संसद भवन
राजधानी के बीच में बनी हुई प्रभावशाली इमारतों में एक गोलाकार स्तंभों से बनी इमारत है जो कि संसद भवन के नाम से प्रसिद्ध है। इसे सर एडमिन लुटियंस की योजना पर 1927 में बनाया गया। यह केंद्रीय सचिवालय के चित्रोंपम परिसर में स्थित है , तथा इसका व्यास 171 मीटर चौड़ा है।
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लाल पत्थर से बनी इस प्रभावशाली इमारत का बाहर का बरामदा गोलाकार स्तंभों से घिरा है। तीन मंजिलों की यह इमारत भारत की कानून बनाने की सर्वोच्च संस्था है जिसे संसद के दोनों सदनों राज्यसभा और लोकसभा की बैठकें होती है।
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अंदर का भाग भी बहुत अच्छे तरीके से बना है इसके मध्य में एक सभागृह है , जो की पेचीदा नकाशी से बने गुबंद से ढका हुआ है। मध्य सभाग्रह आसपास के तीन बड़े हॉलों से घिरा है। जोकि लोकसभा राज्यसभा और संसद पुस्कालय है। इन सभागृह के साथ का स्थान फव्वारों और पार्क से सजा है। जो इस इमारत को बहुत वैभवशाली बनाता है।
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इसमें करीब 500 कमरे हैं जिसमें संसद सचिवालय , प्रधानमंत्री कार्यालय , बैंक , डाकघर , रेलवे आरक्षण कार्यालय आदि है।
राष्ट्रीय झंडा इस इमारत पर बड़े गर्व से लहराता है और भारतीय लोकतंत्र का महत्व दर्शाता है कि सरकार जनता की जनता के लिए और जनता द्वारा बनाई गई है।
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