यौहार।
3
मांग लो बच्चों ज्ञान बल बुद्धि, मां का त्यौहार आया है
मां बुद्धिदायिनी के उपकार से, जीवन सफल बन पाया है।
4
आया बसंत का त्योहार, आपको मिले खुशियां हजार
गिला शिकवा ना रहे जीवन में, खूब मिले आपको प्यार
भेंट करता हूं आपको बसंत पंचमी का त्यौहार।
Basant Panchami Quotes and Shloka with meaning
या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता। या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना।
या ब्रह्माच्युत शंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता। सा माम् पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा।।
विद्या की देवी सरस्वती जो कमल पुष्प पर विराजमान है, जिन्होंने के समान मोतियों की माला धारण की हुई है जिन्होंने श्वेत वस्त्र धारण किए हैं और हाथों में वीणा विराजमान है जिस देवी सरस्वती की पूजा ब्रह्मा विष्णु और शंकर आदि देवता भी करते हैं। जिस देवी से संपूर्ण जड़ता और अज्ञानता दूर होती है ऐसी विद्या दायिनी सरस्वती अज्ञानता से हमारी रक्षा करें हमें बुद्धि का प्रकाश दें।
Basant Panchami Celebrated in which State
बसंत पंचमी का त्यौहार संपूर्ण भारत में बड़े उत्साह और धूमधाम से मनाया जाता है। इस त्यौहार का प्रभाव अब पाश्चात्य देशों में भी देखा जाता है, वहां भी बसंत पंचमी का त्यौहार मनाया जाने लगा है। वहां के निवासियों ने इस त्यौहार की विशेषताओं को जान लिया है, संभवत यही कारण है कि वहां भी आज बसंत पंचमी का त्यौहार देखने को मिलता है।
संपूर्ण भारत में वैसे तो इस त्यौहार को मनाया जाता है, जगह-जगह अनुष्ठान, हवन आदि किए जाते हैं किंतु सर्वाधिक रूप से देखने पर अनुमान लगता है कि इस त्यौहार की विशेष मान्यता बिहार तथा बंगाल में है। इस दिन पारंपरिक वेशभूषा में सभी लोग विशेष पूजा करते हैं। विद्या की देवी की प्रसन्नता के लिए हवन, यज्ञ आदि करते हैं। विद्यार्थी विशेषकर इस पूजा में जुड़ते हैं इन राज्य में विशेष सरकारी अवकाश भी रहता है, यह त्यौहार की विशेषता की भी पुष्टि करता है।
Basant Panchmi ke Kapde ( बसंत पंचमी के वस्त्र, कपडे )
भारतीय संस्कृति में बसंत पंचमी का त्यौहार काफी अहम है। यह नई उर्जा नए विचार का त्यौहार तो है ही चारों ओर वातावरण को देखने पर मालूम होता है कि उन्होंने भी एक नया श्रृंगार धारण किया है। रंग-बिरंगे फूल-पत्ती तथा चारों और हरियाली की बयार बहती है, ऐसे में मानव भी अपने त्यौहार की खुशियों को बढ़ाने के लिए रंग-बिरंगे वस्त्रों को पहनता है।
भारतीय शास्त्रों में प्रत्येक रंग की विशेषताओं का वर्णन किया गया है।
वसंत पंचमी के त्यौहार पर हरा, सफेद, लाल, पीला वस्त्र पहना जाता है। सर्वाधिक रूप से पीले वस्त्र को अधिक मात्रा में पहनते हैं, इसके पीछे संभवत एक कारण यह हो सकता है कि सरसों के माध्यम से अपनी पृथ्वी पर पीले रंग का आभूषण चढ़ जाता है इसी रंग में खुशी में शामिल होने के लिए मानव भी इस दिन पीले वस्त्र को सर्वाधिक मात्रा में धारण करता है।
बसंत पंचमी क्यों मनाया जाता है?
भारत देश में ऋतुओं का विशेष महत्व है, यहां जितने प्रकार के मौसम है उतना किसी अन्य देश में मिलना दुर्लभ है। यहां पतझड़, सावन, बसंत, वर्षा जैसे मौसम समय-समय पर आते हैं और मानव के जीवन को खुशहाल बना जाते हैं। वसंत पंचमी का त्यौहार हिंदू संस्कृति में काफी मान्यता रखता है, इसे प्रकृति का त्यौहार भी कहते हैं। बसंत ऋतु में पृथ्वी एक नवयुवती की भांति सजधज कर तैयार होती है। चारों ओर खुशहाली की लहर बहने लगती है।
इस मौसम में विशेषकर सरस्वती देवी जो विद्यादायिनी है बुद्धि प्रदान करने वाली हैं उनकी पूजा-अर्चना विधि विधान के साथ किया जाता है। आदिकाल से इस पूजा की परंपरा है।
वसंत माह में भगवान विष्णु और कामदेव की भी पूजा का विधान है, जिनके माध्यम से यह पृथ्वी चलाएमान है।
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समापन
बसंत ऋतु का सीधा संबंध व्यक्ति के जीवन से होता है। इस समय, व्यक्ति नहीं अपितु अपनी धरा भी एक नई ऊर्जा को ग्रहण करती है। एक नई शक्ति के साथ सकारात्मक विचारों का प्रसार करता है। चारों ओर खुशियों की बहार बहने लगती है।
इसी प्रकार मानव अपने पुराने विचारों को त्याग कर एक नई सकारात्मक ऊर्जा के साथ आगे बढ़ने का संकल्प करता है। यह मौसम खुशनुमा और ऊर्जा प्रदान करने वाला होता है। यह वसंत ऋतु विद्या की देवी सरस्वती को सिद्ध करने का भी समय है प्राचीन समय में विद्यार्थियों को गुरुकुल में प्रवेश वसंत पंचमी के शुभ अवसर पर ही दिया जाता था।
मां विद्या दायिनी की प्रसन्नता से पूरा विश्व सुख के साथ अपना जीवन निर्वाह करता है। धन, संपदा, वैभव बिना ज्ञान के संभव नहीं है भारत में ही नहीं विश्व भर में विद्या की देवी सरस्वती की पूजा की जाती है और एक उत्तम ज्ञान की प्रार्थना की जाती है जिससे जीवन को सुखमय आनंदमय बनाया जा सके।
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